'IAS के पद से क्यों ना हटाया जाए?' पूजा खेडकर के खिलाफ UPSC ने दर्ज कराई FIR, भेजा नोटिस
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'IAS के पद से क्यों ना हटाया जाए?' पूजा खेडकर के खिलाफ UPSC ने दर्ज कराई FIR, भेजा नोटिस

Puja Khedkar: आईएएस पूजा खेडकर खुद ही विवादों के फंस गई हैं. अब यूपीएससी ने कथित जालसाजी के लिए आईएएस पूजा दिलीप खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही पूजा की उम्मीदवारी रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया. 

'IAS के पद से क्यों ना हटाया जाए?' पूजा खेडकर के खिलाफ UPSC ने दर्ज कराई FIR, भेजा नोटिस

UPSC Registers Case Against IAS Trainee Pooja Khedkar: अपने पद का दुरुपयोग करने और अपनी डिमांड्स के चलते ट्रेनी आईएएस पूजा दिलीप खेडकर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. संघ लोक सेवा आयोग ने पूजा खेडकर मामले पर कड़ा रुख अपनाया है. यूपीएससी ने पूजा के खिलाफ कथिल जालासाजी का केस दर्ज कर लिया है. यूपीएससी ने उनसे पूछा है कि उनकी उम्मीदवारी  क्यों रद्द नहीं की जाए. पूजा को आगे होने वाली परीक्षाओं में शामिल होने से भी बैन किया जा सकता है. यहां पढ़िए पूरी खबर...

यूपीएससी ने किया केस दर्ज
संघ लोक सेवा आयोग ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बता दें कि पूजा पर अपनी नौकरी सुरक्षित करने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट जमा करने और कार्यस्थल पर विशेष विशेषाधिकार मांगने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. बात सामने आते ही पूजा खेडकर मामले पर गहन जांच हुई, जिसमें यूपीएससी ने उन्हें दोषी पाया. 

कारण बताओ नोटिस
यूपीएससी ने आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को अपनी असली पहचान न बताने और यूपीएससी परीक्षा नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है. संघ लोक सेवा आयोग ने खेडकर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. इसमें पूजा से पूछा गया है कि फर्जी प्रमाणपत्रों से संबंधित आरोपों में आईएएस अधिकारी के रूप में उनकी उम्मीदवारी रद्द क्यों नहीं की जानी चाहिए?  

पूजा खेडकर पर लगे ये आरोप
महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएस अफसर खेडकर पर जाति और मेडिकल सर्टिफिकेट्स में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है. बता दें कि 34 वर्षीय आईएएस अधिकारी ने एक अलग कार्यालय, स्टाफ और क्वार्टर की अपनी कथित मांगों को लेकर सुर्खियां बटोरीं, जिसकी वह एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में हकदार नहीं हैं. पुणे पुलिस उन आरोपों की जांच कर रही है कि उन्होंने अपने निजी ऑडी गाड़ी पर लाल बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का प्रतीक चिन्ह इस्तेमाल किया था. 

जानिए यूपीएससी ने पूजा को लेकर क्या कहा
यूपीएससी ने कहा, "यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के दुर्व्यवहार की विस्तृत और गहन जांच की है. जांच से यह पता चला है कि उसने अपना नाम, अपने पिता-माता का नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और अपनी पहचान बदलकर धोखाधड़ी से परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से ज्यादा प्रयास किए."

आयोग ने कहा, "यूपीएससी ने उसके खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की है, जिसमें एफआईआर दर्ज करके आपराधिक मुकदमा चलाना और उसकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षा/चयन से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी करना शामिल है."

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को भारत के ही नहीं, बल्कि दुनिया के टफ कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में से एक माना जाता है. इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए उम्मीदवार दिन-रात एक कर देते हैं. यूपीएससी एस्पिरेंट्स अपने गोल को लेकर एकदम क्लियर होते हैं. वे बस अपनी मेहनत और लगन के दम पर हर हाल में कामयाबी हासिल करना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग यहां भी जालसाजी करने से बाज नहीं आते. इन्हीं में से एक हैं ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर, जो इन दिनों अपनी डिमांड्स के चलते विवादों में चल रही हैं. 

खुद ही फंस गईं अपने बुने जाल में 
बता दें कि पूजा खेडकर तब अपने ही जाल में फंस गईं,जब पुणे में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिलते ही उन्होंने कथित रूप से खास डिमांड कर डालीं. आरोप है कि पूजा ने अपनी पोस्टिंग से पहले ही सरकारी वाहन, आवास, कर्मचारी और अलग ऑफिस के लिए बार-बार दबाव बनाया. बता दें कि प्रोबेशन पर किसी भी उम्मीदवार को ये सुविधाएं नहीं जी जाती हैं. वहीं, पूजा के दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर सवाल उठ चुके हैं. 

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