Jaunpur Lok Sabha Chunav 2024: जौनपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने कृपा शंकर को टिकट दिया है. बाहुबली नेता धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी के मामले में सात साल की सजा के बाद जौनपुर के सियासी समीकरण बदल गए हैं.
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Jaunpur Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट का चुनाव दिलचस्प हो गया है. माफिया से नेता बने धनंजय सिंह को इसी महीने की शुरुआत में सजा हुई. जौनपुर से पूर्व सांसद रहे धनंजय 2024 लोकसभा चुनाव में दावेदारी का प्लान बना चुके थे. सिंह को सात साल जेल की सजा हुई है. बीजेपी ने 2 मार्च को जारी लिस्ट में जौनपुर से कृपाशंकर सिंह को टिकट दिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे कृपाशंकर ने हाल ही में बीजेपी ज्वाइन की है. जौनपुर का बीजेपी से खास कनेक्शन है. बीजेपी के पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ के मुखिया दीन दयाल उपाध्याय ने इकलौता चुनाव जौनपुर से लड़े थे, मगर हार गए थे. जौनपुर सीट पर ठाकुरों और ब्राह्मणों की रोचक लड़ाई देखने को मिलती है. अब तक के चुनावी सफर में कुल 18 सांसद हुए हैं जिनमें से 11 ठाकुर रहे. फिलहाल जौनपुर से बसपा के श्याम सिंह यादव सांसद हैं. जौनपुर लोकसभा सीट से जुड़ी हर जानकारी आगे देखिए.
जौनपुर लोकसभा सीट पर छठे चरण के तहत, 25 मई को मतदान हुआ था. जौनपुर सीट पर 55.52 फीसदी वोटिंग हुई थी. चुनाव आयोग की ओर से 04 जून 2024 को जौनपुर लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
जौनपुर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है. इसमें पांच विधानसभाएं- बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हनी और मुंगरा बादशाहपुर आती हैं. बदलापुर और जौनपुर विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा है. मल्हनी और मुंगरा बादशाहपुर सीट सपा के पास है. शाहगंज विधानसभा में निषाद पार्टी के विधायक हैं. जौनपुर लोकसभा सीट पर अब तक छह बार कांग्रेस, चार बार भाजपा, दो-दो बार सपा और बसपा ने जीत दर्ज की है.
जौनपुर : अब तक के लोकसभा सांसदों की सूची
साल | सांसद का नाम (पार्टी) |
2019 | श्याम सिंह यादव (बसपा) |
2014 | कृष्ण प्रताप सिंह (बीजेपी) |
2009 | धनंजय सिंह (बसपा) |
2004 | पारसनाथ यादव (सपा) |
1999 | स्वामी चिन्मयानंद (बीजेपी) |
1998 | पारसनाथ यादव (सपा) |
1996 | राज केशर सिंह (बीजेपी) |
1991 | अर्जुन यादव सिंह (जनता दल) |
1989 | महाराजा यदवेंद्र दत्त दुबे (बीजेपी) |
जौनपुर लोकसभा का जातीय और सियासी समीकरण
जौनपुर लोकसभा में ब्राह्मण और ठाकुर वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यादवों की आबादी भी प्रभावशाली संख्या में है. 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के श्याम सिंह यादव ने दलित, मुस्लिम और यादव वोटर्स के समर्थन से जीत दर्ज की थी. धनंजय सिंह की जौनपुर में तगड़ी पकड़ है. वह 2009 में जौनपुर के सांसद चुने गए थे. अगर इस बार चुनाव लड़ते तो अगड़ी जातियों के वोट बंटने से बीजेपी का नुकसान होता. हालांकि, खबरें है कि धनंजय अपनी पत्नी श्रीकला सिंह को उतार सकते हैं. अगर ऐसा नहीं भी करते तो किसी और उम्मीदवार को समर्थन दे सकते हैं. बीजेपी के कृपाशंकर सिंह की जमीनी पकड़ उतनी मजबूत नहीं है. अभी तक सपा-कांग्रेस गठबंधन और बसपा ने पत्ते नहीं खोले हैं.