Habib ur Rahman Success Story: इस तैयारी में हबीब का उनके दोस्त हरेंद्र सिंह राठौर ने भी पूरा साथ दिया. हबीब को हरेंद्र से बेहतर गाइडेंस मिली और साथ ही उनके कमरे में भी रहे.
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UPPCS Habib ur Rahman: जब जज्बा कुछ कर गुजरने का होता है तो फिर सिर्फ टारगेट पर फोकस करते हैं और तक उसे नहीं छोड़ते जब तक उसे हासिल नहीं कर लेते. ऐसी ही कहानी है हबीब उर रहमान की. हबीब उर रहमान पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात थे. वहीं से वह तैयारी करते हुए तहसीलदार के पद तक पहुंचे.
तहसीलदार बनने से पहले उन्होंने लोअर पीसीएस में मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर सफलता हासिल की थी. हबीब उर रहमान ने पुलिस में नौकरी करते हुए सिविल सेवा में जाने का मन बनाया. यहीं से उन्हें प्रेरणा भी मिली. इसके लिए वह रोजाना 5 घंटे पढ़ाई करते थे. उनका मानना है कि धैर्य, निरंतरता और बेहतर गाइडेंस से ही सफलता मिली है.
हबीब गोण्डा के रहने वाले हैं. उन्होंने आईटी फैजाबाद से 2010 में बीटेक कर ली थी. पढ़ाई में अच्छे थे इसके लिए उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था. जब बीटेक पूरी हुई तो उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करनी शुरू कर दी, लेकिन पढ़ाई और सरकारी नौकरी के लिए एग्जाम देना जारी रखा. साल 2014 में उन्हें पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी मिल गई. नौकरी मिलने के बाद ही उन्हें सिविल सर्विसेज में जाने की प्रेरणा मिली.
इस तैयारी में हबीब का उनके दोस्त हरेंद्र सिंह राठौर ने भी पूरा साथ दिया. हबीब को हरेंद्र से बेहतर गाइडेंस मिली और साथ ही उनके कमरे में भी रहे. हबीब ने साल 2016 पीसीएस परीक्षा के तहत एग्जाम दिया था. जब रिजल्ट आया तो उस समय राज्य में UPPCS में 633 कैंडिडेट्स का सेलेक्शन हुआ. इनमें 53 डिप्टी कलेक्टर और 52 डिप्टी एसपी का सेलेक्शन हुआ. उस एग्जाम के लिए कुल 250696 कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया था.
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