Rajput BJP News: क्या वेस्ट यूपी में भाजपा से नाराज हैं राजपूत? मायावती और अखिलेश देख रहे बड़ा मौका
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Rajput BJP News: क्या वेस्ट यूपी में भाजपा से नाराज हैं राजपूत? मायावती और अखिलेश देख रहे बड़ा मौका

Mayawati Thakur Voter: पहले से कहा जाता रहा है कि ठाकुर और वैश्य समाज भाजपा के पक्के वोटर रहे हैं. हालांकि इस बार अखिलेश यादव और मायावती ने नाराजगी की बात कर खेला शुरू कर दिया है. पहले अखिलेश ने रैली कर साधने की कोशिश की. अब मायावती ने वेस्ट यूपी के क्षत्रिय समुदाय को बड़ा संदेश दिया है. 

Rajput BJP News: क्या वेस्ट यूपी में भाजपा से नाराज हैं राजपूत? मायावती और अखिलेश देख रहे बड़ा मौका

Rajput Against BJP or Not: राजस्थान में राजपूत समुदाय का एक वर्ग केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला की टिप्पणी को लेकर भाजपा से नाराज बताया जा रहा है. इधर, पश्चिम उत्तर प्रदेश के भी क्षत्रिय समुदाय में भाजपा के खिलाफ नाराजगी के दावे किए जाने लगे हैं. यहां समुदाय के नेताओं को टिकट न दिए जाने से भाजपा के खिलाफ असंतोष की बात कही जा रही है. समाजवादी पार्टी और बसपा जैसी विपक्षी पार्टियां क्षेत्र में इसे अपने लिए मौका देख रही हैं. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक विपक्षी दलों ने अपर-कास्ट समुदाय तक पहुंच बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. 

बसपा अध्यक्ष मायावती ने रविवार को गाजियाबाद में एक चुनावी रैली में इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि भाजपा क्षत्रियों (राजपूत या ठाकुर समुदाय) को नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने टिकट वितरण में सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है. गाजियाबाद में बसपा के उम्मीदवार ठाकुर बिरादरी से आने वाले नंद किशोर पुंडीर हैं. बागपत से बसपा ने प्रवीण बंसल को उतारा है जो गुर्जर समुदाय से आते हैं. वह ओबीसी कैटेगरी से है. सबसे बड़े राजपूत नेता और गाजियाबाद से प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व जनरल वीके सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया. 

पश्चिमी यूपी में क्षत्रिय बहुत लेकिन...

मायावती ने रैली में भाषण की शुरुआत में ही कहा कि वैसे तो पूरी यूपी में सभी धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं लेकिन पश्चिमी यूपी में अपर कास्ट समाज में से क्षत्रिय समाज के लोग काफी बड़ी तादाद में रहते हैं. दुख की बात यह है कि भाजपा और अन्य पार्टियां अपने आपको क्षत्रियों की हिमायती समझती हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा और दूसरी पार्टियों ने क्षत्रिय समाज की उपेक्षा की है. लेकिन बसपा ऐसी पार्टी है जिसने पश्चिमी यूपी में अन्य समाज के साथ-साथ क्षत्रियों को पूरा आदर सम्मान दिया है. टिकट बंटवारे के मामले में उचित भागदारी दी है. 

क्षत्रिय पंचायतों से जानकारी मिली है...

मायावती ने कहा कि हमने सहारनपुर-मेरठ मंडल से कई टिकट क्षत्रिय समाज को दिए हैं. उन्होंने यह भी जिक्र किया कि गाजियाबाद में अपर कास्ट से क्षत्रिय समाज काफी बड़ी तादाद में हैं लेकिन इस बार क्षत्रिय समाज की यहां उपेक्षा की गई है. भाजपा ने क्षत्रिय समाज को टिकट न देकर उनकी उपेक्षा की है, जिसको लेकर क्षत्रिय समाज की नाराजगी थी. पंचायतें हुईं और पंचायतों में मुझे ये जानकारी मिली है कि तय हुआ कि जिस पार्टी ने समाज को चुनाव में भागीदारी दी है, वोट उसी पार्टी को जाएगा. मायावती ने इस पर आभार प्रकट किया. 

