Lok Sabha Election 2024 News: देश में पूरब से पश्चिम 15 राज्यों में 110 जिले और 100 लोकसभा सीटों से होकर गुजरने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पूरी हो गई. विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन की मुंबई रैली देखकर सवाल खड़ा हुआ है कि लोकसभा चुनाव 2024 में जनता कांग्रेस के साथ कितना न्याय करेगी?
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Manipur To Mumbai Yatra: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पूर्वोत्तर में मणिपुर की राजधानी इंफाल के पास थौबल से शुरू होकर मुंबई के धारावी में पूरी हो गई. यात्रा के समापन पर अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ राहुल गांधी ने मुंबई में मणि भवन से अगस्त क्रांति मैदान तक न्याय संकल्प पदयात्रा निकाली. इसके बाद शिवाजी पार्क में विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन ने शक्ति प्रदर्शन की तरह रैली का आयोजन किया.
'सार्थक परिवर्तन को बढ़ावा और बेहतर कल' को बताया यात्रा का संदेश
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट कर समापन के संदेश के बारे में बताया गया. पोस्ट में लिखा गया, "6600 किलोमीटर | 315+ इंटरैक्शन | 27 लाख यात्री - #भारतजोडोन्याययात्रा ने मुंबई में अपनी यात्रा समाप्त की. इसका शानदार संदेश कायम है: सार्थक परिवर्तन को बढ़ावा देने और बेहतर कल को आकार देने के लिए सभी को न्याय और एकता."
6600 Kilometres | 315+ Interactions | 27 Lakh Yatris - #BharatJodoNyayYatra concludes its journey in Mumbai.
Its resounding message persists: Justice to all and Unity, to foster meaningful change and shape a better tomorrow. pic.twitter.com/413kUyrJYl
— Bharat Jodo Nyay Yatra (@bharatjodo) March 17, 2024
लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे कि कांग्रेस के साथ जनता ने किया कितना न्याय
देश के पूरब में मणिपुर से शुरू हो कर पश्चिम में मुंबई में समापन के बीच 15 राज्यों में 110 जिले और 100 लोकसभा सीटों से होकर गुजरने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर राजनीतिक जानकारों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. यात्रा के समापन के बाद विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन की मुंबई रैली को देखकर विरोधी सवाल खड़े कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बताएंगे कि जनता कांग्रेस के साथ कितना न्याय करेगी? आइए, इसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
कांग्रेस की मुंबई रैली यानी विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन में नहीं दिखे अखिलेश यादव
कांग्रेस की मुंबई रैली यानी विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राजद नेता तेजस्वी यादव, फारूक अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ्ती समेत शिवसेना (UBT), NCP (शरद गुट), आम आदमी पार्टी (AAP) सहित I.N.D.I.A ब्लॉक की अन्य पार्टियों के नेता भी पहुंचे. हालांकि, सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए. उन्होंने एक पत्र लिखकर एकजुटता दिखाते हुए शुभकामनाएं दीं.
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए माहौल तैयार करने की कोशिश
भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ महीने पहले देश में कांग्रेस के लिए माहौल तैयार करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. राहुल गांधी की अगुवाई वाली इस दूसरी यात्रा को चुनावी नहीं बल्कि वैचारिक बताने के बावजूद कांग्रेस ने कहा था कि यह मोदी सरकार के 10 साल के "अन्याय काल" के खिलाफ निकाली जा रही है. हालांकि, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा समय बिताने यानी 11 दिनों में 20 जिलों में 1,074 किमी की दूरी तय करने के बावजूद यूपी में कांग्रेस के साथी सपा प्रमुख अखिलेश समापन रैली में नहीं दिखे.
गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली और अमेठी पर नहीं हो पाया कोई फैसला
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की यात्रा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों से होकर गुजरी. इसमें गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली और अमेठी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी शामिल रहा. 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में देश की सबसे पुरानी पार्टी की यात्रा काफी जरूरी थी. क्योंकि पिछले चुनावों में कांग्रेस के केवल एक लोकसभा सांसद भी राज्यसभा चली गई और संख्या शून्य हो गई थी. देश के चौथे सबसे बड़े राज्य की रायबरेली सीट से सोनिया गांधी एकमात्र कांग्रेस सांसद थीं.
यूपी के बाद असम, झारखंड और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा दिन गुजारे
भारत जोड़ो न्याय यात्रा इसके बाद असम और झारखंड में आठ-आठ दिन और मध्य प्रदेश में सात दिन तक रही. बिहार के सात जिलों और झारखंड के 13 जिलों में, राहुल गांधी की यात्रा ने क्रमशः 425 किलोमीटर और 804 किलोमीटर की दूरी तय की. बिहार में तेजस्वी यादव और झारखंड में चंपई सोरेन ने यात्रा में शिरकत की. वहीं, मणिपुर, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र लगभग सभी राज्यों में राहुल गांधी ने राज्य सरकारों पर यात्रा को डिस्टर्ब करने की कोशिश का आरोप लगाया.
कमजोर पड़ता गया गठबंधन, मोहब्बत के दावे पर हावी दिखी सियासत
इनमें बंगाल और ओडिशा को छोड़कर सभी राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है. बसों से और पैदल लगभग 100 लोकसभा सीटें और 337 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी यात्रा के बारे में पार्टी ने पहले कहा था कि कांग्रेस पार्टी की महत्वाकांक्षी यात्रा का मकसद भौगोलिक मतभेदों को कवर करना और जमीनी स्तर पर समुदायों से जुड़ना है. लेकिन भाषणों में हर जगह सियासत हावी रही. इसके साथ ही गठबंधन भी कमजोर पड़ता गया. जयंत चौधरी और नीतीश कुमार जैसे सहयोगी एनडीए में चले गए.
खड़गे के न्योते के बावजूद विपक्षी नेताओं ने बनाई दूरी, सीट बंटवारे में देरी
विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की एक वर्चुअल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी गुट के नेताओं को यात्रा के मार्ग में कहीं भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. इसके बावजूद लगभग हर राज्यों में इसको लेकर आखिर संशय बना रहा. इस बीच कई कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी का हाथ छोड़ दिया. कांग्रेस को सीटों के समझौते के लिए अपने कदम पीछे खींचने पड़े. बिहार समेत कुछ राज्यों में लोकसभा चुनाव की तारीख के एलान के बाद तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है.