दुनिया के लिए बुरा वक्त लेकर आया कोरोना, Ahad Ahmed ने इसी में लिखी सफलता की कहानी और बदली तकदीर
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दुनिया के लिए बुरा वक्त लेकर आया कोरोना, Ahad Ahmed ने इसी में लिखी सफलता की कहानी और बदली तकदीर

UP PCS J Success Story: अहद अहमद के इस सफर में उनका बराबर से साथ देकर उनकी मां ने इस सफर को आसान बनाया. अहद की मां ने सिलाई का काम करके उन्हें पढ़ाया और आगे बढ़ाया. 

दुनिया के लिए बुरा वक्त लेकर आया कोरोना, Ahad Ahmed ने इसी में लिखी सफलता की कहानी और बदली तकदीर

Success Story: कोरोना महामारी ने लोगों से उनका रोजगार छीन लिया था. कितने ही लोग घर से बेघर हो गए थे. लोग रोजी-रोटी के लिए तरस रहे थे, इन बुरे समय में लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और कहां जाए? वहीं, बहुत से सुविधा-संपन्न होने के बावजूद इस समय को कोसते रहे, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने इस समय में दुनिया को इंसानियत का पाठ सिखाया तो वहीं कुछ लोगों ने इस समय का सदुपयोग अपने बुरे समय को ठीक करने में लगा दिया.

आज हम आपको एक ऐसे युवा की के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में खुद के लिए कठिन रास्ता चुना और आज जिंदगी के सबसे बेहतरीन मुकाम पर खड़े हैं. पढ़िए अहम अहमद की सफलता की कहानी...

UP PCS-J टॉपर
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के रहने वाले अहम अहमद के बारे में, उन्होंने यूपी PCS-J में अहद ने 157 वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार की नैया पार लगा दी और कमजोर आर्थिक हालातों को हमेशा के लिए दूर कर दिया. जानकारी के मुताबिक अहद के परिवार में उनकी मां अफसाना, पिता शहजाद हैं, जो प्रयागराज से करीब 30 किमी दूर बरई हरख गांव में रहते हैं. 

पढ़ाई में नहीं लगता था मन
साल 1985 में घर के बगल में ही अहम अहमद के पिता परिवार के भरण-पोषण के लिए साईकिल रिपेयरिंग का काम कर रहे हैं. आज सफलता की नई इबारत लिख चुके अहद का मन कभी पढ़ने में बिल्कुल नहीं लगता था. 10वीं में भी वह फेल हो गए, जिसके बाद साईकिल रिपेयरिंग का काम सीखकर दुकान की जिम्मेदारी संभालने लगे.

फिर भी दुकान की कम कमाई से घर खर्च निकालना मुश्किल हो रहा था, जिसके बाद अहद की मां अफसाना सिलाई करके घर खर्च में हाथ बंटाने लगीं. उनका बड़ा बेटे ने पढ़ाई पूरी करके एक कंपनी में जॉब करने लगा था. वहीं, अहद ने प्रयागराज जाकर पढ़ने की इच्छा जताई. घर की माली हालत खराब होने के बावजूद भी मां ने अहद को पढ़ाई के लिए जिला मुख्यालय भेजा.

कर्ज लेकर बेटे को पढ़ाया
प्रयागराज मे गवर्नमेंट इंटर कॉलेज से 12वीं करने के बाद साल 2014 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बीए एलएलबी के लिए अहद का सिलेक्शन भी हो गया, लेकिन कॉलेज की फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में उनके माता-पिता ने बेटे को पढ़ाने के लिए कर्ज लिया.

इलाहाबाद हाई कोर्ट में करते थे प्रैक्टिस 
अहद ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी किया. इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे, लेकिन कोरोना में लॉकडाउन के दौरान कोर्ट बंद होने के बाद प्रैक्टिस भी बंद हो गई. कोरोना के दौरान उन्होंने घर पर रहकर पीसीएस-जे की पढ़ाई करना शुरू कर दिया. अहद ने तैयारी के लिए कोचिंग भी नहीं लगाई.

जब रिजल्ट आया तो उनके दोस्तों ने उन्हें यह खुशखबरी दी कि अहद की पीसीएस जे में 157वीं रैंक आई है. अहद ने मां को खबर देते हुए गले से लगा लिया. माता-पिता दोनों की मेहनत और बेहतर परवरिश की बदौलत बेटे ने अपना और परिवार का भविष्य संवार दिया. 

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