सिखों का भी जिक्र

मायावती ने आगे कहा कि गाजियाबाद में सिख समाज काफी रहता है. उनको ये नहीं लगना चाहिए कि हमने उनकी उपेक्षा की है क्योंकि इनसे पहले हमने सिख उम्मीदवार का टिकट फाइनल किया था. हालांकि जब हमने आबादी के हिसाब से छानबीन की तो पता चला कि गाजियाबाद की तुलना में लखीमपुर खीरी में पंजाबी सिख समाज का वोट काफी ज्यादा है. जिस पंजाबी उम्मीदवार को हमने फाइनल किया था उन्हें हमने लखीमपुर खीरी से टिकट दिया है. दरअसल, बसपा ने कौशांबी के बिजनसमैन अंशय कालरा को खीरी लोकसभा भेजा है. 

अखिलेश बोले, पगड़ वाले दिख रहे

इससे दो दिन पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गौतमबुद्ध नगर में अपनी रैली में क्षत्रिय समाज के मौजूद होने की बात कही थी. उन्होंने कहा, 'मैं सिर पर पगड़ी देख रहा हूं. जो लोग पारंपरिक रूप से किसी अन्य पार्टी को वोट देते रहे हैं, मैं इस बार उनकी राजनीतिक जागरूकता के लिए आभारी हूं कि वे सम्मान और पगड़ी के साथ साइकिल का समर्थन करने जा रहे हैं.'

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सपा के गौतमबुद्ध नगर जिला सचिव हेमंत राघव भी क्षत्रिय हैं. उन्होंने कहा, 'जनता में पगड़ी पहने लोग क्षत्रिय थे और अखिलेश यादव जी ने उनकी मौजूदगी को देखा. वे इस बार सपा का समर्थन करने जा रहे हैं क्योंकि वे भाजपा से नाराज हैं जिसने इस चुनाव में उनका अपमान और उपेक्षा की है.' सपा ने गौतमबुद्ध नगर में दो क्षत्रिय सम्मेलन और ठाकुरों की एक पंचायत का आयोजन किया था. 

गौतमबुद्ध नगर में साढ़े चार लाख क्षत्रिय

सपा ने गौतमबुद्ध नगर से गुर्जर उम्मीदवार डॉ. महेंद्र सिंह नागर को मैदान में उतारा है. भाजपा उम्मीदवार मौजूदा सांसद और पूर्व मंत्री महेश शर्मा ब्राह्मण हैं. बीएसपी से राजेंद्र सिंह सोलंकी क्षत्रिय समुदाय से मैदान में हैं. सोलंकी का कहना है कि निर्वाचन क्षेत्र में करीब 4.5 लाख क्षत्रिय वोट हैं और बीएसपी उनसे जुड़ने का प्रयास कर रही है.

आगे 8 सीटें लेकिन भाजपा से एक भी क्षत्रिय नहीं

पिछले शुक्रवार को वेस्ट यूपी की जिन आठ सीटों पर मतदान हुआ है उसमें भाजपा ने एक मात्र ठाकुर कैंडिडेट उतारा था. कुंवर सर्वेश सिंह मुरादाबाद से रेस में थे लेकिन शनिवार को उनका निधन हो गया. क्षेत्र में 26 अप्रैल को 8 और सीटों पर चुनाव होने वाला है लेकिन बीजेपी की तरफ से कोई भी ठाकुर कैंडिडेट नहीं है. भाजपा उम्मीदवारों में दो ब्राह्मण, दो वैश्य, एक गुर्जर और एक जाट हैं. सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने बागपत से जाट कैंडिडेट को उतारा है. 

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खबर है कि भाजपा क्षत्रियों की नाराजगी को समझते हुए अपने नेताओं को समुदाय के लोगों को मनाने के लिए भेज रही है. महेश शर्मा ही नहीं, पार्टी के दो ठाकुर विधायक- पंकज सिंह और धीरेंद्र सिंह को भी ठाकुर वोटों को साधने के मिशन में तैनात किया गया है.

भाजपा कॉन्फिडेंट है 

हालांकि भाजपा के नेताओं का साफ तौर पर कहना है कि बीजेपी के खिलाफ ठाकुरों में कोई असंतोष की भावना नहीं है. यह सब विपक्षी पार्टियों का प्रॉपगेंडा है, जिनके पास इस चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी ने सरकार और संगठन में क्षत्रियों को उचित प्रतिनिधित्व दिया है. 

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