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SDM Success Story: रोजाना साढ़े 6 घंटे की पढ़ाई और बन गईं एसडीएम, पढ़िए पूरी स्टोरी

SDM Ruchi Sharma Success Story: कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है,उन्हें किसी सहारे की जरूरत नहीं होती है,किसी माध्यम की भी नहीं वह अपनी राह खुद बना लेता है और परिस्थितियां भी उसके अनुकूल हो जाती हैं. सच्ची लगन से मेहनत की जाए तो सफलता जरुर मिलती है. यह लाइन SDM रुचि शर्मा पर फिट बैठती हैं. रुचि शर्मा 22 साल की उम्र में ही एसडीएम बन गई थीं. 

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रुचि शर्मा के पिता छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में सेक्शन ऑफिसर के पद पर थे. रुचि शर्मा ने प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से पूरी की है. 

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रुचि के 10वी में 90 फीसदी नंबर आए थे. वहीं  12वीं 91 फीसदी नंबर लाकर टॉपर रही थीं. उसके बाद भिलाई के शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज में साल 2013 में इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की. इसके बाद पीएससी की तैयारी शुरू कर दी.

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कलेक्टर का टारगेट लेकर प्रयास करने वाली रुचि शर्मा ने जब 2014 में पहली बार पीएससी की परीक्षा दी तो उनकी 214 रैंक आई. लेकिन उन्हें पद (पोस्ट) नहीं मिल पाई थी. इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और ज्यादा मेहनत के साथ 2015 में पीएससी की परीक्षा देकर रुचि शर्मा सफल हो गईं. इस बार पीएससी की परीक्षा में मेरिट लिस्ट में तीसरा स्थान पाकर वह डिप्टी कलेक्टर बन गईं.

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रुचि शर्मा पहले रायगढ़, मुंगेली गरियाबंद, रायपुर सहित कई जिलों में अहम जिम्मेदारी संभाल चुकी है. हाल ही में रुचि ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर भागवत जायसवाल से शादी की है. 

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भागवत जायसवाल अभी सारंगढ़ में ज्वाइंट कलेक्टर हैं, जबकि रूचि शर्मा रायपुर में पोस्टेड हैं. वहीं रुचि शर्मा रायपुर की डिप्टी कलेक्टर हैं. 

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उनके पढ़ाई के शेड्यूल की बात करें तो वह रोजाना करीब साढ़े छह घंटे पढ़ाई करती थीं. रुचि सुबह 4 बजे से 6 बजे तक पढ़ती थीं. इसके बाद वह सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पढ़ती थीं. वहीं रात को 8 बजे से साढ़े 10 बजे तक पढ़ाई करती थीं.

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