UP पुलिस भर्ती का पेपर अहमदाबाद से हुआ लीक, सील बॉक्स तोड़ने पटना से आया था स्पेशलिस्ट
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UP पुलिस भर्ती का पेपर अहमदाबाद से हुआ लीक, सील बॉक्स तोड़ने पटना से आया था स्पेशलिस्ट

UP Police Constable Paper Leak Conspiracy: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2024 का पेपर अहमदाबाद से लीक किया गया था. ट्रांस्पोर्ट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों ने पेपर लीक के मांस्टरमाइंड के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था. क्वेश्चन पेपर रखे सील्ड बॉक्स को खोलने के लिए स्पेशलिस्ट को बुलाया गया था.

UP पुलिस भर्ती का पेपर अहमदाबाद से हुआ लीक, सील बॉक्स तोड़ने पटना से आया था स्पेशलिस्ट

UP Police Constable Bharti 2024 Paper Leaked: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है. एसटीएफ की जांच में पता चला है कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर अहमदाबाद में प्रिंट होने के लिए दिए गए थे. इसके बाद क्वेश्चन पेपर को यूपी लाने का टेंडर अहमदाबाद की ही एक ट्रांस्पोर्ट कंपनी को दिया गया था, जिसके दो कर्मियों ने यहां काम कर चुके अभिषेक शुक्ला से साथ मिलकर पेपर लीक कर दिया.

जिन सील्ड बॉक्स में परीक्षा के क्वेश्चेन पेपर रख गए थे, उस बॉक्स को तोड़ने के लिए आरोपियों ने पटना से स्पेशलिस्ट को बुलवाया था. बॉक्स तोड़ने के बाद उन्होंने पेपर की फोटो खींची और उसे पेपर लीक करने वाले माफियाओं को भेज दिया. बता दें कि यूपी एसटीएफ ने ट्रांस्पोर्ट कंपनी के दोनों कर्मियों सहित कुल 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा एसटीएफ ने पटना से अहमदाबाद आए उस डॉक्टर को भी अरेस्ट कर लिया है, जिसने सील्ड बॉक्स तोड़ा था.

यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस पूरे षड्यंत्र का मास्टर माइंड नयन मिश्रा है, जो इस वक्त फरार है. यूपी RO-ARO की परीक्षा लीक के मामले में भी वह शामिल है. वह राजस्थान में भी कई बार भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करता रहा है. डीजीपी ने कहा उसकी गिरफ्तारी के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी.

बता दें कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक 178 FIR दर्ज की जा चुकी है, जिसके तहत 396 लोगों की गिरफ्तारी हई है.

ट्रांस्पोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने साथ मिलकर रचा षड्यंत्र

आरोपी अभिषेक शुक्ला ने पूछताछ में बताया कि वह बीएससी पास है. उसने साल 2021 में टीसीआई एक्सप्रेस कंपनी अहमदाबाद में ट्रेनिंग एक्जीक्यूटिव के पद पर जॉइन किया था. ट्रेनिंग के दौरान ही उसकी मुलाकात अंकित मिश्रा नामक व्यक्ति से हुई थी, जिसका कंसल्टेंसी का कार्यालय भोला हास्पिटल प्रयागराज के सामने था. अंकित मिश्रा ने ही अभिषेक शुक्ला की जान पहचान रवि अत्री नामक व्यक्ति से कराई थी, जो गौमतबुद्धनगर का रहने वाला था. अभिषेक ने 06 माह बाद ही टीसीआई एक्सप्रेस कंपनी छोड़ दी.

टीसीआई में नौकरी के दौरान ही अभिषेक शुक्ला की मुलाकात वहां काम करने वाले शिवम गिरि से हुई थी, जो यूपी के मिर्जापुर के रहने वाला है. आरोपी शिवम गिरी ने पूछताछ में बताया कि जब उसने साल 2020 में टीसीआई एक्सप्रेस कंपनी दिल्ली में करीब 10-11 माह काम किया था, जिसके बाद दिसम्बर 2020 को उसका ट्रांस्फर खेडा वेयर हाउस अहमदाबाद हो गया, जहां उसकी मुलाकात अभिषेक शुक्ला व रोहित पाण्डेय से हुई.

आरोपी रोहित कुमार पाण्डेय ने पूछताछ में बताया कि उसने बीएससी कानपुर यूनिवर्सिटी से किया है. नवंबर 2021 में टीसीआई एक्सप्रेस कंपनी अहमदाबाद में नौकरी जॉइन की थी. काम करने के दौरान करीब दो महीने बाद उसकी मुलाकत उसी कम्पनी में काम करने वाले शिवम गिरि से हुई और अभिषेक शुक्ला से रोहित पाण्डेय की मुलाकात शिवम गिरि के माध्यम से हुई थी.

वर्तमान में आरोपी अभिषेक शुक्ला टीसीआई एक्सप्रेस कम्पनी छोड़ चुका था, जबकि शिवम गिरि और रोहित पाण्डेय तीनों टीसीआई में काम कर रहे थे. तीनों आपस में एक दूसरे से भली भांति जानते थे, जिस कारण पेपर लीक प्रकरण में इन्होंने एक साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया.

