4 शादी और एक अफेयर के चलते सुर्खियों में रहने वाले Kabir Bedi, कभी हुआ करते थे बौद्ध भिक्षु
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4 शादी और एक अफेयर के चलते सुर्खियों में रहने वाले Kabir Bedi, कभी हुआ करते थे बौद्ध भिक्षु

Kabir Bedi Controversial Life: कबीर बेदी ने बताया था कि वे जब 10 साल के थे तब कुछ महीनों के लिए एक मोनेस्ट्री में भी रहे थे. वे इस दौरान बर्मा में थे और बतौर बौद्ध भिक्षु गलियों में जाकर लोगों से दान मांगा करते थे.

4 शादी और एक अफेयर के चलते सुर्खियों में रहने वाले Kabir Bedi, कभी हुआ करते थे बौद्ध भिक्षु

Kabir Bedi Personal Life: वेटरन एक्टर कबीर बेदी (Kabir Bedi) अपनी डायनैमिक पर्सनालिटी और बोलने के अंदाज के साथ ही चार-चार शादियों और एक्ट्रेस परवीन बाबी (Parveen Babi) के साथ अफेयर के चलते भी चर्चाओं में रहे थे. कबीर बेदी ने अपना बॉलीवुड डेब्यू साल 1971 में आई फिल्म ‘हलचल’ से किया था. कबीर बेदी ने ना सिर्फ बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड की भी कई चर्चित फिल्मों में काम किया है. इनमें - खून भरी मांग, द थीफ ऑफ बगदाद, शेरा शमशेरा, विश्वासघात आदि शामिल हैं. बहरहाल, आज हम आपको बताएंगे कबीर बेदी की लाइफ से जुड़े सबसे इंट्रेस्टिंग खुलासे के बारे में जो एक्टर ने एक इंटरव्यू में किए थे. 

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बायोग्राफी में किए थे चार-चार शादियों और अफेयर से जुड़े खुलासे 

साल 2021 में कबीर बेदी की बायोग्राफी ‘स्टोरीज आई मस्ट टेल : द इमोशनल जर्नी ऑफ एन एक्टर’ आई थी. इस बायोग्राफी में कबीर बेदी ने अपनी लाइफ को लेकर कुछ बड़े ही सनसनीखेज खुलासे किए थे. जिनमें परवीन बाबी से अफेयर और अपनी चार-चार शादियों का जिक्र एक्टर ने किया था. वहीं, कबीर बेदी ने साल 2013 में दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि बचपन में वे बौद्ध भिक्षु थे. एक्टर के अनुसार, महज 10 साल की उम्र में उन्हें एक बौद्ध भिक्षु बना दिया गया था क्योंकि उनकी मां भी तिब्बत में बौद्ध भिक्षुणी हुआ करती थीं. 

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10 साल की उम्र में बौद्ध भिक्षु बन इस देश में रहते थे कबीर बेदी 

कबीर बेदी ने इस इंटरव्यू में उनको बौद्ध भिक्षु बनाये जाने के दिनों को याद करते हुए कहा था कि, ‘मेरा सिर शेव कर दिया गया था और मुझे एक कमरे में रखा गया था जहां मुझे बौद्ध भिक्षु की तरह रहना सिखाया जा रहा था’. कबीर बेदी ने बताया था कि वे जब 10 साल के थे तब कुछ महीनों के लिए एक मोनेस्ट्री में भी रहे थे. वे इस दौरान बर्मा में थे और बतौर बौद्ध भिक्षु गलियों में जाकर लोगों से दान मांगा करते थे. यही नहीं, कबीर बेदी के अनुसार, इस दौरान वे आम बौद्ध भिक्षुओं की तरह दिन के कुछ घंटे ध्यान भी लगाया करते थे.

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