Success Story: मिलिए उस रिटायर बैंकर से, जिसने MBBS का सपना पूरा करने के लिए 64 साल की उम्र में पास किया NEET
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Success Story: मिलिए उस रिटायर बैंकर से, जिसने MBBS का सपना पूरा करने के लिए 64 साल की उम्र में पास किया NEET

Ex-Banker Cracked NEET: जय किशोर को अलग अलग बाधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन वे सभी में सफल रहे और मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में सफल होने के लिए समर्पित रहे.

Success Story: मिलिए उस रिटायर बैंकर से, जिसने MBBS का सपना पूरा करने के लिए 64 साल की उम्र में पास किया NEET

Man Cracks NEET Exam at 64: यह एक आम धारणा है कि जब कोई आदमी काम करना और कमाना शुरू कर देता है, तो शिक्षा की ओर वापस जाना काफी असंभव है, लेकिन हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इस रूढ़िवादिता को गलत साबित कर दिया है और रिटायरमेंट के बाद भी शिक्षा हासिल की है और ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने बड़ी शैक्षणिक सफलता हासिल की है. ऐसा ही एक उदाहरण पूर्व बैंकर जय किशोर प्रधान हैं, जिन्होंने 64 साल की उम्र में NEET परीक्षा पास की.

जय किशोर प्रधान ओडिशा के रहने वाले हैं. वह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से डिप्टी मैनेजर के पद से रिटायर हुए. रिटायरमेंट के बाद, वह मेडिकल के फील्ड में करियर बनाने के अपने सपने को फिर से देखना चाहते थे. इसलिए, प्रधान ने एक ही समय में अपनी एकेडमिक डिजायर और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) को क्रैक करने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी. 

जय किशोर प्रधान ने कोर्स को स्टेप बाय स्टेप समझने के लिए एक ऑनलाइन कोचिंग प्रोग्राम में एडमिशन लिया. जय किशोर को अलग अलग बाधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन वे सभी में सफल रहे और मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में सफल होने के लिए समर्पित रहे. जय किशोर प्रधान ने 2020 में NEET परीक्षा पास की और वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR) में सीट हासिल की.

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प्रधान की जर्नी दूसरे मौके और आजीवन सीखने के महत्व पर पर फोकस्ड है. उनका समर्पण मोटिवेट करता है, जिससे साबित होता है कि सपनों की खत्म होने की कोई तारीक नहीं होती. अपने एडमिशन के साथ, वह मेडिकल स्टूडेंट्स की एक नई जेनरेशन में शामिल हो गए, उनकी उम्र कोई बाधा नहीं बल्कि एक यूनिक अप्रोच थी. वह मेडिकल फील्ड में वेल्यूएबल लाइफ एक्सपीरिएंस और ह्यूमन वेल्यूज की गहरी समझ लाते हैं.

लेकिन प्रधान की महत्वाकांक्षा व्यक्तिगत उपलब्धि तक सीमित नहीं है. वह खुद को एक ऐसे डॉक्टर के रूप में देखता है जो न केवल इलाज करता है बल्कि सलाह भी देता है और उम्र या सिचुएशन की परवाह किए बिना वंचित युवाओं को अपने सपने पूरे करने के लिए मोटिवेट करता है.

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