जिस बंटेंगे तो कटेंगे से उबल गई थी महाराष्ट्र की सियासत, योगी के उस नारे पर क्या बोल गए नितिन गडकरी?
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जिस बंटेंगे तो कटेंगे से उबल गई थी महाराष्ट्र की सियासत, योगी के उस नारे पर क्या बोल गए नितिन गडकरी?

Nitin Gadkari on Batenge Katenge: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में चुनाव के दिन योगी आदित्यनाथ के चर्चित नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह विभाजन का नहीं बल्कि एकता के प्रतीक को दिखाता है. 

जिस बंटेंगे तो कटेंगे से उबल गई थी महाराष्ट्र की सियासत, योगी के उस नारे पर क्या बोल गए नितिन गडकरी?

Nitin Gadkari on Batenge Katenge: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'कटेंगे तो बटेंगे' नारे पर महाराष्ट्र में जमकर सियासत हुई है. एक तरफ जहां भाजपा और उसके सहयोगी दलों के कुछ नेताओं ने इस नारे को अपनाने से इनकार कर दिया, वहीं महाराष्ट्र की राजनीति के सबसे बड़े चेहरों में से एक नितिन गडकरी इस नारे के पक्ष में खड़े नजर आए हैं. उन्होंने कहा कि यह नारा लोगों को बांटने के लिए नहीं है बल्कि एकता का प्रतीक है. गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि कि यह नारा भाजपा के 'संप्रदाय, धर्म या भाषा से ऊपर उठने के संकल्प.' को दिखाता है. उन्होंने कहा,'हम सभी भारतीय हैं. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं. यह (नारा) कोई सांप्रदायिक विचार नहीं है और न ही यह मुस्लिम या किसी अल्पसंख्यक समुदाय को टार्गेट करता है.' 

भाजपा नेताओं ने भी किया किनारा:

यहां तक कि कुछ भाजपा के बड़े नेताओं को भी इस नारे पर टिप्पणी करने से बचते हुए देखा गया है. ऐसे में भाजपा का यह नारा लोकसभा चुनाव के नारे 'अबकी बार 400 पार' की तरह बैकफायर ना कर जाए. इस नारे के खिलाफ पार्टी नेता पंकजा मुंडे और राज्य के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद अशोक चव्हाण शामिल हैं. इसके अलावा यूपी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नारे के संबंध में सफाई दे चुके हैं. चव्हाण ने कहा,'इस (नारे) की कोई प्रासंगिकता नहीं है. नारे चुनाव के समय दिए जाते हैं. यह नारा अच्छा नहीं है और मुझे नहीं लगता कि लोग इसे पसंद करेंगे. व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मैं ऐसे नारों के पक्ष में नहीं हूं.' महायुति के लिए चुनाव प्रचार के दौरान नांदेड़ के अर्धापुर में बोलते हुए भाजपा नेता ने कहा,'प्रत्येक राजनीतिक पदाधिकारी को बहुत सोच-विचार के बाद फैसला लेना होता है. हमें यह भी देखना होगा कि किसी की भावनाएं आहत न हों.'

उपमुख्यमंत्रियों ने भी किया किनारा:

इस नारे को लेकर जब उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,'यह किसी संदर्भ के विषय में बात कही गई होगी, यह पार्टी का नारा नहीं है. सबसे बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं उनका कहना है 'एक है तो सेफ हैं'. कुछ इससे मिलता जुलता ही जवाब यूपी के दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का रहा है. पाठक ने कहा,'मैं सबको साथ लेकर चलूंगा.' उन्होंने आगे कहा,'भाजपा सबको इकट्ठा करके सनातन संस्कृति को आगे बढ़ने का कार्य कर रही है.'

योगी ने दिया 'बटेंगे-कटेंगे नारा'

'बटेंगे तो कटेंगे' नारा पहली पहली बार अगस्त में सुर्खियों में आया था, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश के हालात का जिक्र करते हुए कहा था विपक्ष पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की चिंता करने की बजाय मुस्लिम वोटों को नाराज नहीं करना चाहता. योगी ने गुस्से में कहा,'आप देख रहे हैं कि बांग्लादेश में क्या हो रहा है. वे गलतियां यहां नहीं दोहराई जानी चाहिए. बटेंगे तो काटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे.' महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव नजदीक आने पर विपक्ष और भाजपा के कुछ लोगों ने इस नारे पर सियासत शुरू कर दी.

पीएम मोदी ने दिया दूसरा नारा:

योगी आदित्यनाथ की तरफ से दिए गए इस नारे पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने जमकर भाजपा को घेरने की कोशिश की. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में एक रैली को संबोधित करते हुए एक और नारा दे दिया. पीएम मोदी ने कहा,'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे.' महाराष्ट्र के विदर्भ में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर लोग अपनी एकता खो देते हैं तो कांग्रेस उनके आरक्षण को छीन लेगी. चंद्रपुर जिले के चिमूर में जनसभा में मोदी ने कहा,ये मेरा आग्रह है, 'हम एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे.' बार प्रधानमंत्री मोदी ने इस नारे का इस्तेमाल किया. पीएम मोदी की तरफ से दिए गए दूसरे नारे के बावजूद योगी आदित्यनाथ का नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' पर विवाद अभी तक नहीं थमा है. 

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