Eknath Khadse News: शरद पवार चाहते थे कि एकनाथ खडसे महाराष्ट्र की रावेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें. यहां से उनकी बहू - रक्षा खडसे बीजेपी सांसद हैं. एकनाथ खडसे ने बहू के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने से इनकार कर दिया.
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Eknath Khadse Latest News: शरद पवार को झटका देकर एकनाथ खडसे दोबारा बीजेपी में जाने वाले हैं. बस उनकी एनसीपी (शरद पवार) से उनकी विदाई की घोषणा का इंतजार है. पवार की योजना खडसे को रावेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाने की थी. हालांकि खडसे ने अपनी बहू - रक्षा के खिलाफ चुनाव लड़ने से मना कर दिया. रक्षा खडसे फिलहाल रावेर की वर्तमान सांसद हैं और बीजेपी की सदस्य हैं. बीजेपी ने उन्हें फिर से रावेर सीट पर उतारा है. सियासी नफा-नुकसान भांपने के बाद, 71 साल के एकनाथ खडसे ने पवार का साथ छोड़ना ही ठीक समझा. खडसे ने करीब साढ़े तीन साल पहले बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. 2016 में उन्हें कैबिनेट मंत्री पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सरकार से हटना पड़ा था. खडसे के बीजेपी छोड़ने के पीछे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से तनातनी भी अहम वजह थी. खडसे और फडणवीस एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते.
खडसे ने बीजेपी में वापसी के सवाल पर न तो हामी भरी, न ही इनकार किया. हालांकि, बीजेपी के एक नेता के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि खडसे का पार्टी में दोबारा स्वागत होगा. बीजेपी नेता ने कहा कि खडसे पर ने पूर्व उत्तरी महाराष्ट्र में भाजपा को खड़ा किया है और पार्टी नेतृत्व को उनके मामले की जानकारी है. खडसे का जाना शरद पवार के लिए बड़ा झटका होगा. जब प्रवर्तन निदेशालय ने खडसे पर शिकंजा कसा था, उस दौर में पवार उनके साथ लगातार खड़े रहे.
जलगांव जिले के मुक्ताईनगर से छह बार विधायक रहे खडसे पहली बार 1995 में मंत्री बने थे. मनोहर जोशी के नेतृत्व वाली शिवसेना-बीजेपी सरकार में उन्हें वित्त और सिंचाई मंत्री बनाया गया था. वह नारायण राणे की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे. फडणवीस से मतभेद और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते खडसे ने 3 जून, 2016 को महाराष्ट्र कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. फिर बीजेपी में उन्हें पूरी तरह साइडलाइन कर दिया. अपनी उपेक्षा से नाराज खडसे ने अक्टूबर 2020 में बीजेपी छोड़ने और एनसीपी में जाने की घोषणा की. अभी खडसे विधान परिषद के सदस्य (MLC) हैं. उनकी बेटी, रोहिणी NCP (SP) की महिला विंग की अध्यक्ष हैं.
2014 के विधानसभा चुनाव के समय खडसे विपक्ष के नेता थे. उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी पर जोरदार हमले किए. विधानसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. उस वक्त सबको लगा था कि खडसे को शायद महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. लेकिन बीजेपी ने सीएम के लिए फडणवीस को चुना. फडणवीस कैबिनेट में खडसे के पास दर्जन भर से ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी. 3 जून 2016 को उन्हें भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग से जुड़े आरोपों की वजह से कुर्सी छोड़ने को कह दिया गया. खडसे पर आरोप था कि उन्होंने अपने दामाद- गिरीश चौधरी को पुणे में एक जमीन आवंटित की है.
प्रवर्तन निदेशालय ने जांच तेज करते हुए चौधरी को गिरफ्तार किया, वे बाद में जमानत पर रिहा हुए. एंटी करप्शन ब्यूरो ने खडसे और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.