इस तरह दिया गया पेपर लीक घटना को अंजाम

रवि अत्री ने अभिषेक शुक्ला से टीसीआई कम्पनी में पेपर आने की बात बतायी थी, जिसके बाद अभिषेक शुक्ला ने शिवम गिरि से प्रेस में कोई भी मेटीरियल या पेपर कंपनी में आने पर उसे बताने को कहा था. रवि अत्री ने कहा था कि पेपर आउट कराने के लिए 5 लाख रुपये तथा सभी काम सकुशल पूर्ण होने के बाद 15 से 20 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा रवि अत्री ने यह भी कहा था कि अगर शिवम गिरि के साथ कोई और व्यक्ति भी पेपर आउट कराने में उसकी मदद करेगा, तो उसे भी 5 लाख रुपये दिए जाएंगे.

1 फरवरी 2024 को शिवम गिरि ने अभिषेक शुक्ला को कॉल करके बताया था कि शायद यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर आए हैं. अभिषेक शुक्ला ने यह बात रवि अत्री को बतायी, तो रवि अत्री ने उससे कहा कि शिवम गिरि से कहकर बॉक्स की फोटो मंगवा लो. इसके बाद 3 फरवरी को अभिषेक शुक्ला अहमदाबाद चला गया और रवि अत्री भी दिल्ली से अहमदाबाद आ गया. 4 फरवरी को शिवम गिरि ने पेपर रखे सील्ड बॉक्स की फोटो खीचकर अभिषेक शुक्ला को भेजी और अभिषेक ने उस फोटो को रवि अत्री को भेजा.

रवि अत्री ने अभिषेक शुक्ला के सामने प्रयागराज के राजीव नयन मिश्रा को कॉल करके सारी बाते बताई और बॉक्स की फोटो भेजी. इसके बाद रवि अत्री ने अभिषेक शुक्ला की बात राजीव नयन मिश्रा से कराई और राजीव नयन मिश्रा ने उससे कहा कि किसी भी तरह यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर निकलवाओ. रवि अत्री व राजीव नयन मिश्र ने अभिषेक से कहा था कि यह काम हो गया, तो तुम्हें इतने पैसे मिलेंगे कि जीवन में और कुछ करने की जरूरत नही होगी और साथ मे सरकारी नौकरी भी लगवाने की बात कही.

इसके बाद 5 फरवरी को राजीव नयन मिश्रा भोपाल से अहमदाबाद पहुंचा और उसने 3 लाख रूपये शिवम गिरि के खाते में डाल दिए. वहीं, 5 फरवरी को ही रवि अत्री ने पटना के रहने वाले डॉ शुभम मण्डल, जो सील्ड बाक्स खोलने में एक्सपर्ट था, उसको कॉल करके सारी बाते बताई और उसको अहमदाबाद आने के लिये कहा. डॉ शुभम मण्डल 5 फरवरी को ही रात में करीब 9:30 बजे प्लाईट से अहमदाबाद पहुंच गया.

अभिषेक शुक्ला, रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा एयरपोर्ट से डॉ शुभम मण्डल को लेकर रात में ही करीब 11:30 बजे टीसीआई कंपनी में पहुंचे, जहां पर शिवम गिरि और रोहित कुमार पाण्डेय पहले से ही मौजूद थे. राजीव नयन मिश्रा ने डॉ शुभम मण्डल को अपना फोन दिया और शिवम गिरि के साथ जाकर पेपर का फोटो खीच लेने को कहा. इसके बाद शिवम गिरि के साथ डॉ शुभम मण्डल और रोहित कुमार पाण्डेय टीसीआई कंपनी के अंदर गए और सील्ड बॉक्स को पीछे से खोलकर यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के 02 कोड के पेपर निकालकर उनकी फोटो खींच ली.

पेपर की फोटो खींचने के बाद अभिषेक शुक्ला, रवि अत्री, डॉ शुभम मण्डल और राजीव नयन मिश्रा दशमेश होटल चले गये. जबकि शिवम गिरि व रोहित कुमार पाण्डेय टीसीआई के मेस में ही रुक गये.

इसके बाद 7 फरवरी को भी 01 कोड का प्रश्न-पत्र और आया, जिसकी जानकारी शिवम गिरि ने अभिषेक शुक्ला को दी, जिसे अभिषेक शुक्ला ने राजीव नयन मिश्रा व रवि अत्री को बताया. इसके बाद 8 फरवरी को रवि अत्री ने फिर से डॉ शुभम मण्डल व राजीव नयन मिश्र को दोबारा अहमदाबाद बुलाया और राजीव नयन मिश्रा ने अपना मोबाईल फोन डॉ शुभम मण्डल को देकर कहा कि शिवम गिरि के साथ जाकर पेपर की फोटो खींच लो. शिवम गिरि के साथ डॉ शुभम मण्डल और रोहित पाण्डेय टीसीआई के अन्दर गये और डॉ शुभम मण्डल द्वारा ट्रंक बॉक्स पीछे से खोलकर यूपी पुलिस का एक कोड का पेपर निकालकर उसकी फोटो खींच ली.

8 फरवरी की सुबह डॉ शुभम मण्डल फ्लाईट से पटना चला गया और राजीव नयन मिश्रा और बांकी लोग परीक्षा के प्रश्न-पत्र के चौथे कोड के इंतजार में रुके रहे. लेकिन चौथे कोड का प्रश्न-पत्र नहीं निकल पाया.

राजीव नयन मिश्रा व रवि अत्री ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा-2024 के प्रश्न-पत्र को विक्रम पहल, मोनू ढाकला, विक्रम दहिया, महेन्द्र शर्मा, गौरव चौधरी, मोनू पंडित, सतीश धनकड (नेचर वेली रिसोर्ट का मालिक), नीटू, धीरज आदि को दिया.

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