IAS Shreyans Kumat: श्रेयांस कहते हैं कि परीक्षा की रिवीजन के लिए इंटरनेट का उपयोग करने से पहले ऑफलाइन शिक्षण ने उन्हें बुनियादी बातों को समझने में काफी मदद की थी.
Trending Photos
IAS Shreyans Kumat Success Story: देश में सबसे चुनौतीपूर्ण कॉम्पिटीटिव एग्जाम की बात की जाए, तो यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा (CSE) उनमें से एक है. इस परीक्षा के जरिए आईएएस, आईपीएस समेत कई ए ग्रेड के ऑफिसर्स के पदों पर भर्तियां की जाती हैं. इसलिए देशभर में हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए तैयारी करते हैं.
हालांकि, उनमें से कुछ ही उम्मीदवार इस परीक्षा को पास करने में सफल हो पाते हैं. सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस काफी बड़ा है, इसलिए परीक्षा की तैयारी में काफी समय लगता है. आमतौर पर, यह सोचा जाता है कि जिन लोगों ने शुरू से ही अकादमिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, वे सीएसई में बेहतर स्कोर करेंगे. ऐसे में आइए आज हम एक ऐसे उम्मीदवार श्रेयांस कुमत की सफलता की कहानी पर नजर डालें, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने के लिए अपनी अच्छी-खासी हाई सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी. हालांकि, उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास कर लिया और आईएएस ऑफिसर बन गए.
राजस्थान के शहर अजमेर के किशनगढ़ से आने वाले श्रेयांस कुमत हमेशा एक इंजीनियर बनना चाहते थे, हालांकि, उनके दादाजी हमेशा उत्साही थे और उनसे आईएएस अधिकारी बनने के लिए आग्रह करते थे. उन्होंने 10वीं कक्षा तक स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर 11वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम में दाखिला लिया. इसके बाद जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) की पढ़ाई के लिए उन्होंने कोटा में दो साल बिताए.
वहां दो साल बिताने के बाद, उन्होंने जेईई परीक्षा उत्तीर्ण की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech करने के लिए देश के सबसे प्रतिष्ठित आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) में दाखिला ले लिया. इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने कंसल्टिंग कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (EY) में जॉब हासिल कर ली.
लगभग दो साल तक काम करने के बाद, कुमत को एहसास हुआ कि वह समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं. उस अहसास ने उन्हें अपना पद छोड़ने और यूपीएससी सीएसई की तैयारी शुरू करने का फैसला करने के लिए प्रेरित किया. परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने ऑफलाइन कोटिंग में भी दाखिला लिया.
श्रेयांस को लगा कि उनकी ऑफलाइन ट्यूशन और ऑनलाइन कोर्सवर्क दोनों फायदेमंद थे. उन्होंने पहले कहा था कि रिवीजन के लिए इंटरनेट के काम आने से पहले ऑफलाइन शिक्षण ने उन्हें बुनियादी बातों को समझने में मदद की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह प्रतिदिन लगभग 10 घंटे पढ़ाई करते थे और एग्जाम फॉर्मेट पर काफी रिसर्च करते थे. इसी की बदौलत उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही ऑल इंडिया चौथी रैंक के साथ सफलता हासिल कर ली.