Monsoon Update: दिल्ली में शनिवार को हुई बारिश ने गर्मी से राहत दी है, लेकिन आने वाले दिनों फिर मुसीबत बढ़ने वाली है. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुड न्यूज़ दी है और बताया है कि कब तक दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत मॉनसून वाली बारिश शुरू हो जाएगी.
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Monsoon Update: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को हुई बारिश (Delhi Rain) के बाद लोगों को आखिरकार चिलचिलाती गर्मी और लू से राहत मिली है. इसके बाद रविवार को भी सामान्य रूप से बादल छाए हुए हैं और कुछ इलाकों में हुई बूंदाबांदी के बाद मौसम सुहाना बना हुआ है. लेकिन, ये राहत कुछ दिनों के लिए है और आने वाले दिनों में फिर से भीषण गर्मी (Delhi-NCR Temperature) का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुड न्यूज़ दी है और बताया है कि कब तक दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत मॉनसून वाली बारिश शुरू हो जाएगी.
3 जुलाई तक पूरे देश में बढ़ने लगेगा मॉनसून
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक नए पूर्वानुमान में कहा है कि मॉनसून 3 जुलाई तक पूरे देश में फिर से बढ़ने लगेगा और पूरे उत्तर-पश्चिम भारत को कवर कर लेगा. इसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा पंजाब और हरियाणा भी शामिल हैं. इसके बाद पूरे देश में मॉनसून की बारिश होने लगेगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी. बता दें कि मॉनसून 11 जून तक नॉर्थ ईस्ट पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद इसकी रफ्तार धीमी हो गई थी और आगे बढ़ नहीं पाया है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा, 'हमें जुलाई के पहले सप्ताह के आसपास अच्छी रिकवरी की उम्मीद है और जून से हुई कमी को इस अवधि के दौरान पूरा कर लिया जाएगा.
3-4 दिनों में इन राज्यों में होने लगेगी बारिश
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगले 3-4 दिनों के दौरान मॉनसून के गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गंगा के पश्चिमी बंगाल के कुछ हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों, झारखंड के कुछ हिस्सों, बिहार के कुछ और हिस्सों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की उम्मीद है. इसके बाद इन राज्यों में बारिश शुरू हो जाएगी. मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि इसके बाद 27 जून से यह उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में आगे बढ़ेगा. आईएमडी के पूर्वानुमान में कहा गया है, 'पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और पश्चिमी राजस्थान को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की गतिविधि सामान्य से अधिक होने की संभावना है.' पूर्वानुमान में कहा गया है, 'दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 27 जून से 3 जुलाई के बीच मध्य भारत के शेष भागों और उत्तर-पश्चिम भारत के शेष भागों के अधिकांश भागों में आगे बढ़ने की संभावना है.'
मॉनसून आने में क्यों हुई देरी?
मौसम विभाग ने यह भी कहा कि वर्तमान में अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO) की स्थितियां बनी हुई हैं, जबकि अगस्त के आसपास ला नीना स्थितियां विकसित होने की उम्मीद है. अल नीनो भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र का चक्रीय वॉर्मिंग है, जो दुनिया भर के मौसम पर व्यापक प्रभाव डालता है. भारत में यह आमतौर पर कमजोर मॉनसून के मौसम का कारण बनता है. जबकि, ला नीना विपरीत घटना है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में अत्यधिक बारिश से जुड़ी है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव और मौसम विज्ञानी एम राजीवन ने कहा, 'मॉनसून फिर से सक्रिय हो रहा है. जैसा कि मैंने कहा कि जुलाई के पहले सप्ताह तक मॉनसून आ जाएगा. हमें अगले 2-3 सप्ताह तक अच्छी बारिश की उम्मीद है. हमारे पास मॉनसून के दौरान सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है.' ला नीना में बदलाव के बारे में उन्होंने कहा, 'हमें अगस्त में ला नीना के कारण सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है.'