Bollywood Franchises Film: अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड का फेवरेट सब्जेक्ट है. इन कहानियों में बॉलीवुड का ग्लैमर मिला देने से फिल्म चलने के मौके ज्यादा हो जाते हैं. लेकिन यह गारंटी वाला फार्मूला नहीं है. मगर इसे समय-समय पर आजमाया जाता है. एकता कपूर ने एक सफलता के बाद दूसरी बार जब दांव लगाया तो बात नहीं बनी.
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Akshay Kumar Film: वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई 2010 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म थी. लेकिन जब इसी सफलता को फिल्म फ्रेंचाइजी बनाकर भुनाने की कोशिश की गई तो असफलता हाथ लगी. वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा नाम से बनी फिल्म फ्लॉप साबित हुई. यह फिल्म स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, पहले पार्ट के लगभग तीन साल बाद 2013 में रिलीज की गई. फिल्म की स्टारकास्ट पहले पार्ट से अलग थी, लेकिन प्रोड्यूसर-डायरेक्टर वही थे. मिलन लुथरिया ने फिल्म को डायरेक्ट किया. एकता कपूर ने अपनी मां शोभा कपूर के साथ मिलकर फिल्म प्रोड्यूस की थी. अक्षय कुमार, इमरान खान तथा सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म में मुख्य भूमिकाएं थी. सोनाली बेंद्रे ने इस फिल्म से कमबैक किया था. वह इस फिल्म में स्पेशल अपीयरेंस में नजर आई थी. फिल्म को अधिकतर समीक्षकों ने नेगेटिव रिव्यू दिए. 85 करोड़ में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फेल साबित हुई.
कहानी का अंडरवर्ल्ड
कहानी पहली फिल्म की तरह अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड की ग्लैमरस दुनिया की थी. शोएब (अक्षय कुमार) जो मुंबई से बारह साल पहले फरार हो गया था, अपने खिलाफ आवाज उठाने वाले रावल (महेश मांजरेकर) को सबक सिखाने के लिए वापस लौटता है. असलम (इमरान खान) उसका मुंबई में भरोसेमंद आदमी है. वहीं जस्मीन (सोनाक्षी सिन्हा) नाम की लड़की कश्मीर से मुंबई अपनी अम्मी और दो छोटी बहनों के साथ फिल्मों में हिरोइन बनने की चाह लिए आई है. शोएब धीरे-धीरे जास्मीन को चाहने लगता है. दूसरी ओर जस्मीन असलम को चाहती है. कहानी उस वक्त टर्न लेती है, जब जस्मीन शोएब के इकतरफा प्यार के पैगाम को ठुकराती है. जब शोएब को इस बात का पता चलता है कि असलम और जस्मीन एक दूसरे को चाहते हैं तो शोएब असलम को रास्ते से हटाने का फैसला करता है.
कनफ्यूजन ही कनफ्यूजन
सब जानते हैं कि एकता कपूर ज्योतिष और न्यूमरोलॉजी में काफी विश्वास रखती हैं. उसी के चलते उन्होंने फिल्म के नाम तथा स्पेलिंग में कई चेंजे करवाए. लेकिन सब धरे रह गए. फिल्म फ्लॉप घोषित की गई. सबसे पहली बात तो यह कि फिल्म की कास्टिंग ठीक तरह से नहीं कि गई थी और न ही फिल्म की स्क्रिप्ट में दम था. इमरान खान एक लंबे समय बाद इस फिल्म में दिखाई दिए जिनकी एक्टिंग को लोगों ने कभी पसंद नहीं किया. अक्षय और इमरान के बीच सोनाक्षी के किरदार को इस तरह आगे बढ़ाया गया कि दर्शक नहीं समझ पाए कि आखिर वह किसे चाहती है. मिलन लुथरिया के डायरेक्शन में वह बात नजर नहीं आई, जो पहली फिल्म में थी. फिल्म की कहानी में काफी कन्फ्यूजन था. फिल्म देखते हुए दर्शक समझ ही नही पा रहे थे कि इसे एक माफिया फिल्म की तरह देखें, लव स्टोरी के रूप में देखें या इंसानी रिश्तों के आपसी संबंधों की तरह देखें.
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