Success Story: 22 साल में बने IAS और 1 साल में छोड़ दी नौकरी, अब हैं करोड़ों की कंपनी के मालिक
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Success Story: 22 साल में बने IAS और 1 साल में छोड़ दी नौकरी, अब हैं करोड़ों की कंपनी के मालिक

UPSC Preparation: भारत में सबसे कम उम्र के सिविल सेवकों में से एक होने से लेकर एक ऐसी कंपनी के संस्थापक बनने तक, जो यूपीएससी के लाखों कैंडिडेट्स की मदद करती है.

Success Story: 22 साल में बने IAS और 1 साल में छोड़ दी नौकरी, अब हैं करोड़ों की कंपनी के मालिक

Roman Saini Unacademy: अधिकांश लोग जीवन भर उस एक अच्छे अवसर की तलाश में रहते हैं और मिलते ही घर बसा लेते हैं. भारत में लाखों स्टूडेंट्स का आईएएस अधिकारी या डॉक्टर बनना एक सपना है जो सच होने के लिए बहुत अच्छा है. जो लोग इन टारगेट्स को पा लेते हैं, उनके लिए दौड़ जीती हुई मानी जाती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इन उपलब्धियों को एक मंजिल के रूप में नहीं बल्कि अपनी जर्नी के अलग-अलग पड़ावों के रूप में देखते हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं रोमन सैनी, एक डॉक्टर, एक पूर्व आईएएस अधिकारी और एक बेहद सफल बिजनेसमैन.

भारत में सबसे कम उम्र के सिविल सेवकों में से एक होने से लेकर एक ऐसी कंपनी के संस्थापक बनने तक, जो यूपीएससी के लाखों कैंडिडेट्स की मदद करती है और जिसकी नेट वर्थ करीब 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है, यहां रोमन सैनी की मोटिवेशनल स्टोरी है. 

16 साल की उम्र में सैनी एम्स प्रवेश परीक्षा पास करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए. 18 साल की उम्र में, उन्होंने पहले से ही एक प्रतिष्ठित मेडिकल पब्लिकेशन में एक रिसर्च पेपर लिखा था. एमबीबीएस पूरा करने के बाद, रोमन सैनी ने एम्स में नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एनडीडीटीसी) में काम किया. ज्यादातर लोग इस तरह की प्रतिष्ठित नौकरी को पसंद करेंगे लेकिन रोमन के लिए डॉक्टर के रूप में उनका कार्यकाल केवल 6 महीने ही चला. वह अब आईएएस अधिकारी बनने की राह पर थे.

22 साल की उम्र में रोमन सैनी ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की, जो भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का ऑप्शन क्यों चुना, इस पर उन्होंने एक बार टिप्पणी की, "मैं एमबीबीएस कर रहा था और हरियाणा के दयालपुर गांव में तैनात था. मैंने देखा कि कैसे लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. तभी मैंने देश की सेवा करने का फैसला किया.” रोमन 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के IAS अधिकारियों में से एक थे और कलेक्टर के रूप में मध्य प्रदेश में तैनात थे.

एक IAS अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल छोटा होना तय था. जल्द ही उन्होंने प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ दी और इसके बजाय अपने दोस्त गौरव मुंजाल के साथ Unacademy की स्थापना की, एक ऐसा मंच जो आज हजारों IAS कैंडिडेट्स को UPSC परीक्षाओं की तैयारी में मदद करता है. अनएकेडमी के पीछे का विचार यूपीएससी कोचिंग क्लासेज के लिए एक मंच प्रदान करना था, जिसमें स्टूडेंट्स को लाखों रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं है.

Unacademy की शुरुआत 2010 में गौरव मुंजाल द्वारा बनाए गए YouTube चैनल के रूप में हुई थी, कंपनी की आधिकारिक तौर पर 2015 में मुंजाल, सैनी और उनके तीसरे सह-संस्थापक हेमेश सिंह द्वारा स्थापना की गई थी. छह साल बाद, Unacademy 18,000 टीचर्स के नेटवर्क के साथ भारत के सबसे बड़े एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों में से एक है. कंपनी की कीमत 2 अरब डॉलर (करीब 14,830 करोड़ रुपये) आंकी गई. इसके 50 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं.

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