PhD के लिए इन-हाउस प्रवेश परीक्षा पर हो रहा विचार, UGC NET कथित पेपर लीक के बाद JNU का फैसला
Advertisement
trendingNow12332132

PhD के लिए इन-हाउस प्रवेश परीक्षा पर हो रहा विचार, UGC NET कथित पेपर लीक के बाद JNU का फैसला

JNU PhD Admission: कथित यूजीसी-नेट पेपर लीक के चलते परीक्षा रद्द कर दी गई. ऐसे में जेएनयू पीएचडी में दाखिले के लिए इन-हाउस एंट्रेंस एग्जाम कराने पर विचार कर रहा है. कहा जा रहा है कि यह डिमांड स्टूडेंट्स की ओर से की जा रही है. पढ़िए पूरी खबर...

PhD के लिए इन-हाउस प्रवेश परीक्षा पर हो रहा विचार, UGC NET कथित पेपर लीक के बाद JNU का फैसला

JNU In House Entrance For PhD Admission: यूजीसी नेट (UGC NET) 2024 पेपर लीक मामले को लेकर जांच अब भी जारी है. ऐसे में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी कोर्सेस में एडमिशन के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने की प्रणाली पर विचार कर रहा है. जेएनयू के पीएचडी कोर्स में एडमिशन इस एकेडमिक सेशन में रद्द कर दिए गए, क्योंकि नेट 2024 स्कोर के आधार पर इसमें एडमिशन होना था. 

JNU ने की थी PhD चयन प्रक्रिया में बदलाव की घोषणा
कथित यूजीसी नेट पेपर लीक के चलते अखंडता संबंधी चिंताओं के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई थी. इसी के चलते पीएचडी के लिए जेएनयू इन-हाउस प्रवेश परीक्षा पर विचार कर रहा है. बता दें कि इस साल जेएनयू ने अपने PhD कोर्सेस में एडमिशन के लिए अपनी चयन प्रक्रिया में बदलाव का ऐलान किया था. इस सेशन की शुरूआत में जेएनयू ने कहा था कि वह एनईपी 2020 के अनुरूप इन-हाउस प्रवेश परीक्षा से एडमिशन लेने के जगह नेट के स्कोर से एडमिशन देगा.

मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को जारी किए एक बयान के मुताबिक जेएनयू अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रहा है, ऐसी घोषणा जेएनयू टीचर एसोसिएशन ने की. जेएनयूटीए के मुताबिक पीएचडी प्रवेश के लिए फिर से जेएनयू इन-हाउस प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की पुरानी प्रणाली शुरू के लिए 3 जुलाई 2024 को फैसला लिया गया है. 

जेएनयूटीए ने बयान में कहा, "यह 3 जुलाई 2024 को कुलपति और स्कूलों के डीन की बैठक में लिए गए निर्णयों का स्वागत करता है. साथ ही इस मामले को स्कूलों/केंद्रों के संकाय को उनकी राय के लिए संदर्भित करता है"

टीचर्स और स्टूडेंट्स की मांग
यूनिवर्सिटी के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि इस तरह का विचार अभी चल रहे हैं. जानकारी मिली है कि पिछले साल से ही टीचर्स और स्टूडेंटस ने एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली यूजीसी नेट परीक्षा में आने वाली परेशानियों को सामने रखा है. उनकी मांग है कि एट्रेंस एंग्जाम के आयोजन का जिम्मा फिर से यूनिवर्सिटी ही संभाले. 

इस साल रद्द कर दी गई यूजीसी नेट परीक्षा
आपको बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को यूजीसी नेट 2024 की अखंडता से समझौता होने की संभावना की सूचना मिलने के बाद परीक्षा रद्द कर दी थी. इस मामले की जांच CBI को सौंपी दी गई. कथित यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में की जांच अभी भी शुरू है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कई सालों से परीक्षा आयोजित कर रही है. पीएचडी कोर्सेस में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को कंप्यूटर आधारित परीक्षा में शामिल होना पड़ता है. 

Trending news