ANI में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, HR से बात करने से पहले आपको खुद जांचना-परखना होगा कि आप जितनी सैलरी की मांग करने जा रहे हैं क्या वो जायज है. जांच-पड़ताल के बाद इसपर विश्वास जताने की कोशिश करें कि आप जो काम कर रहे हैं, उसके लिए आपको कम पैसे मिलते हैं. आपका पहले खुद इस बात पर भरोसा करना जरूरी है कि आपको काम के मुकाबले कम सैलरी मिलती है.
सैलरी बढ़ाने के लिए बात करने से पहले आपको ये जानना होगा कि जो काम आप करते हैं, दूसरी कंपनियों में उसी काम के लिए कर्मचारियों को कितने पैसे दिए जा रहे हैं. जो काम आप करते हैं, अगर दूसरी कंपनी में उसके लिए ज्यादा सैलरी दी जा रही है तो आपको अपने मैनेजर से जरूर बात करनी चाहिए.
सबसे पहले अपने आपको मानसिक रूप से तैयार करें, क्योंकि जिस सैलरी की आप मांग करने जा रहे हैं, उसे आप डिजर्व करते हैं. अपनी सैलरी बढ़ाने के बारे में बात करते समय HR के सामने बिल्कुल भी ना घबराएं. आप उनको बताएं कि कंपनी के लिए आप अच्छा काम कर रहे हैं और जो काम आप कर रहे हैं उसके लिए सैलरी बढ़ाई जानी चाहिए. आपके काम के लिए आपको वाजिब पैसे मिलने चाहिए.
HR से सैलरी बढ़ाने की बात करते समय कुछ लोग पिछली सैलरी स्लिप के फेर में फंस जाते हैं. उनसे कहा जाता है कि आपकी पिछली सैलरी स्लिप के हिसाब से ही सैलरी बढ़ेगी. इसका एक सिस्टम होता है. लेकिन आप पिछली सैलरी स्लिप के हिसाब से सैलरी बढ़ने की बात पर विश्वास नहीं करें, क्योंकि आपको उस काम के पैसे मिल रहे हैं जो काम आप अभी कर रहे हैं. पिछली सैलरी स्लिप से इसका कोई लेना-देना नहीं है.
कंपनी के लिए आप कितने अहम हैं, ये बात HR अच्छी तरह से जानता है. इसलिए सैलरी बढ़ाने की बात करते समय नहीं घबराएं, साफ-साफ बात करें. अगर आपके पास किसी और कंपनी से जॉब का ऑफर है तो इसके बारे में उनको जरूर बताएं.
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