UPSC की कोचिंग के लिए नहीं है पैसे, तो IAS गंधर्व राठौर से जानें बिना कोचिंग कैसे करें तैयारी
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UPSC की कोचिंग के लिए नहीं है पैसे, तो IAS गंधर्व राठौर से जानें बिना कोचिंग कैसे करें तैयारी

How to Prepare for UPSC CSE Without Coaching: अगर आप यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग जाने के पैसे नहीं हैं, तो आप आईएएस गंधर्व राठौर की स्ट्रेटजी अपना सकते हैं.

UPSC की कोचिंग के लिए नहीं है पैसे, तो IAS गंधर्व राठौर से जानें बिना कोचिंग कैसे करें तैयारी

IAS Gandharva Rathore UPSC Success Story: हर साल अनगिनत उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के अपने सपने को साकार करने के लिए भारत की सबसे कठिन परीक्षा के लिए प्रयास करते हैं. लेकिन मुट्ठी भर उम्मीदवार ही इस तीन लेवल की परीक्षा को उत्तीर्ण करने में सफल हो पाते हैं और आईएएस, आईपीएस और आईएफएस बनने का सपना पूरा कर पाते हैं. इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर उनकी कड़ी मेहनत का असल पुरस्कार मिलेता है. आज हम आपको एक ऐसी उम्मीदवार गंधर्व राठौर के बारे में बताएंगे, जो 2016 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और इनकी कहानी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए सफलता का मंत्र साबित हो सकता है.

गंधर्व राठौर का होम टाउन जयपुर, राजस्थान है, जहां उनका जन्म हुआ और जहां से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने साल 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज फॉर कॉमर्स (SRCC) से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, साल 2015 में, उन्होंने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया.

बिना कोचिंग दूसरे प्रयास में बनीं IAS
इसके बाद वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के प्रति गंभीर हो गईं. साल 2016 में, उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की. उन्होंने बिना किसी कोचिंग की सहायता के इस परीक्षा में 93वां स्थान प्राप्त किया.

ऐसे की थी तैयारी
गंधर्व अपनी पहली प्रीलिम्स परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रही थी. हालांकि, सीखे गए चैप्टर्स का अभ्यास करके गंधर्व ने कई दोस्तों, साथी उम्मीदवारों और सफल उम्मीदवारों के साथ बातचीत की ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या पढ़ाई करनी है और प्रत्येक विषय पर कितना समय खर्च करना है.

हालांकि, गंधर्व राठौर उन प्रशासनिक अधिकारियों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिना किसी गाइडेंस के पूरी की थी. उन्होंने कोचिंग में दाखिला नहीं लिया, लेकिन सबसे पहले उन्होंने दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की सभी किताबों की दुकानों और कोचिंग सेंटरों का दौरा किया.

यहीं पर उन्हें हर विषय के लिए प्रासंगिक नोट्स मिले. इसके बाद प्रत्येक विषय के लिए स्टडी गाइडेंस और कोर्स को ध्यान से पढ़ा. गंधर्व को अपने दोस्तों से भी सपोर्ट मिला, जो पहले अन्य कोचिंग सुविधाओं में भाग ले चुके थे.

कहा मेंस की ध्यान में रखकर शुरू करें तैयारी
गंधर्व उम्मीदवारों को मेंस परीक्षा को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी शुरू करने की सलाह देती हैं. गंधर्व के अनुसार, वह अपना अस्सी प्रतिशत समय मेन्स की तैयारी में और आधा समय अतिरिक्त विषय पर बिताती थी. वह इस बात पर जोर देती हैं कि वैकल्पिक विषय एक ऐसा क्षेत्र है, जो सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए आवश्यक है. प्रीलिम्स परीक्षा में जाने से पहले, गंधर्व ने खुद मेंस और ऑप्शनल सब्जेक्ट की तैयारी पूरी की.

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