Super Explosive: एटम में सामान्य तौर पर पॉजिटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और नेगेटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं, लेकिन एंटीमैटर एटम में नेगेटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और पॉजिटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं.
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What is Antimatter: जब महंगी चीजों की बात आती है तो फिर दिमाग में सबसे पहले सोना, हीरा पन्ना ऐसी चीजें ही आती हैं, लेकिन आज हम जो आपको बताने जा रहे हैं वह आपकी सोच से भी परे हैं.शायद कभी आपने सोचा भी नहीं होगा कि इतना महंगी भी कुछ हो सकता है. इसकी कीमत इतनी कि जीरो लिखने में भी बहुत टाइम लग जाएगा और उसके बाद कई बार चेक भी करना पड़ेगी कि जीरो कम या ज्यादा तो नहीं लगा दी हैं.
जिस महंगे पदार्थ की हम बात कर रहे हैं उसका नाम है एंटीमैटर. साइंटिस्ट्स का कहना है कि एंटीमैटर दरअसल एक पदार्थ की तरह ही है, लेकिन उसके एटम के भीतर की हर चीज उलटी है. एटम में सामान्य तौर पर पॉजिटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और नेगेटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं, लेकिन एंटीमैटर एटम में नेगेटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और पॉजिटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं.
कीमत की बात करें तो एक ग्राम एंटीमैटर को बेचकर दुनिया के 100 छोटे देशों को खरीदे जा सकता है. एक ग्राम एंटीमैटर की कीमत 393.75 लाख करोड़ रुपये है. नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मटीरियल है. एंटीमैटर जहां बनता है, वहां दुनिया की सबसे बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है. इतना ही नहीं, नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए एक पुख्ता सुरक्षा घेरा है.
किन कामों में इस्तेमाल हो सकता है एंटीमैटर
साइंटिस्ट्स एंटीमेटर पर लगातार स्टडी कर रहे हैं. ऊर्जा का बहुत बड़ा स्रोत होने की वजह से इसका इस्तेमाल कई तरह के कामों में हो सकता है.
अगर एक ग्राम एंटीमैटर का रिएक्शन एक ग्राम एंटीमैटर से कराया जाए, तो इससे हिरोशिमा पर गिराए गए बम से तीन गुना ज्यादा ऊर्जा निकल सकती है.
मेडिकल के फील्ड खासकर कैंसर के इलाज में भी एंटीमैटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
आम फ्यूल के मुकाबले एंटीमैटर की एनर्जी डेंसिटी काफी ज्यादा होने की वजह से इसका इस्तेमाल रॉकेट फ्यूल के रूप में भी किया जा सकता है.
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