Shashi Tharoor: शशि थरूर ने लोकसभा चुनावों में दक्षिण भारत में मजबूत प्रदर्शन के बीजेपी के दावे को उसके दुष्प्रचार का परिणाम बता दिया. इस दौरान शशि थरूर ने हिंदी, हिंदुत्व और हिंदुस्तान को लेकर अपने अंदाज में बीजेपी पर तंज कसा.
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Loksabha Chunav Campaign: करीब पांच साल के बाद देश एक बार फिर से रोचक लोकसभा चुनाव के दौर में पहुंच गया है. दो प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के बीच प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. नेताओं की तरफ से एक दूसरे पर पलटवार भी किया जा रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस के दिग्गज नेता और तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से प्रत्याशी शशि थरूर ने बीजेपी पर तीखा निशाना साधा है. उन्होंने दक्षिण भारत में बीजेपी की उम्मीदों के दावों पर कुठाराघात भी किया है. शशि थरूर ने लोकसभा चुनावों में दक्षिण भारत में मजबूत प्रदर्शन के बीजेपी के दावे को उसके दुष्प्रचार का परिणाम बता दिया. इस दौरान शशि थरूर ने हिंदी, हिंदुत्व और हिंदुस्तान को लेकर अपने अंदाज में बीजेपी पर तंज कसा.
असल में शशि थरूर ने सीधा आरोप लगाया कि बीजेपी उत्तर में साम्प्रदायिकता, धार्मिक विभाजन और मूलनिवासी सामाजिक विभाजन जैसे जो विमर्श गढ़ती है लेकिन ये सब वहां लागू नहीं होते हैं. शशि थरूर ने दक्षिण में आक्रामक सियासी रणनीति अपनाने वाली बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक ऐसी पार्टी जो ‘विकास’ पर ध्यान केंद्रित करने का दावा करती है, उसके एजेंडे की उस क्षेत्र में स्वीकार्यता सबसे कम है जो वास्तव में सबसे अधिक ‘विकसित’ क्षेत्र है.
धर्मनिरपेक्षता के लिए करो या मरो का चुनाव?
शशि थरूर ने कहा कि “हिंदी, हिंदुत्व, हिंदुस्तान” के प्रभुत्व की तलाश वास्तव में हमारी बहुलवादी चेतना की नींव के लिए सबसे प्रमुख खतरा है. न्यूज एजेंसी से बातचीत में शशि थरुर ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता देश की संस्कृति के ‘डीएनए’ में अंतर्निहित है और यह इतनी आसानी से गायब नहीं होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या यह धर्मनिरपेक्षता के लिए करो या मरो का चुनाव है, थरूर ने कहा कि नहीं, क्योंकि राष्ट्रीय एकता की ताकतें हमेशा भारत की आवश्यक धर्मनिरपेक्षता के लिए पहले की चुनौतियों पर हावी रही हैं.
'भारत की आत्मा के लिए चल रही लड़ाई'
हालांकि शशि थरूर ने यह जरूर कहा कि यह लोकसभा चुनाव भारत की आत्मा के लिए चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चरण है. देश में राम मंदिर की लहर से बीजेपी को फायदा मिलने की संभावना पर, शशि थरुर ने कहा कि बीजेपी का धर्म का राजनीतिकरण तब बहुत आगे बढ़ गया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की, जिसके लिए वह स्पष्ट रूप से योग्य नहीं हैं. उन्होंने कहा कि राम के आजीवन भक्त के रूप में, जिनकी तस्वीर हमेशा मेरे घर के पूजा कक्ष में एक प्रमुख स्थान पर सुशोभित रहती है, मुझे यह पूछने का पूरा अधिकार है कि मुझे अपने राम को बीजेपी को क्यों समर्पित करना चाहिए. उन्होंने यह भी पूछ लिया कि भगवान राम पर कॉपीराइट किसने बीजेपी को दिया.
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Photo- X/ShashiTharoor