Modi Government 3.0: देश की अगले पांच साल दशा और दिशा तय करेंगे ये 4 मंत्री, CCS में सिर्फ बीजेपी के नेता
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Modi Government 3.0: देश की अगले पांच साल दशा और दिशा तय करेंगे ये 4 मंत्री, CCS में सिर्फ बीजेपी के नेता

Ministry Distribution in Modi Government: पीएम मोदी ने पद की शपथ लेने के बाद आज अपने मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया. बड़ी बात ये है गठबंधन सरकार होने के बावजूद पीएम मोदी ने CCS में शामिल मंत्रालयों पर कोई समझौता करने से इनकार कर दिया.

Modi Government 3.0: देश की अगले पांच साल दशा और दिशा तय करेंगे ये 4 मंत्री, CCS में सिर्फ बीजेपी के नेता

Modi Government 3.0 Ministry Distribution: मोदी सरकार 3.0 में जैसी उम्मीद जताई जा रही थी, आखिरकार वैसा ही सच साबित हुआ है. मोदी सरकार ने सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी (CCS) में शामिल चारों अहम मंत्रालय अपने पास रखे हैं. इस कमेटी में गृह, रक्षा, वित्त और विदेश जैसे अहम मंत्रालय शामिल होते हैं. यही कमेटी देश की रक्षा से जुड़े अहम मामलों पर फैसला करती है. इसके साथ ही देश की दशा-दिशा क्या होगी, उसकी रणनीति भी यही कमेटी तय करती है.

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न चारों पावरफुल मंत्रियों को मिले पुराने मंत्रालय

पिछली मोदी सरकार में गृह मंत्री रहे अमित शाह, रक्षा मंत्री रहे राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री रहे डॉक्टर एस जयशंकर और वित्त मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण को फिर से उनके पुराने मंत्रालय दिए गए हैं. इस मसले पर पीएम मोदी ने सरकार को समर्थन दे रहे सहयोगी दलों के दबाव में आने से इनकार कर दिया. हालांकि उनकी इच्छाओं पर भविष्य में ध्यान देने का आश्वासन जरूर दिया. 

देश की सुरक्षा के मसले पर निर्णायक फैसला लेने वाली कमेटी

बताते चलें कि CCS देश की सुरक्षा के मसले पर निर्णायक फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है. पीएम इस कमेटी के अध्यक्ष होते हैं. उनके साथ गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री इस कमेटी के मेंबर होते हैं. देश के अंदर या बाहर, जब भी राष्ट्र की सुरक्षा पर कोई अहम डिसीजन करना होता है तो आखिरी फैसला यही कमेटी लेती है. इस कमेटी के फैसले को सरकार का कोई भी अंग काट नहीं सकता. 

अहम विभागों में मंत्रियों की नियुक्तियां भी करती है CCS

राष्ट्र की सुरक्षा के लिए दूसरे देशों के साथ समझौते करने, उनके साथ पारस्परिक संबंध बढ़ाने या सैन्य कार्रवाई करने पर फैसला करने का जिम्मा भी इसी सरकार पर होता है. युद्ध या संकट की स्थिति में यही कमेटी निर्णय करती है कि देश का रिस्पांस कैसा और किस हद तक निर्णायक होगा. हथियारों की खरीद या एक्सपोर्ट करने का जिम्मा भी इसी कमेटी के पास होता है. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े निकायों, जैसे कि DRDO, ISRO समेत अहम विभागों के प्रमुखों की नियुक्ति भी यही कमेटी करती है. नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की नियुक्ति करना भी इसी कमेटी का काम है. 

इस बार बहुमत से पीछे रह गई है बीजेपी

बताते चलें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के आंकड़े 272 से पहले 240 पर सिमट गई थी. इसके बाद पीएम मोदी ने एनडीए में शामिल सहयोगी दलों के सहारे लगातार तीसरी बार सरकार तो बना ली है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि अब उन्हें 5 साल तक इस समर्थन की कीमत चुकानी पड़ सकती है. हालांकि मंत्रालयों के वितरण की सूची देखने के बाद लग नहीं रहा है कि पीएम मोदी इस दबाव में आ गए हैं. देश की सुरक्षा से जुड़े CCS के चारों अहम मंत्रालय अपने पास रखकर उन्होंने साफ संकेत दे दिया है कि वे इस मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे. अब इस कमेटी से जुड़े यही चारों मंत्री मिलकर तय करेंगे कि अगले 5 साल में देश को की दशा और दिशा कैसी रहने वाली है. 

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