Election Expenditure: पंजाब के जालंधर में लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान और जनसभाओं के दौरान लोगों को जलपान कराने के लिए एक कप चाय और एक समोसे के लिए 15-15 रुपये खर्च कर सकते हैं. हालांकि, मध्य प्रदेश के मंडला में प्रत्याशी एक कप चाय के लिए सात रुपये और एक समोसे के लिए 7.5 रुपये खर्च कर सकता है. देश के राज्यों में नाश्ते की बात होती है तो चाय और समोसा का नाम सबसे पहले आता है. लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न जिला निर्वाचन समितियां चुनाव खर्च पर निगरानी की प्रक्रिया के तहत खर्च के लिए दर तय कर रही हैं. उम्मीदवारों को तय सीमा के भीतर ही खर्च करना होगा.
- आंध्र प्रदेश समेत अधिकतर राज्यों में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार के लिए प्रचार संबंधी खर्च सीमा 95 लाख रुपये है. हालांकि अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम में यह सीमा थोड़ी कम 75 लाख रुपये प्रति उम्मीदवार है. इसी तरह केंद्रशासित प्रदेशों के लिए खर्च सीमा 75 लाख से 95 लाख रुपये के बीच निर्धारित है जो क्षेत्रों पर निर्भर करेगी.
- जालंधर में छोले भटूरे की कीमत 40 रुपये प्लेट तय की गई है, जबकि मटन और चिकन की कीमत क्रमश: 250 और 500 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित है. इसी तरह उम्मीदवार मिठाइयों में डोड्डा पर 450 रुपये प्रति किलोग्राम और घी पिन्नी पर 300 रुपये प्रति किलोग्राम खर्च कर सकते हैं तो लस्सी और नींबू पानी पर 20 और 15 रुपये प्रति गिलास खर्च कर सकते हैं.
- मूल्य तालिका के हिसाब से चाय की सबसे कम कीमत मध्य प्रदेश के बालाघाट में है जो पांच रुपये है, लेकिन यहां समोसे की कीमत 10 रुपये तय की गई है. बालाघाट के रेट कार्ड में इडली, सांभर वड़ा और पोहा-जलेबी की कीमत 20 रुपये तय की गई है.
- हिंसाग्रस्त मणिपुर के थौबल जिले में समोसा, कचोरी, खजूर की कीमत 10-10 रुपये निर्धारित है. इस राज्य के तेंगनूपाल जिले में प्रत्याशियों को एक कप काली चाय पर पांच रुपये और दूध वाली चाय पर अधिकतम 10 रुपये खर्च करने होंगे.
- नोएडा और ग्रेटर नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) की मूल्य सूची को देखें तो यहां शाकाहारी थाली की कीमत 100 रुपये, एक समोसे या एक कप चाय की कीमत 10 रुपये, कचौरी की कीमत 15 रुपये, एक सैंडविच की कीमत 25 रुपये और एक किलोग्राम जलेबी की कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई है.
- इस मूल्य सूची में चुनाव प्रचार के लिए टाटा सफारी या स्कॉर्पियो से लेकर होंडा सिटी या सियाज और बस या नौका समेत अलग-अलग वाहनों के लिए अलग-अलग दर निर्धारित की गई है. (फोटो- lexica एआई)