Sitapur Lok Sabha Election 2024: सीतापुर से राकेश राठौर ने रचा इतिहास, 89641 वोटों के अंतर से बीजेपी को पछाड़ा
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Sitapur Lok Sabha Election 2024: सीतापुर से राकेश राठौर ने रचा इतिहास, 89641 वोटों के अंतर से बीजेपी को पछाड़ा

Sitapur Lok Sabha Chunav: सीतापुर लोकसभा में कुर्मी, ब्राह्मण, दलित और अल्पसंख्यक प्रभावी तादाद में हैं. सांसद के चुनाव में इन चारों का अहम रोल रहता है. इस बार भी यह ट्रेंड जारी रहेगा या माहौल बदलेगा.

Sitapur Lok Sabha Election 2024: सीतापुर से राकेश राठौर ने रचा इतिहास, 89641 वोटों के अंतर से बीजेपी को पछाड़ा

Sitapur Lok Sabha Chunav Latest News: उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में पड़ने वाला सीतापुर जिला प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटा हुआ है. यहां के अधिकतर लोग खेती किसानी का काम करते हैं. सीतापुर लोकसभा सीट पर पहली बार आम चुनाव साल 1952 में हुआ था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई की पत्नी उमा नेहरू इस सीट पर जीत हासिल करने वाली पहली सांसद थीं. इसके बाद उन्होंने 1957 में जीत का डंका बजाया. हालांकि 1962 के चुनाव में जनसंघ के उम्मीदवार सूरजलाल वर्मा के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी थी. पिछली दो आम चुनाव में यहां बीजेपी के राजेश वर्मा जीत रहे हैं. उनके सामने इस बार जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है. वहीं, कांग्रेस ने राकेश राठौर को उम्मीदवार बनाया है. आइए इस खबर में सीतापुर लोकसभा और यहां का सियासी समीकरण जानते हैं. 

सीतापुर लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024

सीतापुर जिला प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटा हुआ है. इस सीट पर करीब 18 लाख वोटर्स हैं. इनमें से 81 प्रतिशत वोटर ग्रामीण हैं. अगर जातीय समीकरणों की बात करें तो इस सीट पर करीब 27 फीसदी दलित वोटर हैं. 

किसे मिलेगी सत्ता की चाभी?

सीतापुर लोकसभा सीट का अधिकतर हिस्सा ग्रामीण है. इस सीट पर करीब 18 लाख वोटर्स हैं. इनमें से 81 प्रतिशत वोटर ग्रामीण हैं, जबकि शहरी एरिया मात्र 19 फीसदी ही है. ऐसे में जीत हासिल करने के लिए उम्मीदवारों को गांव-गांव की खाक छाननी पड़ती है. अगर जातीय समीकरणों की बात करें तो इस सीट पर करीब 27 फीसदी दलित वोटर हैं. इसके साथ ही कुर्मी वोटर्स की संख्या करीब 12 फीसदी है. अन्य पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की तादाद भी 28 प्रतिशत के आसपास है. ऐसे में गांवों में रहने वाले दलित-पिछड़े वोटर किसी भी उम्मीदवार को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा करते हैं. 

दल बदलने के बावजूद राजेश वर्मा का जलवा बरकरार

इस सीट पर कांग्रेस, जनता पार्टी, जनसंघ, बीजेपी, बीएसपी और सपा सभी दल जीत हासिल कर चुके हैं यानी कि यहां की जनता ने सभी दलों को संसद तक पहुंचाया है. पिछले 10 साल से इस सीट पर बीजेपी नेता राजेश वर्मा सांसद हैं. वे पहले बसपा में थे और हाथी के सिंबल पर 1999 व 2004 का चुनाव इस सीट से जीत चुके हैं. 2014 के चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थामा और टिकट पाकर सीतापुर से फिर सांसद बन गए. 

क्या जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे राजेश वर्मा?

बीजेपी ने एक बार फिर राजेश वर्मा को इस सीट से टिकट दिया है. ऐसे में देखने लायक बात होगी कि वे इस सीट पर अपनी जीत की हैट्रिक पूरी कर पाते हैं या नहीं. सीतापुर के सांसद राजेश वर्मा ने ज़ी न्यूज़ को दिए टेलीफोनिक इंटरव्यू में बताया कि उनके कार्यकाल में 7 रेलवे ओवरब्रिज सीतापुर के लिए स्वीकृत हुए हैं. जिनमें से 5 पर काम चल रहा है. तीन रेलवे ओवरब्रिज बनकर तैयार होने की स्थिति में हैं. इसके अलावा शारदा नदी पर करीब पौने 2 किलोमीटर का पुल 166 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. रेलवे का कायाकल्प करने का काम भी किया गया है. इस बार धर्म-जाति से ऊपर उठकर हर वर्ग के लोग बीजेपी के लिए वोट करने वाले हैं. राजेश वर्मा ने वादा किया है कि इस बार जीते तो सीतापुर का औद्योगिक विकास करेंगे. इसके जरिए बेरोजगारी पर लगाम लगाएंगे.

कौन हैं राजेश वर्मा?

राजेश वर्मा ने पहली बार 1996 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था. वह कांग्रेस-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार थे. हालांकि, पहले चुनाव में उन्हें हार मिली थी. इसके बाद राजेश वर्मा लगातार 2 बार 1999 और 2004 में बीएसपी के टिकट पर सीतापुर से जीते और संसद पहुंचे. फिर 2009 में राजेश वर्मा धौरहरा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं मिल सकी. इसके बाद 2014 में राजेश वर्मा बीजेपी में आ गए और 2014 और 2019 में लगातार दो बार बीजेपी के टिकट पर सीतापुर से जीत चुके हैं. बीजेपी ने 2024 में टिकट देकर फिर से राजेश वर्मा पर भरोसा जताया है.

कांग्रेस उम्मीदवार ने बढ़ाई सियासी गर्मी?

इंडिया गठबंधन की तरफ से सीतापुर सीट कांग्रेस के खाते में आई है. कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक राकेश राठौर को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, पहले कांग्रेस ने नकुल दुबे को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन अब राकेश राठौर चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस ने बीजेपी के पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार के सामने अपना OBC कैंडिडेट उतार है. राकेश राठौर 2017 में बीजेपी के विधायक बने थे. उसके बाद वह सपा में गए और अब कांग्रेस के टिकट पर सीतापुर लोकसभा सीट से चुनाव चुनाव लड़ रहे हैं. राकेश राठौर की गिनती जुझारू पिछड़े नेताओं के रूप में होती है.

सीतापुर लोकसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास

वर्ष विजेता पार्टी
2019 राजेश वर्मा बीजेपी
2014 राजेश वर्मा

बीजेपी

2009 कैसर जहां बसपा
2004 राजेश वर्मा बसपा
1999 राजेश वर्मा बसपा

सीतापुर लोकसभा चुनाव 2024

पार्टी उम्मीदवार मिले वोट रिजल्ट
बीजेपी राजेश वर्मा    
कांग्रेस राकेश राठौर    
बसपा      
अन्य      

 

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