Buxar Lok Sabha Chunav Result 2024 : बक्सर में जदयू प्रत्यासी सुधाकर सिंह बने सांसद, 438345 वोट प्राप्त कर दर्ज की जीत
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Buxar Lok Sabha Chunav Result 2024 : बक्सर में जदयू प्रत्यासी सुधाकर सिंह बने सांसद, 438345 वोट प्राप्त कर दर्ज की जीत

Buxar Lok Sabha Chunav Result 2024: बक्सर की पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहचान है. पुराणों में इसे महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि कहा गया है. इतिहास में देखें तो बक्सर के चौसा युद्ध में ही शेरशाह ने मुगल शासक हुमायूं को हराया था. राजनीतिक तौर पर देखें तो बक्सर लोकसभा क्षेत्र कभी किसी एक पार्टी का गढ़ नहीं रहा.

 Buxar Lok Sabha Chunav Result 2024 : बक्सर में जदयू प्रत्यासी सुधाकर सिंह बने सांसद, 438345 वोट प्राप्त कर दर्ज की जीत

Buxar Lok Sabha Chunav Result 2024 : पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते बिहार में एंट्री करते ही गंगा किनारे बसा बक्सर जिला लोगों का स्वागत करता है. आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहचान वाले बक्सर को पुराणों में महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि कहा गया है. इतिहास गवाह है कि बक्सर के चौसा में ही 26 जून 1539 को शेरशाह ने मुगल शासक हुमायूं को पराजित किया था. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में भी यह इलाका काफी ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक्टिव रहा था. इससे पहले 1764 में शुजाउद्दौला-कासिम अली खां और अंग्रेज मेजर मुनरो की सेनाओं के बीच बक्सर की लड़ाई लड़ी गई थी.

 भगवान राम के प्रारंभिक जीवन से जुड़ा है बक्सर

बक्सर को भगवान राम के प्रारंभिक जीवन से भी जुड़ा माना जाता है. गुरु विश्वामित्र के आश्रम में राम और लक्ष्मण की शुरुआती पढ़ाई हुई थी. यहीं भगवान राम ने राक्षसी ताड़का का वध भी किया था. कार्तिक पूर्णिमा और विवाह पंचमी पर बक्सर में बड़ा मेला लगता है. कहा जाता है कि प्राचीन काल में इसका नाम 'व्याघ्रसर' था, जो बाद में अपभ्रंश होकर बक्सर हो गया. रोहतास और कैमूर जिले से दक्षिण और भोजपुर जिले से पूर्व तक इसकी सीमा लगती है. कर्मनाशा नदी इसे उत्तर प्रदेश से अलग करती है.

किसी एक राजनीतिक दल का गढ़ नहीं रहा बक्सर

राजनीति की बात करें तो बक्सर लोकसभा क्षेत्र कभी किसी एक राजनीतिक दल का गढ़ नहीं रहा है. बक्सर के मतदाताओं ने कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा पर भरोसा जताया और कभी वामपंथियों और राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं को भी यहां से सांसद बनाकर भेजा. हालांकि, 1996 से 2014 तक (अपवाद में लोकसभा चुनाव 2009 में राजद की जीत ) यहां भाजपा जीतती रही है. भाजपा नेता लालमुनि चौबे लगातार चार बार बक्सर के सांसद रह चुके हैं. 

एनडीए में भाजपा कोटे की सीट, चौबे को फिर उम्मीद

लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में लगातार दो बार भाजपा उम्मीदवार अश्विनी कुमार चौबे राजद के जगदानंद सिंह को हराकर सांसद बने हैं. बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग में बक्सर लोकसभा सीट भाजपा के खाते में आई है. हालांकि, भाजपा ने अभी उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. वहीं, विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन में बक्सर सीट पर राजद का दावा है. राजद-कांग्रेस और लेफ्ट दलों के गठबंधन के बीच फिलहाल सीट शेयरिंग और प्रत्याशियों के नाम सामने नहीं आए हैं. बक्सर लोकसभा सीट पर सातवें चरण में एक जून को वोटिंग की जाएगी.

बक्सर लोकसभा सीट पर क्या है मौजूदा सियासी समीकरण

बिहार की राजधानी पटना से करीब 118 किलोमीटर और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली से 958 किलोमीटर दूर बक्‍सर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट बक्सर सदर, ब्रह्मपुर, डुमरांव, राजपुर, रामगढ़ और दिनारा है. इसमें राजपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे के मुताबिक ब्रह्मपुर, रामगढ़ और दिनारा से राजद प्रत्याशी विजयी हुए थे. 

