गजब हाल है! स्याही खत्म तो अटक गईं 10,000 से ज्यादा डिग्रियां, स्टूडेंट्स रोज काट रहे यूनिवर्सिटी के चक्कर
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गजब हाल है! स्याही खत्म तो अटक गईं 10,000 से ज्यादा डिग्रियां, स्टूडेंट्स रोज काट रहे यूनिवर्सिटी के चक्कर

Ranchi University: स्याही खत्म होने के कारण रांची यूनिवर्सिटी के10,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को परेशान होना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें समय से अपनी डिग्रियां नहीं मिल पा रही. हर दिन छात्र डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहे हैं.

गजब हाल है! स्याही खत्म तो अटक गईं 10,000 से ज्यादा डिग्रियां, स्टूडेंट्स रोज काट रहे यूनिवर्सिटी के चक्कर

Ranchi University Students Degrees Stuck: एकदम गजब हाल है! एक तरफ तो देश में एजुकेशन सिस्टम में बेहतरी को लेकर कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ पुरानी व्यवस्थाएं ही दुरुस्त नहीं है. अब झारखंड की रांची यूनिवर्सिटी को ही देख लीजिए, यहां के स्टूडेंट्स को सिर्फ इसलिए परेशान होना पड़ रहा है, क्योंकि स्याही खत्म होने के कारण डिग्रियां प्रिंट नहीं हो पा रही हैं. सबसे ज्यादा दिक्कते उन स्टूडेंट्स को झेलनी पड़ रही हैं, जिनकी जॉब लग चुकी है.  आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरी मामला.

इतनी है स्याही की कीमत
जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी के मोरहाबादी कैंपस स्थित इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग सेंटर (EDPC) में डिग्रियां प्रिंट होती हैं. इंद खत्म होने के चलते मारवाड़ी ब्वॉयज और मारवाड़ी वीमेंस कॉलेज के स्टूडेंट्स को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है, क्योंकि स्याही के इंतजार में अब तक दो एकेडमिक सेशन के पास आउट स्टूडेंट्स की डिग्रियां प्रिंट नहीं हो पाई है. वहीं, व्यक्तिगत रूप से भी कई स्टूडेंट्स ने डिग्री के लिए अप्लाई किया है. सबसे ज्यादा ऐसे छात्र परेशान हो रहे हैं, जिनकी नौकरी लग गई है. जॉब जॉइन कर चुके स्टूडेंट्स को हर हाल में डिग्री चाहिए. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस स्याही का कीमत महज 12,000 रुपये है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईडीपीसी सेंटर के इंचार्ज का कहना है कि 1.5 साल पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन इंक का स्टाक उपलब्ध कराने के लिए लेटर लिखा गया था. फिर अभी 3 महीने पहले भी ईडीपीसी सेंटर की ओर से यूनिवर्सिटी को स्याही खत्म होने की बात से अवगत कराया गया, लेकिन इंक का इंतजाम नहीं हुआ, जिसके चलते डिग्रियों की प्रिटिंग रोकनी पड़ी. 

दिखाना पड़ रहा जॉइनिंग लेटर
जानकारी मिली है कि पिछले तीन महीने से केवल उन छात्रों को डिग्री दी जा रही थी, जिनकी ​नौकरी लग गई है.​ ईडीपीसी में स्टूडेंट्स को फॉर्म के साथ जॉइनिंग लेटर की कॉपी भी अटैच को कहा गया था, क्योंकि इंक लेवल कम होने के कारण कई डिग्रियां फेडेड छपी थी. 

छात्रों ने जताया विरोध
डिग्री न मिलने और प्रिंटिंग बंद होने को लेकर छात्रों ने विरोध भी जताया था. फिर यूनिवर्सिटी अधिकारी द्वारा जल्द स्याही उपलब्ध कराने का आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन खत्म हुआ.

जॉब मिली, लेकिन डिग्री नहीं
जानकारी के मुताबिक अभी ईडीपीसी में डिग्री प्रिंटिंग का काम पूरी तरह से बंद है. मारवाड़ी महिला कॉलेज से पास आउट श्रुति पांडे ने जून में डिग्री के लिए अप्लाई कर दिया था, लेकिन अब कर डिग्री नहीं मिली है. छात्रा को बैंक में जॉब लग गई है, लेकिन अब तक ​डिग्री नहीं मिल पाई है.

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