SDM Aadesh kumar Wiki: आदेश कुमार के माता-पिता सिलाई का काम करते थे. आदेश कुमार के घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि उन्हें बाहर भेजकर पढ़ाई कराई जा सके. आदेश के पिता ने अपने घर पर लोन लेकर बेटे को झांसी के झांसी के बीआईईटी कॉलेज से बीटेक कराई.
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Aadesh Kumar Cracked UPPSC: जब घर के बच्चे पढ़ लिखकर अफसर बनते तो सबको अच्छा लगता है और जब गरीब घर का बच्चा पढ़कर अफसर बनता है तो उनसे जुड़े परिवार वालों की भी जिंदगी बदल जाती है. आज हम बात कर रहे हैं दर्जी के एक ऐसे बेटे की जो बड़े होकर एसडीएम बन गया. बेटे को मिली ये कामयाबी परिवार के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है.
ये कहानी है यूपीपीसीएस 2020 में एसडीएम के पद पर चयनित होने वाले सहारनपुर शहर के आदेश कुमार की. जिन्होंने पीसीएस का एग्जाम पास करके 2017 में नायब तहसीलदार का पद हासिल कर लिया था लेकिन वह उससे भी कुछ बड़ा करना चाहते थे इसलिए लगातार पढ़ाई करते हैं और साल 2020 में यूपीपीसीएस की परीक्षा पास करके SDM बन गए.
आदेश कुमार के माता-पिता सिलाई का काम करते थे. आदेश कुमार के घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि उन्हें बाहर भेजकर पढ़ाई कराई जा सके. आदेश के पिता ने अपने घर पर लोन लेकर बेटे को झांसी के झांसी के बीआईईटी कॉलेज से बीटेक कराई.
अफसोस की आदेश के पिता उन्हें एसडीएम बनता नहीं देख पाए क्योंकि आदेश के एसडीएम बनने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी. आदेश के मुताबिक एक दिन आदेश पढ़ाई कर रहे थे तो एक पड़ौसी अंकल ने कहा कि मांगेराम क्यों बेटे की पढ़ाई पर पैसा बर्बाद कर रहे हो इसे भी एक सिलाई की मशीन लगाकर दे दो. मेरे पापा ने पढ़ाई कराने के लिए मेरा पूरा सहयोग किया. पापा और मां ने मुझे पढ़ाने के लिए दिन-रात एक कर दिया. आज मैंने अपने पिता जी का सपना एसडीएम बनकर पूरा किया है.
आदेश ने पहली सिविल सेवा परीक्षा के बारे में साल 2010 में सोचा. पहली ही बार में आदेश प्री क्वालीफाई कर गए. पहली बार में इतनी कामयाबी मिलने पर उन्होंने इतिहास और लोक प्रशासन को मेंस में रखकर परीक्षा दी, लेकिन उनका 24 नंबर से इंटरव्यू रह गया. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा साल 2014 और 2015 का भी दिया, लेकिन उनका नहीं हुआ. साल 2016 में यूपीएससी की परीक्षा दी और समाज शास्त्र लेकर मेंस लिखा, लेकिन उनका फाइनल सेलेक्शन नहीं हो पाया.