Maharahstra Assembly Election 2024: चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी के बीच सीधा मुकाबला है. साथ ही साल 2019 में भाजपा से अलग हुई शिवसेना की चुनौती का भी इम्तिहान है.
Trending Photos
Mahayuti Vs Mahavikas Aghadi In Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में सियासी जोड़-घटाव परवान पर हैं. साल 209 के बाद बारी-बारी से सत्ता में आए महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच कड़े मुकाबले के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, साल 2019 में भाजपा और शिवसेना में सियासी 'तलाक' होने के बाद दोनों एक दूसरे के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं.
पांच साल में तीन मुख्यमंत्री और दो सियासी पार्टियों में बड़ी बगावत
महाराष्ट्र में साल 2019 के बाद से पांच साल में तीन मुख्यमंत्री और दो बड़ी, ताकतवर और क्षेत्रीय पार्टियों में हुई बगावत के साथ ही सियासत काफी बदली है. वहीं, चुनाव से पहले के मौजूदा हालात भी पहले से काफी अलग हैं. आइए, जानते हैं कि चुनाव के ऐलान के बाद फिलहाल महाविकास अघाड़ी बनाम महायुति मुकाबले में कौन ज्यादा दमदार है? वहीं, केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए शिवसेना यूबीटी कितनी बड़ी चुनौती है?
महाराष्ट्र विधानसभा में क्या है सीटों का मौजूदा सियासी समीकरण?
महाराष्ट्र में कुल 288 सदस्यीय विधानसभा में सीटों का मौजूदा गणित देखें तो सत्ता पक्ष यानी महायुति के 202 विधायक हैं. इनमें भाजपा के 102, एनसीपी (अजित पवार) के 40, शिंदे शिवसेना के 38 और अन्य छोटे सहयोगी दलों के 22 विधायक हैं. वहीं, विपक्ष में खड़े महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस के 37, शिवसेना (यूबीटी) के 16, एनसीपी (शरद पवार) के 16 और अन्य छोटे साथी दलों के 6 विधायक हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में अलग-अलग कारणों से 15 सीटें फिलहाल खाली हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के बाद क्या- क्या बड़े बदलाव हुए?
महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के गठबंधन यानी महायुति की सरकार है. हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे के मुताबिक यह सियासी सीन सोचा भी नहीं जा सकता था. यानी पांच साल में महाराष्ट्र की सियासत काफी उतार-चढ़ाव झेलते हुए बदल चुकी है. साल 2019 के चुनाव नतीजे के बाद से पांच साल में महाराष्ट्र में तीसरे गठबंधन की सरकार है. देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी की सरकार सुबह होने से पहले बनी और फिर गिर गई. इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी. फिर शिवसेना में बगावत के बाद एकनाथ शिंदे की अगुवाई में नई सरकार बन गई.
2019 के 'तलाक' के बाद भाजपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती है शिवसेना?
साल 2019 में चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर झंझट के बाद भाजपा-शिवसेना के रास्ते अलग हो गए. उद्धव ठाकरे ने विरोधियों के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली. इसके बाद बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में शिवसेना अपने इतिहास की सबसे बड़ी बगावत का गवाह बना. शिवसेना पार्टी में दो फाड़ हुआ और मूल पार्टी, लोगो, झंडा, दफ्तर सब पर एकनाथ शिंदे और उनके साथियों का कब्जा हो गया.
उद्धव ठाकरे सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद किनारे हो गए. हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 में उद्धव ठाकरे ने 9 सीटें जीतकर ठीकठाक वापसी की. इससे हौसला पाकर वह विधानसभा चुनाव में भाजपा को हिंदुत्व, मराठा और स्थानीयता के मुद्दे पर कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं.
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी बनाम महायुति मुकाबले में कौन ज्यादा दमदार?
महाराष्ट्र में महायुति सरकार में तो महाविकास अघाड़ी विपक्ष में है. 2019 के बाद पांच वर्षों में महाराष्ट्र के सभी प्रमुख दलों ने सत्ता का सुख भोगा है. दो पार्टीयों में बगावत और टूट के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों की संख्या भी चार से बढ़कर छह हो गई है. इससे दोनों ही गठबंधनों में अब तीन-तीन बड़े राजनीतिक दल शामिल हैं. इन दोनों ही अनोखे राजनीतिक गठबंधनों के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में पहला बड़ा इम्तिहान होगा. हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 में भी मुकाबला महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच था, लेकिन उसके मुद्दे राष्ट्रीय थे. उस मुकाबले में विपक्षी महाविकास अघाड़ी ज्यादा दमदार साबित हुई.
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे में महाविकास अघाड़ी पड़ी महायुति पर भारी
लोकसभा चुनाव के नतीजे में महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा 13 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली. उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) नौ सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही. एनसीपी (शरद पवार) ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की. इस तरह विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने 30 लोकसभी सीटें अपने पाले में कर ली. वहीं, सत्तासीन महायुति को 17 सीटों से संतोष करना पड़ा. इनमें भाजपा को नौ, शिवसेना को सात और एनसीपी को महज एक सीट पर जीत मिली थी. हालांकि, इसके पहले जून, 2022 में महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीटों पर हुए चुनाव में 11 उम्मीदवारों के होने पर बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग के बीच भाजपा ने बाजी मार ली थी.
ये भी पढ़ें - Maharashtra Election: महाराष्ट्र चुनाव से पहले 4 बैठकों में 150 फैसले, शिंदे सरकार की रफ्तार से चैट GPT भी शरमा जाए
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे कैसे रहे थे, कौन था आगे-कौन पीछे?
पांच साल पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर 2019 को तारीखों का ऐलान किया था. महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्तूबर, 2019 को वोट डाले गए और 24 अक्तूबर, 2019 को मतगणना कराई गई थी. चुनावी नतीजे के मुताबिक, भाजपा को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिलीं. उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई थीं. इस तरह भाजपा-शिवसेना के चुनाव पूर्व गठबंधन को कुल 161 सीटें मिलीं. यह बहुमत के आंकड़े 145 से काफी ज्यादा था. दूसरी ओर एनसीपी को 54 सीटें और उसकी सहयोगी कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी. इसके बावजूद राज्य की सियासत ने कई अप्रत्याशित करवटें लीं.
ये भी पढ़ें - Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में हो गया चुनाव का ऐलान, एक चरण में ही होगा मतदान, जानिए पूरा शेड्यूल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग का शेड्यूल क्या है?
चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. घोषणा के मुताबिक, महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों पर मतदाता एक ही चरण में 20 नवंबर, 2024 को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. मतगणना और नतीजे के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की गई है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम में अधिसूचना 22 अक्तूबर को जारी की जाएगी. नामांकन की आखिरी तारीख 29 अक्तूबर है. नामांकन पत्रों की जांच 30 अक्तूबर को पूरी होगी. नाम वापसी के लिए 4 नवंबर तक समय दिया गया है.