Munger Lok Sabha Chunav 2024 News: बिहार की हॉट सीटों में से एक मुंगेर में कभी 4 लोकसभा सीटें हुआ करती थीं. 1967 से मुंगेर लोकसभा सीट एक हो गई. बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह यहां की हवेली खड़गपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचते थे.
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Munger Lok Sabha Chunav Result 2024 : बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की चुनावी रणभूमि होने के चलते मुंगेर हमेशा से चर्चा में रही है. बिहार केसरी श्रीबाबू मुंगेर की हवेली खड़गपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचते थे. मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह निवर्तमान सांसद हैं. उनके लिए अच्छी बात है कि एनडीए में हुए सीट बंटवारे में मुंगेर सीट जदयू के पास ही रह गई है.
लोकसभा चुनाव 2019 में मुंगेर लोकसभा सीट का हाल
लोकसभा चुनाव 2019 में मुंगेर लोकसभा सीट पर 19 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. ललन सिंह ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और 528,762 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. कांग्रेस के टिकट पर लड़ीं नीलम देवी 360,825 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थीं. तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार अमरजीत पटेल रहे थे. उन्हें महज 18,646 वोट मिले थे. वहीं, दीना 15,893 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहे थे.
मुंगेर से भी 4 सांसद जीते थे चुनाव, ऐसा रहा है इतिहास
बिहार की हॉट सीटों में से एक मुंगेर में कभी 4 लोकसभा सीटें हुआ करती थीं. 1967 से मुंगेर लोकसभा सीट एक हो गई. साल 1952 के चुनाव में जब मुंगेर में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, तो यह 4 लोकसभा सीटों में बंटा हुआ था. यहां से कांग्रेस के 4 प्रत्याशी सांसद मथुरा प्रसाद मिश्र, सुरेश चंद्र मिश्र, बनारसी पीडी सिन्हा और नयन तारा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे. वहीं अगले आम चुनाव 1957 में मुंगेर जिले से दो सांसद चुनाव जीतकर आए थे. 1967 के आम चुनाव में यहां लोकसभा सीटों को मिला दिया गया और मुंगेर लोकसभा सीट एक हो गई.
1971 के आम चुनाव में कांग्रेस के देवनंदन प्रसाद यादव, 1977 में जनता पार्टी के श्रीकृष्ण सिंह, 1980 और 1984 में कांग्रेस के देवनंदन प्रसाद यादव और 1989 में जनता दल के धनराज सिंह यहां से सांसद बने. वहीं 1991 और 1996 में ब्रह्मानंद मंडल चुनाव जीते थे. 1998 में ये सीट राजद, 1999 में जदयू, 2004 में फिर राजद और 2009 में फिर जदयू के खाते में गई. 2014 में लोजपा के टिकट पर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज कर सांसद बनीं. वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में ललन सिंह ने जीत हासिल की.
क्या है मुंगेर का जातीय समीकरण?
मुंगेर के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां यादव और कुशवाहा वोटर्स की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा सामान्य और एससी-एसटी समुदाय के लोग भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, यहां 51.02 फीसदी हिंदू वोटर्स हैं और 48 फीसदी मुस्लिम वोटर्स, जबकि ईसाई, सिख और अन्य वोटर्स की हिस्सेदारी महज 0.98 प्रतिशत, 0.30 प्रतिशत और 0.34 प्रतिशत है.
2008 में नए परिसीमन के बाद मुंगेर लोकसभा सीट पर भूमिहारों का दबदबा भी बढ़ा है. यहां कुल वोटर्स की संख्या बढ़ कर 20,27,616 पहुंच गई है. इनमें 10,75,640 पुरुष वोटर्स हैं, जबकि 9,51,924 महिला वोटर्स हैं. चुनाव आयोग द्वारा घोषित शेड्यूल के मुताबिक, मुंगेर सीट पर चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होनी है. जदयू से ललन सिंह का टिकट पक्का माना जा रहा है, जबकि विपक्षी गठबंधन ने अभी तक उम्मीदवार तय नहीं किया है.
मुंगेर की क्या है खासियतें?
मुंगेर बंगाल के अंतिम नवाब मीर कासिम की राजधानी हुआ करता था. मीर कासिम ने गंगा नदी के किनारे भव्य किला बनवाया था जो आज भी मौजूद है. यहीं पर स्थित कष्टहरिणी घाट हिंदू धर्मावलंबियों के लिए पवित्र माना जाता है. यहां पास में माता सीताचरण का मंदिर स्थित है. यहां का योग विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में मशहूर है. जमालपुर रेल कारखाना, गन फैक्ट्री और ITC के प्लांट्स को लेकर भी मुंगेर फेमस रहा है. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन जब बिहार के उद्योग मंत्री बने थे, तब उन्होंने यहां बंद पड़े कल-कारखानों को फिर से चालू कराने का आश्वासन दिया था.
मुंगेर की भौगोलिक और प्रशासनिक स्थिति
पहले का मुंगेर अब सिमट कर रह गया है. इसमें से तीन हिस्से काट कर अलग जिले बना दिए गए हैं. 1976 में मुंगेर से बेगूसराय अलग जिला हो गया. 1988 में खगड़िया और 1991 में जमुई को अलग जिला बना दिया गया. अब करीब 14,019 वर्ग किलोमीटर फैले मुंगेर जिले की आबादी 13.68 लाख है. यहां 3 अनुमंडल और 9 प्रखंड, जबकि 101 ग्राम पंचायतें हैं. यहां कुल गांवों की संख्या 861 है. मुंगेर शहर नगर निगम है, जबकि इसके अंतर्गत 3 नगरपालिकाएं हैं.