कांग्रेस ने बक्सर और राजपुर सुरक्षित सीट पर जीत हासिल की थी.  वहीं, डुमरांव से सीपीआई माले के अजीत कुमार सिंह ने चुनाव जीता था. यानी एनडीए का हाथ खाली रहा था. सभी सीटों पर इंडी गठबंधन का कब्जा है. बक्सर लोकसभा सीट पर कई बार से बाहरी सांसद के मुद्दे को हवा दिया जाता है. इस बार भी इसे उभारने की कोशिश की जा रही है.

बक्सर की डेमोग्राफी और साक्षरता दर, कितना चुनावी असर

भोजपुर से अलग कर 17 मार्च 1991 को जिला बनाए गए बक्सर का क्षेत्रफल 1,703 वर्ग किलोमीटर है. बक्सर की डेमोग्राफी देखें तो लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1806004 है. इमें पुरुष मतदाता 953853 और महिला मतदाता 852125 हैं. बक्सर में थर्ड जेंडर के 26 वोटर और पहली बार मतदाता बनने वालों की संख्या 37158 है. बक्सर की 70.14 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 80.72 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 58.63 फीसदी है.

बक्सर लोकसभा सीट पर क्या है जातीय समीकरण 

बक्सर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण देखें तो कुल करीब 18 लाख मतदाताओं में लगभग 20 फीसदी ब्राह्मण हैं. इसके बाद यादव 18 फीसदी और इतने ही राजपूत वोटर हैं. इस इलाके में भूमिहार जाति के वोटर्स की आबादी भी 10 फीसदी से ज्यादा है. वहीं, कायस्थ और वैश्य समाज के 5 फीसदी वोट हैं. इस सीट पर कुशवाहा, कुर्मी और अति पिछड़ों की आबादी भी बड़ी तादाद में रहती है. संख्या के लिहाज सें ब्राह्मणों की संख्या 4 लाख से ज्यादा है. यादव करीब 3.5 लाख और राजपूत भी 3 लाख हैं. 2.5 लाख के करीब भूमिहार हैं. बक्सर में 1.5 लाख के करीब मुसलमानों की भी आबादी है.

बक्सर लोकसभा क्षेत्र का अब तक का चुनावी इतिहास 

बक्सर लोकसभा क्षेत्र का अब तक का चुनावी इतिहास देखें तो 1952 में यहां पहला चुनाव हुआ था. तब बक्सर अनुमंडल शाहाबाद उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र में शामिल था. 1957 में बक्सर लोकसभा क्षेत्र गठित किया गया. तब से बक्सर में भाजपा को सबसे ज्यादा छह बार सफलता मिली है. वहीं कांग्रेस पांच बार सफल रही है. बक्सर लोकसभा क्षेत्र में 1984 के बाद कांग्रेस प्रत्याशी को सफलता नहीं मिल सकी है.

1952 और 1957 में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत से शुरुआत

बक्सर लोकसभा में 1952 और 1957 में निर्दलीय उम्मीदवार कमल सिंह जीते. इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस को जीत मिली थी. 1977 में जनता पार्टी आई. उसके बाद 1980 और 1984 में फिर कांग्रेस की वापसी हुई.  1989, 1991 में कम्युनिस्ट पार्टी जाती. उसके बाद 1996, 1998, 1999, 2004 में लगातार चार बार भाजपा जीती. 2009 में राजद के जगदानंद सिंह सांसद बने. 2014 में राजद की हार हुई और भाजपा के अश्विनी चौबे सांसद चुने गए. 2019 में भी बक्सर के वोटर्स ने उन्हें ही अपना सांसद चुना.

बक्सर लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसदों की सूची

1952: कमल सिंह, स्वतंत्र (शाहाबाद उत्तर पश्चिम के रूप में)
1957: कमल सिंह, स्वतंत्र
1962: अनंत प्रसाद शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: राम सुभाग सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971: अनंत प्रसाद शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: रामानंद तिवारी, भारतीय लोक दल
1980: कमला कांत तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
1984: कमला कांत तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: तेज नारायण सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1991: तेज नारायण सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1996: लालमुनि चौबे, भारतीय जनता पार्टी
1998: लालमुनि चौबे, भारतीय जनता पार्टी
1999: लालमुनि चौबे, भारतीय जनता पार्टी
2004: लालमुनि चौबे, भारतीय जनता पार्टी
2009: जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय जनता दल
2014: अश्विनी कुमार चौबे, भारतीय जनता पार्टी
2019; अश्विनी कुमार चौबे, भारतीय जनता पार्टी

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