NEET-UG 2024 Paper Leak: 5298 गवाह, 290 डॉक्यूमेंट; 45 फिजिकल चीजें और 5500 पेज की चार्जशीट
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NEET-UG 2024 Paper Leak: 5298 गवाह, 290 डॉक्यूमेंट; 45 फिजिकल चीजें और 5500 पेज की चार्जशीट

NEET UG Paper Leak CBI Charge Sheet: हल पेपर को कथित तौर पर स्कैन करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया था, जहां गिरोहों ने उन्हें प्राप्त किया, उन्हें प्रिंट किया और उन उम्मीदवारों को सौंप दिया.

NEET-UG 2024 Paper Leak: 5298 गवाह, 290 डॉक्यूमेंट; 45 फिजिकल चीजें और 5500 पेज की चार्जशीट

NEET UG 2024 Paper Leak: सीबीआई ने 144 अभ्यर्थियों की पहचान की है जिन्होंने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने से कुछ घंटे पहले नीट-यूजी के लीक और हल पेपर पाने के लिए कथित तौर पर पैसे दिए थे. अधिकारियों ने 7 अक्टूबर को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने पिछले सप्ताह दाखिल अपने तीसरे आरोप पत्र में पंकज कुमार का नाम दर्ज किया है जिसने झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्राचार्य अहसानुल हक और उप प्राचार्य मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ मिलीभगत करके स्कूल से पेपर चुराए थे. उन्होंने बताया कि अपराध कथित रूप से उस समय किया गया जब बैंक वॉल्ट से पेपर लेकर ट्रंक पांच मई को सुबह आठ बजे के बाद स्कूल पहुंचे थे जिस दिन परीक्षा होनी थी.

अहसानुल हक हजारीबाग के शहर समन्वयक थे और आलम को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- स्नातक (नीट यूजी) 2024 आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया था. आरोप पत्र में 5,500 पन्ने हैं जिसमें 298 गवाहों, 290 दस्तावेजों और 45 भौतिक वस्तुओं के आधार पर निष्कर्ष पेश किए गए हैं, तथा पेपर लीक करने वाले गिरोह के काम करने के तरीके की डिटेल भी दी गई हैं. उन्होंने बताया कि हक और आलम ने जमशेदपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर कुमार को कथित तौर पर उस कमरे में एंट्री करने की इजाजत दी, जहां ट्रंक रखे हुए थे. सीबीआई ने आरोप लगाया कि कुमार ने पेपर वाले ट्रंक के कब्जों से छेड़छाड़ की, एक पेपर निकाला और इसके सभी पेज की फोटो ली.

एजेंसी के अनुसार उसने पेपर वापस रखकर ट्रंक को फिर से सील कर दिया और कंट्रोल रूप से बाहर आ गया. सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "पंकज ने ट्रंक को खोलने और सील करने के लिए एक अत्याधुनिक टूल किट का इस्तेमाल किया. इस टूल किट को सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से जब्त किया. स्कूल कैंपस से निकलने के बाद, उसने पेपर की तस्वीरें अपने साथी सुरेंद्र कुमार शर्मा को दीं, जो राज गेस्ट हाउस, हजारीबाग में था." मेडिकल के नौ स्टूडेंट-करण जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, संदीप कुमार और अमित कुमार ने हजारीबाग के गेस्ट हाउस में इन पेपर को हल किया.

इन हल पेपर को कथित तौर पर स्कैन करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया था, जहां गिरोहों ने उन्हें प्राप्त किया, उन्हें प्रिंट किया और उन उम्मीदवारों को सौंप दिया, जिन्होंने परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले लीक और हल किए गए पेपर पाने के लिए भारी रकम का भुगतान किया था. प्रवक्ता ने कहा, "केवल उन उम्मीदवारों को इन जगहों में एंट्री करने की अनुमति थी, जिन्होंने अग्रिम भुगतान किया था. उम्मीदवारों को बाद में दोपहर 12:15 बजे के बाद अपने परीक्षा केंद्रों के लिए जाने की अनुमति दी गई, लेकिन कॉपी साथ ले जाने पर रोक लगा दी गई."

कैंडिडेट्स के चले जाने के बाद गिरोह सदस्यों ने हल किए गए पेपर को जला दिया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जाने से पहले उम्मीदवारों की तलाशी ली गई थी और उन्हें इन स्थानों पर अपने मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी. पटना के एक ऐसे ही हॉस्टल में आधे जले हुए पेपर का एक टुकड़ा बरामद किया गया, जहां ये उम्मीदवार रह रहे थे. सीबीआई ने कहा कि उसने इन स्थानों पर मौजूद रहे 144 उम्मीदवारों की भी पहचान की है जो इस पेपर लीक के लाभार्थी थे और उनके खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है.

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एजेंसी ने कहा, "इस मामले में मुख्य आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए 21 मोबाइल फोन भी सीबीआई ने गोताखोरों की मदद से अलग अलग जलाशयों से बरामद किए हैं." केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्य साजिशकर्ताओं और पेपर हल करने वालों समेत 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनमें से 40 के नाम एजेंसी द्वारा अब तक जमा किए गए तीन आरोप पत्रों में दर्ज हैं.

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इनपुट भाषा से

 

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