Lok Sabha Chunav Manifesto: चुनाव में आप इग्नोर नहीं कर सकते घोषणापत्र, जानें BJP - कांग्रेस ने पूरे किए कितने वादे
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Lok Sabha Chunav Manifesto: चुनाव में आप इग्नोर नहीं कर सकते घोषणापत्र, जानें BJP - कांग्रेस ने पूरे किए कितने वादे

Party Manifesto कहिए या चुनावी घोषणापत्र इसकी अपनी अहमियत होती है. यह पार्टियों की ओर से तैयार किया जाना वाला दस्तावेज होता है जिसमें दल अपना फ्यूचर प्लान बताते हैं. जनता से उस पर वोट मांगते हैं. हालांकि बड़ा सवाल यह है कि चुनाव बाद क्या मैनिफेस्टो में किए वादे पूरे होते हैं? हां, तो कितने प्रतिशत.

Lok Sabha Chunav Manifesto: चुनाव में आप इग्नोर नहीं कर सकते घोषणापत्र, जानें BJP - कांग्रेस ने पूरे किए कितने वादे

BJP, Congress, Samajwadi Party Manifesto 2024: लोकसभा चुनाव का सीजन है तो पार्टियां मैनिफेस्टो भी जारी कर रही हैं. घोषणापत्र में कई बड़े दावे और वादे किए जा रहे हैं. कोई आलोचना करे, इसे कभी पूरा न होने वाला बताए, कुछ और कहे लेकिन इन चुनावी घोषणापत्रों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. जी हां, क्योंकि ये भविष्य की तस्वीर सामने रखते हैं. कैसे? इसे समझना बहुत आसान है. 1984 में भाजपा ने वादा किया था कि वह आर्टिकल 370 को खत्म करेगी. 35 साल बाद पूर्ण बहुमत की सरकार ने 2019 में अपना वादा पूरा किया. 

इसी तरह कांग्रेस ने 2004 के मैनिफेस्टो में शिक्षा के अधिकार का वादा किया था और 2009 में इसे लागू किया. मैनिफेस्टो की अपनी अहमियत होती है. कांग्रेस और भाजपा ने कितने प्रतिशत वादे पूरे किए, यह जानने से पहले कुछ बड़े वादे जान लीजिए, वे कब किए गए थे और कब पूरे हुए.

वादा तेरा वादा...
पार्टी  वादा  कब किया  पूरा हुआ
भाजपा  आर्टिकल 370 समाप्त करने का  1984  2019
भाजपा  आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण  1996  2019
भाजपा  समान नागरिक संहिता  1989  2024 (उत्तराखंड)
भाजपा  राम मंदिर निर्माण  1991  2024
भाजपा  CAA 2019  2019, 2024
कांग्रेस  मनरेगा (ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून) 2004  2005
कांग्रेस  शिक्षा का अधिकार  2004  2005

 

घोषणापत्र नीतियों को प्रभावित करते हैं. ये भारत के राजनीतिक परिदृश्य को सामने रखते हुए पार्टियों की प्रतिबद्धताएं बताते हैं. आमतौर पर घोषणापत्र सरल और कई भाषाओं में बनाए जाते हैं जिससे आम लोगों तक उसकी पहुंच हो. 

किसने कितने वादे पूरे किए

अच्छी बात यह है कि सरकारों ने बीते दो दशकों में अपने घोषणापत्र में किए वादों को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है. हां, जैसे यूपीए-1 ने कांग्रेस के 2004 के घोषणापत्र में किए 46% वादों को पूरा किया. यूपीए-2 ने कांग्रेस के 2009 के घोषणापत्र के 64% वादों को पूरा किया. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रदर्शन बेहतर हुआ. भाजपा ने 2014 के घोषणापत्र में किए गए 71% वादों को पूरा किया.

कौन लिखता है घोषणापत्र

पार्टी का मैनिफेस्टो उसके वरिष्ठ नेता तैयार करते हैं. यह मतदाताओं को लुभाने के लिए सुधारों का रोडमैप होता है. लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस, सपा, सीपीएम और डीएमके के घोषणापत्र जारी हो चुके हैं. 

- कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, दिल्ली के उपराज्यपाल को राज्य सरकार के अधीन करने और अग्निपथ योजना को समाप्त करने का वादा किया है. इसमें 15 हजार से ज्यादा शब्द हैं. 

- सपा ने भी घोषणापत्र जारी कर दिया है. इसमें उसने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के साथ ही अग्निवीर स्कीम खत्म करने की बात कही है. 

- सीपीएम ने PMLA कानून, UAPA और सीएए जैसे कानूनों को रद्द करने के साथ ही चुनावों के लिए राज्य से फंडिंग का वादा किया है. मैनिफेस्टो में 16 हजार से ज्यादा शब्द हैं. 

- DMK ने अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) को हटाने का वादा किया है. मैनिफेस्टो में 12 हजार से ज्यादा शब्द लिखे गए हैं. 

- भाजपा अपना घोषणापत्र अभी तैयार कर रही है. 2019 के मैनिफेस्टो में 17 हजार शब्द थे. 

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1974 में मनोज कुमार की आई फिल्म 'रोटी, कपड़ा और मकान' काफी हिट रही थी. उस समय भारत के विकास या कहें कि लोगों की उम्मीदें और आकांक्षाएं रोटी, कपड़ा और मकान ही थीं लेकिन अब 50 साल बाद ये नया भारत है. यह आर्थिक और तकनीक के क्षेत्र में पावरहाउस बन रहा है. ऐसे में लक्ष्य भी दो कदम आगे के होंगे. 

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