Bharatpur Lok Sabha Chunav Result 2024 News: भरतपुर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभाएं आती हैं- कठूमर (एससी), कामां, नगर, डीग कुम्हेर, भरतपुर, नदबई, वैर (एससी), बयाना (एससी). फिलहाल भरतपुर लोकसभा सीट से बीजेपी की रंजीता कोली सांसद हैं.
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BharatpurLok Sabha Chunav 2024: राजस्थान में जिन 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें एक सीट भरतपुर भी है. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है और इसमें पूरा भरतपुर जिला और अलवर जिले का कुछ हिस्सा आता है. यहां साक्षरता दर 58.28 प्रतिशत है. भरतपुर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभाएं आती हैं- कठूमर (एससी), कामां, नगर, डीग कुम्हेर, भरतपुर, नदबई, वैर (एससी), बयाना (एससी). फिलहाल भरतपुर लोकसभा सीट से बीजेपी की रंजीता कोली सांसद हैं. इस बार बीजेपी ने रामस्वरूप कोली को भरतपुर से टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने संजना जाटव को दंगल में उतारा है.
सीट पर क्या समीकरण हैं?
भरतपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 28.13 प्रतिशत आबादी जाटों की है. अनुसूचित जाति के वोटर्स की संख्या 22.3 प्रतिशत है. यानी जाट और अनुसूचित जाति के वोटर्स किसी भी प्रत्याशी का खेल बना और बिगाड़ सकते हैं. वहीं दूसरी ओर, मुस्लिमों की आबादी 5.9 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 3.3 प्रतिशत, सिख 1.03 प्रतिशत, जैन 0.25 प्रतिशत. बौद्ध 0.05 प्रतिशत और ईसाई 0.07 प्रतिशत हैं.
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, इस सीट पर अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या 432,092 थी. जबकि एसटी वोटर्स की संख्या 63,942 थी. वोटर लिस्ट के मुताबिक मुस्लिम वोटर्स की संख्या 114,213 थी. 2011 की जनगणना के मुताबिक, भरतपुर सीट पर ग्रामीण वोटर्स की संख्या 1,584,983 यानी 81.8 प्रतिशत और शहरी वोटर्स की तादाद 3.53,649 है. 2019 के लोकसभा चुनावों में भरतपुर में कुल वोटर्स की संख्या 1937632 है. पिछले चुनाव में कुल 58.6 प्रतिशत वोट पड़े थे.
सीट पर कब कौन जीता?
साल 1952 में इस सीट पर पहला लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें निर्दलीय गिरिराज शरण सिंह ने जीत हासिल की.
इसके बाद 1957 और 1962 के चुनाव में कांग्रेस के राज बहादुर को जीत मिली.
1967 के चुनाव में निर्दलीय ब्रिजेंद्र सिंह को जीत नसीब हुई. 1971 में कांग्रेस के राज बहादुर को जिताकर जनता ने संसद में भेजा.
1977 में जनता पार्टी के राम किशन विजयी हुए.
1980 में कांग्रेस से राजेश पायलट और 1984 में नटवर सिंह यहां से जीते. 1989 में जनता दल के विश्वेंद्र सिंह भरतपुर से जीतकर संसद पहुंचे.
1991 में बीजेपी की कृष्णेंद्र कौर और 1996 में महारानी दिव्या सिंह यहां से जीतीं.
1998 में कांग्रेस के नटवर सिंह यहां से जीतकर संसद पहुंचे.
1999 और 2004 में बीजेपी के विश्वेंद्र सिंह को जीत मिली. 2009 में कांग्रेस के रतन सिंह जाटव विजयी हुए.
2014 में बीजेपी के बहादुर सिंह कोली और फिर 2019 में रंजीता कोली यहां से जीतीं.
किसको कितने वोट मिले?
1999 के चुनाव से शुरुआत करें तो बीजेपी के विश्वेंद्र सिंह को 2,77,460 वोट और कांग्रेस के जगत सिंह को 1,80,422 वोट मिले.
2004 के लोकसभा चुनाव में विश्वेंद्र सिंह को 3.19,904 और कांग्रेस के वेद प्रकाश को 2,08,555 वोट मिले.
2009 के चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के रतन सिंह को 3.01,434 वोट और बीजेपी के खेमचंद को 2,19,980 वोट मिले.
अब आते हैं 2014 के चुनाव पर, जिसमें मोदी लहर में बीजेपी के बहादुर सिंह कोली को 5,79825 वोट और कांग्रेस के डॉ सुरेश जाटव को 3,34,357 वोट मिले.
2019 के चुनाव में बीजेपी की रंजीता कोली को बंपर 707,992 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अभिजीत कुमार जाटव महज 3,89.593 वोट ही हासिल कर पाए.