IES Success Story: आज की सफलता की कहानी ऐसे उम्मीदवार की है, जो अपने कई एग्जाम में बार-बार फेल हुआ, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और फिर 2018 में उन्हें सफलता मिली.
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IES Success Story, Vaibhav Chhabara: UPSC की परीक्षा में हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं. उनमें से कुछ अपने पहले प्रयास में ही सफल हो जाते हैं, जबकि कुछ कई साल तक अपने प्रयासों में लगे रहते हैं. दिल्ली के वैभव छाबड़ा बैकबेंचर थे. शुरू से ही उनकी पढ़ाई में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद वे यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के बाद आईईएस अधिकारी बन गए.
वैभव ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से पूरी की है. हालांकि, उसके लिए पढ़ाई उतनी ही कठिन थी, जितना कि पहाड़ पर चढ़ना. उन्होंने कभी भी पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ली, यही वजह थी कि उनका प्रदर्शन हमेशा औसत रहा.
वैभव ने 5 साल में अपना बीटेक पूरा कर 56 फीसदी नंबर प्राप्त किए. बीटेक करने के बाद उन्होंने एक कोचिंग सेंटर में फिज़िक्स के टीचर के रूप में पढ़ाना शुरू किया. करीब 2 साल में उन्होंने महसूस किया कि वह इस नौकरी तक सीमित नहीं रह सकते. जिसके बाद उन्होंने आईईएस बनने के बारे में सोचा.
वैभव ने अपने परिवार और कुछ दोस्तों को आईईएस बनने का फैसला बताया. उस दौरान नौकरी छोड़ना उनके लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में थी, लेकिन हिम्मत के साथ वैभव ने यह नौकरी छोड़ दी. उसके बाद उन्होंने बीएसएनएल में काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान उनका सपना आईईएस बनने का था, जिसके चलते उन्होंने इस नौकरी को अलविदा भी कह दिया.
वैभव का पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था. तैयारी के दौरान वैभव मुश्किल से एक घंटा ही पढ़ पाते थे. इसलिए उन्होंने हर आधे घंटे के बाद 15 मिनट का ब्रेक लेना शुरू किया. इस विधि से धीरे-धीरे पढ़ाई का समय बढ़ने लग गया.
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