India Skill Report 2024: आईटी, कंप्यूटर साइंस और अन्य कोर इंजीनियरिंग स्ट्रीम के बीच रोजगार में असमानता कई कारकों के कारण हो सकती है.
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Highest Employability in Engineering: भारत का इंजीनियरिंग लैंडस्केप, जो इनोवेशन और औद्योगिक विकास का एक की ड्राइवर है, हर साल बड़ी संख्या में ग्रेजुएट्स तैयार कर रहा है. हालांकि, इंजीनियरिंग की अलग अलग ब्रांचेज में इन ग्रेजुएट्स के बीच रोजगार की संभावना काफी अलग अलग होती है. वीबॉक्स इंडिया स्किल रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कंप्यूटर विज्ञान जैसे क्षेत्र रोजगार की संभावना में सबसे आगे हैं, जबकि सिविल और मैकेनिकल जैसी पारंपरिक इंजीनियरिंग ब्रांचेज पीछे हैं. यहां अलग अलग इंजीनियरिंग सब्जेक्ट में रोजगार की संभावना के प्रतिशत के बारे में बता रहे हैं, छात्रों, शिक्षकों और नीति निर्माताओं के लिए रुझानों और निहितार्थों पर प्रकाश डालता है.
1. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी): रोजगार क्षमता का एक पावरहाउस
रोजगार दर: 68.44%
आईटी सेक्टर टॉप पर बना हुआ है, इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के बीच रोजगार की उच्चतम दर 68.44% है. डिजिटल परिवर्तन, स्वचालन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ, कुशल आईटी प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ गई है.
2. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग: टेक्नोलॉजी इनोवेशन लगातार बढ़ रहे
रोजगार दर: 66.00%
आईटी के बाद, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) ग्रेजुएट्स को 66.00% की उच्च रोजगार दर का आनंद मिलता है. इस क्षेत्र को तेजी से विकसित हो रहे टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम से लाभ मिलता है जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ग्लोबल इनोवेशन को आगे बढ़ाते हैं.
3. इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग (ईसीई): डिजिटल और भौतिक दुनिया को जोड़ना
रोजगार दर: 58.91%
58.91% की रोजगार दर के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग (ECE) ग्रेजुएट खुद को एक गतिशील क्षेत्र में पाते हैं जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी को जोड़ता है. ECE दूरसंचार, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा जैसे उद्योगों के लिए जरूरी बना हुआ है.
4. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: भविष्य को शक्ति प्रदान करना, फिर भी चुनौतियों का सामना करना
रोजगार दर: 57.69%
इंजीनियरिंग की एक मुख्य ब्रांच इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (ईई) की रोजगार दर 57.69% है. हालांकि यह क्षेत्र बिजली उत्पादन, रिनुएबल इनर्जी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है, लेकिन भारत के पारंपरिक बिजली क्षेत्र में इंडस्ट्रियल मॉर्डनाइजेशन और ऑटोमेशन की धीमी गति के कारण इसकी रोजगार संभावनाएं थोड़ी कम हैं.
5. मैकेनिकल इंजीनियरिंग: विरासत और इनोवेशन के बीच की खाई को पाटना
रोजगार दर: 54.86%
मैकेनिकल इंजीनियरिंग, जिसे लंबे समय से औद्योगिक विकास की रीढ़ माना जाता है, की रोजगार दर 54.86% है. विनिर्माण, ऑटोमोटिव और एयरोस्पेस उद्योगों में इस क्षेत्र की अभी भी मांग है.
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6. सिविल इंजीनियरिंग: बुनियादी ढांचे के विकास में चुनौतियां और अवसर
रोजगार दर: 54.31%
54.31% की रोजगार योग्यता दर के साथ, सिविल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को रोजगार पाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसका मुख्य कारण निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में मंदी है.
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