Maharashtra Election News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) को बड़ी जीत मिली. लेकिन, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 'वोट जिहाद' ने महाविकास अघाड़ी को फायदा पहुंचाया.
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Maharashtra Election News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) को बड़ी जीत मिली. लेकिन, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 'वोट जिहाद' ने महाविकास अघाड़ी को फायदा पहुंचाया. यह वोट ट्रांसफर खासतौर पर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में देखने को मिला. महाराष्ट्र की 11 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी 35% से ज्यादा है. इन सीटों पर मुस्लिम मतदाता चुनाव परिणाम तय करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. इन 11 सीटों में से 6 सीटें महाविकास अघाड़ी ने जीतीं, जबकि महायुति सिर्फ 4 सीटें जीत पाई. मालेगांव सेंट्रल सीट पर AIMIM का कब्जा हुआ.
क्या 'वोट जिहाद' बना जीत का कारण?
महाविकास अघाड़ी की इन सीटों पर जीत के पीछे मौलाना सज्जाद नोमानी की अपील को कारण बताया जा रहा है. चुनाव से पहले मौलाना ने मुस्लिम समुदाय से अघाड़ी को वोट देने की अपील की थी. इसे 'वोट जिहाद' कहा गया, जिसका असर इन सीटों पर साफ नजर आया.
मौलाना का फतवा और बीजेपी को फायदा
मौलाना सज्जाद नोमानी ने बीजेपी को वोट देने वाले मुस्लिमों के बहिष्कार का फतवा भी जारी किया था. हालांकि, यह कदम बीजेपी को नुकसान के बजाय फायदा पहुंचा गया. फतवे पर विवाद बढ़ने के बाद मौलाना ने माफी मांग ली थी.
यूपी में 'वोट जिहाद' हुआ फेल
महाराष्ट्र में जहां 'वोट जिहाद' ने अघाड़ी को बढ़त दी, वहीं यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह फेल हो गया. कुंदरकी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने 32 साल बाद जीत दर्ज की, जहां मुस्लिम वोटरों का बहुमत था.
कुंदरकी की जीत से सपा में नाराजगी
कुंदरकी सीट पर बीजेपी की जीत से सपा प्रमुख अखिलेश यादव नाराज हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में मुस्लिम वोटरों को धमकाया गया और वोटिंग से रोका गया. इस पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
योगी ने बताया राष्ट्रवाद और विकास की जीत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंदरकी की जीत को राष्ट्रवाद और विकास की विजय बताया. उन्होंने कहा कि यह जीत समाजवादी पार्टी की गिरावट का संकेत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाताओं ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर वोट किया.
योगी के मॉडल की जीत
यूपी उपचुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि मुस्लिम बहुल इलाकों में भी लोग 'वोट जिहाद' के बजाय विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं. यह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और उनकी नीतियों की जीत मानी जा रही है.