डॉ वर्गीज कुरियन की एक पहल ने बदल दी पूरे देश की तस्वीर, जानिए दूध उत्पादन में कैसे बना भारत नंबर वन
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डॉ वर्गीज कुरियन की एक पहल ने बदल दी पूरे देश की तस्वीर, जानिए दूध उत्पादन में कैसे बना भारत नंबर वन

National Milk Day 2023: डॉ कुरियन ने डेयरी उत्पादन के औद्योगीकरण और अमूल ब्रांड की स्थापना की थी. डॉ. वर्गीज कुरियन की बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में जानते हैं...

डॉ वर्गीज कुरियन की एक पहल ने बदल दी पूरे देश की तस्वीर, जानिए दूध उत्पादन में कैसे बना भारत नंबर वन

National Milk Day 2023: देश की दशा सुधारने का पूरा श्रेय यहां जन्म लेने वाले महापुरुषों को जाता है, जिन्होंने अपने समय से बहुत आगे का सोचकर समाज की दशा और दिशा बदलने का काम किया. आज ऐसे महान लोगों के कारण देश उन्नति के रास्ते पर बढ़ रहा है. ऐसे में देश को आज देश में श्वेत क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन की बर्थ एनिवर्सरी है. इस दिन को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया जाता है. आज उनकी बर्थ एनिवर्सिरी पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जानेंगे 

श्वेत क्रांति का नेतृत्व डॉ. वर्गीज कुरियन को जाता है. उन्होंने देश में दूध उत्पादन को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. देश के सबसे बड़े आत्मनिर्भर उद्योग में डेयरी उद्योग को लाने के लिए 'ऑपरेशन फ्लड' को लीड भी डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने किया था. 

जानिए डॉ वर्गीज कुरियन के बारे में...
साल 1921 में केरल के कोझिकोड़ में डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था. वह एक अमीर सीरियाई ईसाई परिवार से आते थे. उन्होंने चेन्नई के लोयला कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने चेन्नई के जीसी इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने इंजीनियरिंग का डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वह सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड में डेयरी की जिम्मेदारी संभाली. डेयरी की स्थापना लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल ने की थी. 

वहीं, डॉ कुरियन द्वारा इस पद को संभाले जाने के बाद डेयरी तेजी से आगे बढ़ने लगी. वहीं, दूध की बढ़ती डिमांड को देखते हुए दूध का एक प्लांट लगाया गया. बाद में फिर उन्होंने इस डेयरी का नाम अमूल रख दिया. वह 'फादर ऑफ द वाइट रिवोल्युशन' के नाम से भी जाने जाते थे. 'बिलियन लीटर आइडिया' में उन्होंने खूब नाम कमाया था. 

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस
साल 2014 से भारतीय डेयरी संघ द्वारा की गई पहल के बाद 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाने की शुरुआत हुई. कीमतों को तय करने के लिए डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने दिल्ली दुग्ध योजना को व्यवस्थित करने में मदद की थी. डॉ कुरियन ने डेयरी उत्पादन के औद्योगीकरण और अमूल ब्रांड की स्थापना की थी. 

देश की सबसे बड़ी उपलब्धि
अमूल देश की सबसे बड़ी उपलब्धि थी. कुरियन को उनके प्रयासों के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. इतना ही नहीं वर्ल्ड फूड प्राइज, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, कार्नेगी-वॉटेलर वर्ल्ड पीस प्राइज से भी सम्मानित किया गया था. 

दुनिया को कहा अलविदा
साल 1973 से 2006 तक डॉ. कुरियन गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष रहे और इसके बाद  साल 2006 में उन्होंने गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 90 साल की आयु में 9 सितंबर 2012 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

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