Jayant Sinha: किसी ने बुलाया ही नहीं... भाजपा के नोटिस पर सांसद जयंत सिन्हा ने दिया लंबा जवाब
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Jayant Sinha: किसी ने बुलाया ही नहीं... भाजपा के नोटिस पर सांसद जयंत सिन्हा ने दिया लंबा जवाब

Jayant Sinha Letter to BJP: झारखंड भाजपा पदाधिकारी के नोटिस पर पार्टी के सांसद जयंत सिन्हा ने खुलकर लंबा जवाब दिया है. उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से पूरी बात लिखी. उन्होंने कहा कि चुनाव से हटने के बाद पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता ने संपर्क नहीं किया और न किसी इवेंट में बुलाया.

Jayant Sinha: किसी ने बुलाया ही नहीं... भाजपा के नोटिस पर सांसद जयंत सिन्हा ने दिया लंबा जवाब

Jayant Sinha Reply to BJP: भाजपा के नोटिस पर पार्टी के हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने लंबा जवाब दिया है. उन्होंने खुद को 'अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना' बनाए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा, 'मैंने जेपी नड्डा जी से बातकर चुनाव न लड़ने की बात कही थी, पार्टी के उम्मीदवार मनीष जायसवाल जी का सपोर्ट भी किया... ऐसे में अगर पार्टी चाहती कि मैं चुनावी गतिविधियों में हिस्सा लूं तो आपको मुझसे संपर्क करना चाहिए था.' दरअसल, दो दिन पहले भाजपा के झारखंड प्रदेश महासचिव आदित्य साहू ने जंयत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस भेजा था. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे ने अब उन्हें जवाबी लेटर भेजा है. उन्होंने बाकायदे लेटर ट्वीट भी किया है. 

नोटिस क्यों आया था?

कारण बताओ नोटिस में साहू ने लिखा था, ‘जब से पार्टी ने मनीष सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया, तब से आप (जयंत) संगठनात्मक कार्यों और चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. आपने अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा. आपके आचरण के कारण पार्टी की छवि खराब हुई है.’ क्या कोई कार्रवाई होगी? इस पर भाजपा नेता ने कहा था कि यह जयंत सिन्हा के जवाब पर निर्भर करेगा. 

जयंत सिन्हा का भाजपा को जवाब

अब जवाबी लेटर में सिन्हा ने लिखा है कि पार्टी के एक भी वरिष्ठ नेता या झारखंड के किसी सांसद, विधायक ने 2 मार्च 2024 को मेरी घोषणा के बाद मुझसे संपर्क नहीं किया. मुझे पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया और न ही संगठन की मीटिंग का न्योता आया. अगर श्री बाबूलाल मरांडी जी मुझे कार्यक्रमों में शामिल करना चाहते थे तो वे निश्चित रूप से मुझे आमंत्रित कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

दिल्ली में था तब फोन आया...

आगे जयंत सिन्हा ने बताया कि 29 अप्रैल 2024 को मैं दिल्ली में था, जब मनीष जायसवाल जी का फोन आया. उन्होंने 1 मई को नामांकन में शामिल होने का न्योता दिया. देरी से जानकारी मिलने के कारण मेरा 1 मई की सुबह पहुंचना संभव नहीं था. हालांकि मैं 2 मई को पहुंचा और सीधे जायसवाल जी के घर गया. वह नहीं थे लेकिन मैंने परिवार को अपना मैसेज दिया. 

स्पीकर को जानकारी देने के बाद मैं 10 मई को विदेश चला गया. पार्टी ने किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नहीं कहा इसलिए मेरे रहने की कोई वजह नहीं थी. हां, उन्होंने यह भी साफ किया है कि उन्होंने भारत छोड़ने से पहले पोस्टल बैलट के जरिए अपना वोट दे दिया था. ऐसे में यह आरोप लगाना गलत है कि मैंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. 

पढ़िए जयंत सिन्हा का पूरा जवाब

श्री आदित्य साहू जी,
प्रदेश महामंत्री भाजपा झारखंड सह राज्यसभा सांसद

मुझे आपका पत्र प्राप्त करके आश्चर्य हुआ तथा यह जानकर अत्यधिक हैरानी भी हुई कि आपने इसे मीडिया में भी जारी कर दिया है.

सर्वप्रथम मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी नड्डा जी के साथ हुए वार्तालाप को आपके ध्यान में लाना चाहता हूं. 2 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव से काफी समय पहले ही मैंने सक्रिय चुनावी दायित्वों में भाग न लेने का निर्णय लिया था ताकि मैं वैश्विक जलवायु परिवर्तन से उभरे हुए मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. इस निर्णय की सार्वजनिक घोषणा मैंने एक द्वीट के माध्यम से स्पष्टता और पारदर्शिता के लिए की थीः
'मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री जे पी नड्डा जी से मुझे सक्रिय चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का आग्रह किया है ताकि मैं भारत और विश्व भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने और उसका सामना करने हेतु जारी प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. इसके साथ ही मैं आर्थिक और शासन संबंधी विषयों पर पार्टी के साथ काम करना सहर्ष जारी रखूंगा. मुझे पिछले 10 वर्षों से भारत और हज़ारीबाग के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. इसके आलावा मुझे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी और पार्टी नेतृत्व द्वारा प्रदान किये गए कई
दायित्वों का निर्वहन करने का अवसर प्राप्त हुआ है. इसके लिए मैंने शीर्ष नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है.'

