पति IIT-IIM से पास आउट, ससुर थे BHU के VC, अब यूपी की बहू आतिशी के हाथ दिल्ली की कमान
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पति IIT-IIM से पास आउट, ससुर थे BHU के VC, अब यूपी की बहू आतिशी के हाथ दिल्ली की कमान

Atishi Daughter-in-Law of UP: आतिशी का यूपी से खास नाता है. दरअसल, उनका ससुराल बनारस में है. उनके पति प्रवीण सिंह आईआईटी और आईआईएम जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़े हुए हैं. वहीं उनके ससुर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर रह चुके हैं.

पति IIT-IIM से पास आउट, ससुर थे BHU के VC, अब यूपी की बहू आतिशी के हाथ दिल्ली की कमान

नई दिल्ली: आतिशी आम आदमी पार्टी की एक प्रख्यात नेता, अब दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और इसी के साथ वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री भी बन गई हैं. आतिशी का जीवन और करियर कई दिलचस्प पहलुओं से भरा हुआ है, खासकर उनका बनारस और पूर्वांचल से गहरा नाता होना.

बनारस से जुड़ा नाता
दरअसल, आतिशी का पति प्रवीण मूल रूप से मिर्जापुर के मझवां ब्लॉक के अनंतपुर गांव के रहने वाले हैं. उनका परिवार लंबे समय से वाराणसी के लंका क्षेत्र में रहता आ रहा है. आतिशी और प्रवीण की शादी साल 2006 में बनारस में हुई थी, और दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होने से पहले तक काशी ही उनका स्थायी ठिकाना हुआ करता था.

प्रवीण का परिवार और बैकग्राउंड
प्रवीण का परिवार बेहद शिक्षित है. आतिशी के ससुर बीएचयू के पूर्व कुलपति (Former Vice Chancellors) रह चुके हैं. प्रवीण खुद आईआईटी (IIT) और आईआईएम (IIM) जैसे प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट से पढ़े हुए हैं. हायर एजुकेशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने समाज सेवा में खुद को समर्पित कर दिया है.

आतिशी और प्रवीण की मुलाकात
आतिशी और प्रवीण की मुलाकात समाज सेवा के काम के दौरान हुई थी. गांवों के विकास के लिए मिलकर काम करने की वैचारिक समानता के कारण दोनों करीब आए थे. आतिशी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज और लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. सामाजिक कार्यों के दौरान प्रवीण से उनकी मुलाकात हुई और कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली.

राजनीतिक करियर
आतिशी पिछले कुछ सालों में आम आदमी पार्टी का एक विश्वसनीय चेहरा बनकर उभरी हैं. उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने वाली कमेटी की प्रमुख सदस्य के रूप में भी काम किया है. केजरीवाल और सिसोदिया के जेल में रहते हुए भी उन्होंने पार्टी का मजबूती से समर्थन किया है.

आतिशी का जीवन एक प्रेरणादायी कहानी है. उन्होंने शिक्षा, समाज सेवा और राजनीति में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उनका बनारस और पूर्वांचल से गहरा नाता उनके व्यक्तित्व को एक विशेष आयाम देता है. दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में उनसे राज्य के विकास के लिए कई नए और सकारात्मक कदम उठाने की उम्मीद है.

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