SDM Success Story: दिन में नौकरी, रात में पढ़ाई; ऐसी है अमित कुमार के एसडीएम बनने की कहानी
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SDM Success Story: दिन में नौकरी, रात में पढ़ाई; ऐसी है अमित कुमार के एसडीएम बनने की कहानी

BPSC Success Story: बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने बीपीएससी 64वीं परीक्षा पास की थी और 95वीं रैंक आई थी. इसके बाद वो प्रोबेशनरी ऑफिसर बने थे. 

SDM Success Story: दिन में नौकरी, रात में पढ़ाई; ऐसी है अमित कुमार के एसडीएम बनने की कहानी

SDM Amit Kumar Success Story: जब आप कुछ करने की ठान लेते हैं तो फिर उसे पाने के लिए आप हर संभव प्रयास करते हैं. और जब पढ़ाई की बात आती है तो इसमें सब कुछ खुद ही करना होता है तो फिर सिर्फ अपना लक्ष्य ही दिखाई देता है. आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एसडीएम बनने वाले अमित कुमार की, जिन्होंने तय कर लिया था कि एसडीएम ही बनना है. इससे नीचे के किसी भी पद के साथ कोई समझौता नहीं करना है. 

अमित कुमार का सपना शुरू से ही केवल एसडीएम बनने का ही था. इसलिए उन्होंने पहली बार में बीपीएससी एग्जाम क्रैक करने के बावजूद तैयारी लगातार जारी रखी. पहली बार में उन्हें राज्य में 95वीं रैंक हासिल हुई थी 95वीं रैंक प्राप्त करने के बाद उन्हें प्रोबेशनरी ऑफिसर का पद मिला था, लेकिन वे इस पद से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इसके लिए अपनी आगे की तैयारी जारी रखी. इसके बाद उन्होंने दिन में नौकरी और रात में पढ़ाई के जरिये इस बार एसडीएम बनने के सपने को पूरा कर लिया.

अमित कुमार को बीपीएससी 67वीं परीक्षा में 51वीं रैंक मिली है और SDM बने हैं. साल 2007 में उन्हें विजया बैंक में नौकरी मिल गई थी, इसके बाद उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक में भी जॉब हासिल कर ली थी, फिर भी उन्होंने बीपीएससी एग्जाम की तैयारी नहीं छोड़ी. अमित कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने दूसरी बार में बीपीएससी की परीक्षा पास की थी. बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने बीपीएससी 64वीं परीक्षा पास की थी और 95वीं रैंक आई थी. इसके बाद वो प्रोबेशनरी ऑफिसर बने थे. बावजूद इसके उन्होंने बीपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी.

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अमित कुमार ने कहा था कि SDM बनने का सपना इतना बड़ा था कि उसके सामने दिन-रात कुछ नहीं देखा, पूरी मेहनत की. अमित कुमार कहते हैं कि वे दिन में नौकरी करते थे और रात में पढ़ाई करते थे. इसका क्रेडिट वे अपनी पत्नी को भी देते हैं, उन्होंने तैयारी में पूरा सपोर्ट किया और परिवार की पूरी जिम्मेदारी ले ली.

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