Agniveer News: लोकसभा चुनाव में अग्निवीर स्कीम की काफी चर्चा है. राहुल गांधी युवाओं से खुलकर वादा कर रहे हैं कि सरकार बनी तो अग्निवीर स्कीम को रद्द कर दिया जाएगा. अब गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ आंकड़े देकर दावा किया है कि इससे आकर्षक योजना युवाओं के लिए दूसरी नहीं है.
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Lok Sabha Chunav Agniveer: कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अग्निवीर स्कीम को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने रैलियों में मंच से ऐलान किया है कि अगर INDIA गठबंधन की सरकार 4 जून को आती है तो अग्निवीर योजना को फौरन खत्म कर दिया जाएगा. उनका दावा है कि सेना अग्निवीर योजना नहीं चाहती थी, इसे पीएमओ से लागू किया गया है. अब कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि देश के युवाओं के लिए इससे ज्यादा आकर्षक योजना कोई नहीं हो सकती है.
राहुल गांधी पर तरस आता है...
शाह ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना का जोरदार तरीके से बचाव किया है. उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए बेहद आकर्षक योजना है क्योंकि यह चार साल के बाद सेवानिवृत्त होने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए सशस्त्र बलों में पूर्णकालिक सरकारी नौकरी की गारंटी देती है. शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तरस आता है, जिन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन के सत्ता में आने पर इस अल्पकालिक भर्ती योजना को खत्म करने का वादा किया है.
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शाह ने दावा किया कि चार साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के लिए नौकरी के अवसर उनकी संख्या से अधिक होंगे, क्योंकि उनके लिए विभिन्न राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में आरक्षण की व्यवस्था की गई है. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘देश के युवाओं के लिए अग्निवीर से आकर्षक कोई योजना हो ही नहीं सकती. बहुत सोच-समझकर यह योजना लाई गई है.’
रोजगार के अवसर ज्यादा?
शाह ने कहा कि अल्पकालिक भर्ती योजना से सशस्त्र बलों के कर्मियों की औसत आयु में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर रक्षा बलों के तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में औसत आयु बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ यही नहीं (आरक्षण) उनको आयु में भी छूट दी गई है. फिजिकल फिटनेस के टेस्ट में छूट दी गई है... और प्रशिक्षण को समाप्त कर दिया गया है क्योंकि वह पहले से ही प्रशिक्षित रहेंगे. इस तरह चार साल में सेवानिवृत्त होने वाले 75 प्रतिशत लोगों के लिए आरक्षित स्थान (रोजगार) 7.5 गुना ज्यादा होगा.’
'58 साल तक सरकारी नौकरी की गारंटी'
यह पूछे जाने पर कि क्या यह गारंटी है, शाह ने कहा, ‘अगर वे शामिल होना चाहते हैं, तो यह गारंटी है. कोई बाध्यता नहीं है. मैं आपसे तथ्यों और आंकड़ों के साथ बात करूंगा. 25 फीसदी को तो सैन्य बलों में समाहित कर लिया जाएगा. शेष 75 फीसदी के लिए भाजपा शासित सभी राज्यों में पुलिस बेड़े की रचना में आरक्षण किया गया है. सभी सीएपीएफ में आरक्षण यानी केंद्रीय गृह मंत्रालय की नौकरियों में आरक्षण. उन्हें ग्रेच्युटी और पेंशन जैसे सभी उचित लाभों के साथ पूर्णकालिक नौकरियां मिलेंगी. अब मुझे बताइए कि नुकसान कहां है?’ उन्होंने कहा, ‘यह 58 साल तक सरकारी नौकरी की गारंटी है.’
कांग्रेस इस योजना की आलोचना कर रही है और कह रही है कि यह सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती है क्योंकि उन्हें थोड़े कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त कर दिया जाता है. पार्टी ने इसे खत्म करने का वादा किया है. इस मुद्दे के साथ ही गृह मंत्री ने GST सहित अन्य वादों के लिए भी कांग्रेस का मजाक उड़ाया. जीएसटी के मुद्दे पर मुखर रहे राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, ‘वह (गांधी) इसे लूट कहते हैं. आप संसद में पारित देश के कानून को गब्बर सिंह टैक्स कहते हैं. मुझे उन पर दया आती है. कांग्रेस पार्टी में भी कोई उन्हें सलाह तक नहीं देता.’ (भाषा)