Amitabh Bachchan Film: हिंदी सिनेमा को सलीम-जावेद की जोड़ी ने स्क्रिप्ट और डायलॉग के मामले में बहुत समृद्ध किया. उन्होंने मिलकर न केवल यादगार फिल्में लिखीं, बल्कि ऐसे संवाद किरदारों को दिए जो देखने की वालों के दिल में उतर गए. उनकी जुबान पर चढ़ गए. अमिताभ बच्चन को स्टार बनाने वाली जंजीर में भी आप यह बात देख सकते हैं.
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Amitabh Bachchan Zanjeer: हिंदी की शानदार और मील का पत्थर जैसी फिल्मों में गिनी जाने वाली जंजीर को आज रिलीज हुए 50 साल पूरे हो गए हैं. 11 मई 1973 को यह फिल्म रिलीज हुई और हिंदी सिनेमा को एक नया नायक मिला, एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन. फिल्म ने अमिताभ का जीवन बदल दिया. जंजीर की कथा-पटकथा सलीम खान ने लिखी थी. बाद में जावेद अख्तर इससे जुड़े और उन्होंने अमिताभ बच्चन के किरदार को कुछ और संवारा. डायलॉग लिखे. फिल्म के स्क्रीन पर सलीम-जावेद का नाम जोड़ीदार के रूप में आता है. जंजीर क्राइम थ्रिलर थी. जिसका हीरो इंस्पेक्टर विजय (अमिताभ बच्चन) बेहद सख्त है, उसका चेहरा कठोर है, वह कभी मुस्काराता और वह सिस्टम से नाराज युवक है. ऐसे दौर में जब हिंदी सिनेमा में रोमांटिक हीरो का बोलबाला था, निर्माता-निर्देशक प्रकाश मेहरा ने सलीम जावेद की स्क्रिप्ट पर भरोसा किया और फिल्मों की धारा बदल दी. फिल्म में अमिताभ के साथ जया बच्चन, प्राण, अजीत और बिंदु मुख्य भूमिकाओं में थे. फिल्म के डायलॉग भी शानदार थे. जिन्हें आज भी खूब याद किया जाता है. एक नजर जंजीर के कुछ यादगार संवादों पर...
अमिताभ बच्चन के डायलॉग
-जब तक बैठने को न कहा जाए शराफत से खड़े रहो... यह पुलिस स्टेशन है... तुम्हारे बाप का घर नहीं.
-आज के बाद अपने आदमियों से कह दो कि हमेशा तुम्हारे नजदीक रहें... क्योंकि तुम्हारी नजदीक की नजर कमजोर है.
-खाने के साथ सिगरेट पीना बहुत बुरी बात है.
-कल सुबह तक तुम्हारे सब जुएखाने और काले धंधे बंद हो जाने चाहिए.
प्राण के डायलॉग
-शेर खान ने शादी नहीं की तो क्या हुआ... लेकिन बारातें बहुत देखी हैं.
-इस इलाके में नए आए हो साहबॽ वर्ना शेर खान को कौन नहीं जानता.
-आज जिंदगी में पहली बार शेर खान की शेर से टक्कर हुई है.
-शेर खान आज का काम कल पर नहीं छोड़ता.
-हम आया था कर्जा लेने के लिए... पर तुमने शेर खान को खरीद लिया.
-शेर खान काले का धंधा करता है... लेकिन ईमानदारी से.
-चिल्लाओ नहीं साहेब... गला खराब हो जाएगा.
अजीत के डायलॉग
-कुत्ता जब पागल हो जाता है तो उसे गोली मार देते हैं.
-आओ विजय, बैठो और हमारे साथ एक स्कॉच पीयो... हम तुम्हें खा थोड़ी जाएंगे... वैसे भी हम वेजिटेरियन हैं.
-जिस तरह कुछ आदमियों की कमजोरी बेईमानी होती है... इसी तरह कुछ आदमियों की कमजोरी ईमानदारी होती है.
-अपनी उम्र से बढ़कर बातें नहीं करते.
-अच्छे खरीदार हमेशा सौदा करने से पहले... दूसरे की कीमत का अंदाजा लगा लेते हैं.
जया भादुड़ी का डायलॉग
-कुछ लोगों के लिए तुम्हारे दिल में इतनी नफरत भर गई है... कि प्यार के लिए तुम्हारे दिल में जरा भी जगह नहीं बची.