उपरोक्त द्वीट से स्पष्ट है कि मैंने 2 मार्च 2024 को ही लोकसभा चुनाव में सहभागिता न करने की सार्वजनिक घोषणा कर दी थी. नड्डा जी से परामर्श करने और उनकी स्पष्ट स्वीकृति प्राप्त करने के बाद मैंने यह सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर दिया था कि मैं चुनाव में शामिल नहीं होने जा रहा हूं. मैं पार्टी के आर्थिक और शासन संबंधी नीतियों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा.

मेरे द्वीट के द्वारा की गई घोषणा के बाद हज़ारीबाग लोकसभा के हजारों मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया बहुत हृदयस्पर्शी थी. कई लोग दिल्ली में मुझसे मिलने आए और आग्रह किया कि मैं अपने निर्णय पर विचार कर उसे वापस लूं और लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी जारी रखूं. यह एक कठिन समय था, जिसमें जनभावनाएं उफान पर थीं, परन्तु मैंने राजनीतिक मर्यादा और संयम बनाए रखा.

पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए श्री मनीष जायसवाल जी को अपना उम्मीदवार घोषित किया. मैंने 8 मार्च 2024 को उन्हें बधाई दी जो मेरे स्पष्ट समर्थन का ही साक्ष्य था. यह कार्यक्रम सोशल मीडिया पर अच्छी तरह से रिकॉर्ड हुआ था और पार्टी के निर्णय के प्रति मेरे समर्थन का भी सूचक था.

इस बीच अगर पार्टी चाहती थी कि मैं किसी प्रकार की चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो निश्चित रूप से आप मुझसे संपर्क कर सकते थे. हालांकि, 2 मार्च 2024 को मेरी घोषणा के बाद झारखंड के किसी भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी या सांसद/विधायक ने मुझसे संपर्क नहीं किया. मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैली या संगठनात्मक बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया. यदि श्री बाबूलाल मरांडी जी मुझे कार्यक्रमों में शामिल करना चाहते थे तो वे निश्चित रूप से मुझे आमंत्रित कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया...

माननीय लोकसभा अध्यक्ष जी को सूचित करने के बाद मैं कुछ महत्वपूर्ण निजी प्रतिबद्धताओं के कारण 10 मई 2024 को विदेश चला आया. पार्टी द्वारा मुझे किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित न किये जाने के कारण मुझे वहां रुकने की कोई ख़ास आवश्यकता दिखाई नहीं पड़ी. जाने से पहले मैंने पोस्टल बैलट प्रक्रिया के माध्यम से अपना वोट दिया था इसलिए यह आरोप लगाना गलत है कि मैंने अपने मतदान के कर्तव्य का पालन नहीं किया.

भारतीय जनता पार्टी के साथ अपने 25 वर्षों की सेवा के दौरान मैं दो बार सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्री और लोकसभा की वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष रहा हूं. हजारीबाग में मेरे विकास और संगठनात्मक कार्यों की व्यापक रूप से सराहना की गई है, जिसका सबसे बड़ा साक्ष्य था कि 2014 और 2019 के चुनावों में मेरी रिकॉर्ड मतों से जीत हुई थी.

पिछले कई दशकों से मैंने पार्टी की कई महत्वपूर्ण और सार्थक राष्ट्रीय नीति संबंधी पहलों में सहायता की है. इन पदों पर रहते हुए मेरे कार्यों की सभी हितधारकों द्वारा व्यापक रूप से प्रशंसा की गई है. मुझे वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति के उत्कृष्ट कार्य के लिए संसद महारत्न पुरस्कार से सम्मानित करने के साथ ही माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा भी सम्मानित किया गया है. मुझे कई महत्वपूर्ण संसदीय और मीडिया बहसों में भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है. मैंने पार्टी की अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया है.

इन योगदानों और उपरोक्त परिस्थितियों के मद्देनजर आपके द्वारा इस पत्र को सार्वजनिक रूप से जारी करना मेरी नजर में अनुचित है. आपका यह रवैया समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश करने के अलावा पार्टी के सामूहिक प्रयासों को भी कमजोर करने वाला है. इसके अतिरिक्त, पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और कठिन परिश्रम के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि मुझे अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है.
हम निश्चित ही किसी भी समय व्यक्तिगत रूप से या फोन पर बात कर सकते थे ताकि आपके किसी भी संदेह को दूर किया जा सके. हज़ारीबाग लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के पदाधिकारी होने के नाते आप कभी भी मुझसे संपर्क कर सकते थे. चुनाव समाप्त होने के बाद आपके द्वारा इस तरह का पत्र भेजना मेरे लिए समझ से परे है.

सधन्यवाद
Jayant Sinha

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