इन्होंने बनाई थी भारत की पहली फिल्म, दोस्त बंटवारे में कैमरा लेकर भाग गया तो हुई थी मौत
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इन्होंने बनाई थी भारत की पहली फिल्म, दोस्त बंटवारे में कैमरा लेकर भाग गया तो हुई थी मौत

Dada Saheb Torne Facts: इनका असली नाम रामचंद्र गोपाल तोरणे था. आज भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भारत की पहली फिल्म बनाने का क्रेडिट इन्हें ही दिया जाता है. 

इन्होंने बनाई थी भारत की पहली फिल्म, दोस्त बंटवारे में कैमरा लेकर भाग गया तो हुई थी मौत

Dada Saheb Torne Birth Anniversary: भारत की पहली फिल्म बनाने वाले दादा साहेब तोरणे (Dada Saheb Torne). जब भारत में सिर्फ विदेशी फिल्में ही दिखाई जाती थीं, तब 1912 में दादा ने फिल्म बनाई थी, फिल्म श्री पुंडलिक (Shri Pundalik). ये पहली फिल्म तो थी,लेकिन विदेशियों की मदद से बनी इस फिल्म की जगह एक साल बाद 1913 में आई दादा साहेब फाल्के की राजा हरिश्चंद्र को पहली भारतीय फीचर फिल्म माना गया.
 
आलम आरा का भी दिया था सुझाव 
इनका असली नाम रामचंद्र गोपाल तोरणे था. आज भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भारत की पहली फिल्म बनाने का क्रेडिट इन्हें ही दिया जाता है. इतिहास में भले ही इनका नाम दर्ज ना हो, लेकिन पहले फिल्म एडिटर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर भी इन्हें ही कहा जाता है. 1933 में पहली बोलती फिल्म आलम आरा (Alam Aara) बनाने का सुझाव भी दादा साहेब तोरणे ने आर्देशिर ईरानी को दिया था. 

हार्ट अटैक से हुई मौत
श्री पुंडलिक फिल्म रिलीज के 100 साल बाद इनके परिवार ने इन्हें फादर ऑफ इंडियन सिनेमा का क्रेडिट देने के लिए पिटीशन फाइल की थी, लेकिन फिल्म इतिहासकारों ने ये कहकर इस पिटीशन को खारिज कर दिया कि वो फिल्म नहीं बल्कि एक प्ले की रिकॉर्डिंग थी. भारतीय फिल्मों में पहला डबल रोल इनकी 1933 में आई मराठी फिल्म आउत घटाकेछा राजा में ही था. इन्होंने कई फिल्में तो बनाईं, लेकिन नए फिल्ममेकर्स आने से इनका काम बंद पड़ गया. 1943 में आर्थिक तंगी आई तो दादा ने अपना सरस्वती सिनेटोन स्टूडियो बेच दिया. 1947 में जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो इनका एक करीबी दोस्त इनके महंगे कैमरे और इक्विपमेंट चुराकर पाकिस्तान भाग गया. इस धोखे से दादा ऐसे टूटे कि उन्हें हार्ट अटैक आ गया. 19 जनवरी 1960 को दादा का निधन हो गया.

 

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