Delhi Nursery Admission 2023: नर्सरी में कराना है बच्चे का एडमिशन, मेरिट लिस्ट का इंतजार खत्म!
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Delhi Nursery Admission 2023: नर्सरी में कराना है बच्चे का एडमिशन, मेरिट लिस्ट का इंतजार खत्म!

Nursery Class Admission in Delhi: नर्सरी में एडमिशन के लिए फॉर्म भरने के लिए बच्चे की उम्र कम से कम 4 साल होनी चाहिए. 31 मार्च, 2023 तक किंडरगार्टन में एडमिशन के लिए आयु सीमा 5 साल और कक्षा 1 के लिए कम से कम 6 साल है.

Delhi Nursery Admission 2023: नर्सरी में कराना है बच्चे का एडमिशन, मेरिट लिस्ट का इंतजार खत्म!

Delhi Nursery Admission 2023: दिल्ली के प्राइवेट स्कूल आज, 6 फरवरी, 2023 को एंट्री लेवल की कक्षाओं में प्रवेश के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए स्टूडेंट्स की दूसरी मेरिट सूची जारी करेंगे. लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, एक बार मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद, माता-पिता दिल्ली नर्सरी प्रवेश 2023 की सेकेंड मेरिट लिस्ट चेक कर सकेंगे. आधिकारिक वेबसाइट- edudel.nic.in के माध्यम से लॉगिन करके चेक कर पाएंगे, हालांकि दूसरी मेरिट लिस्ट संबंधित स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर भी उपलब्ध कराई जाएगी. 

करीब 1,800 प्राइवेट स्कूलों ने 20 जनवरी, 2023 को नोटिस बोर्ड और स्कूलों की आधिकारिक वेबसाइटों पर वेटिंग लिस्ट के साथ अपनी पहली मेरिट लिस्ट जारी की थी. कई स्कूलों ने अपनी पहली लिस्ट के साथ ही प्रवेश प्रक्रिया को पहले ही बंद कर दिया है.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई स्कूल स्टूडेंट्स की वेटिंग लिस्ट जारी नहीं करते हैं क्योंकि पहले ड्रॉ के बाद सीटें भर जाती हैं. हालांकि, वीडियोग्राफी के तहत ड्रॉ का आयोजन किया जाता है और फुटेज को स्कूलों द्वारा पहले ही अपने पास रख लिया जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रा के लिए उपयोग किए जाने वाले बॉक्स में डालने से पहले माता-पिता को पर्चियां भी दिखाई जाती हैं.

नर्सरी में एडमिशन के लिए फॉर्म भरने के लिए बच्चे की उम्र कम से कम 4 साल होनी चाहिए. 31 मार्च, 2023 तक किंडरगार्टन में एडमिशन के लिए आयु सीमा 5 साल और कक्षा 1 के लिए कम से कम 6 साल है. दिल्ली के निजी स्कूलों में 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए एंट्री लेवल की क्लासेज में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू हुई और 23 दिसंबर को खत्म हुई.

शिक्षा विभाग ने कहा था कि एडमिशन रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 25 रुपये की नॉन रिफंडेबल राशि ली जा सकती है. माता-पिता द्वारा एक स्कूल के प्रॉस्पेक्टस की खरीद ऑप्शनल होगी. सर्कुलर के मुताबिक, सभी प्राइवेट स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के स्टूडेंट्स के साथ-साथ दिव्यांग बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित करेंगे.

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