Rani Mukharjee: फिल्मों में लव स्टोरी दो-ढाई घंटे में अंजाम तक पहुंच जाती है, परंतु रीयल लाइफ में ऐसा नहीं होता. यहां फिल्मों में प्यार की ऐक्टिंग करने वाले सितारों को भी जिंदगी में उतार-चढ़ाव से गुजरना होता है. ऐसा ही कुछ हुआ था दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी फिल्म बनाने वाले आदित्य चोपड़ा और रानी मुखर्जी की लव स्टोरी में.
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Aditya Chopra: इसमें संदेह नहीं कि पठान की सफलता के बाद एक बार फिर से यशराज फिल्म्स बॉलीवुड का सबसे बड़ा स्टूडियो बन चुका है. इसके सर्वेसर्वा आदित्य चोपड़ा और रानी मुखर्जी बी-टाउन के सबसे पावरफुल कपल हैं. यह अलग बात है कि इसके बावजूद दोनों शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से साथ देखे जाते हैं. रानी जहां एक्ट्रेस हैं, वहीं आदित्य प्रोड्यूसर. रानी जहां लोगों के बीच आती हैं, वहीं आदित्य अक्सर तमाम लाइम लाइट से दूर रहते हैं. वर्षों बाद उन्हें बीते फरवरी में आई यशराज फिल्म्स की डॉक्युमेंट्री रोमांटिक्स में देखा गया था. खैर, अदित्य और रानी ने 2014 में 21 अप्रैल को इटली में गुपचुप शादी करके सबको चौंका दिया. परंतु इससे पहले इनके रोमांस की चर्चाएं मीडिया में थीं. 2015 में उनकी एक बेटी हुई, आदिरा.
पहले तलाक, फिर डेट
आदित्य-रानी की शादी को नौ साल से अधिक हो रहे. लेकिन दोनों के रोमांस का शुरुआती दौर फिल्मी प्यार की तरह आसान नहीं थी. रानी का नाम बॉलीवुड के कुछ सितारों से जुड़ चुका था और फिर आदित्य के साथ उनका नाम आया. इस बीच आदित्य ने अपनी पहली पत्नी पायल चोपड़ा को तलाक दिया. इस तलाक के बाद आदित्य और रानी ने एक-दूसरे को घोषित रूप से डेट करना शुरू किया. हालाकि कई लोगों ने रानी को इस शादी के टूटने का कारण बताया. यह भी कहा गया कि आदित्य माता-पिता पैम चोपड़ा और यश चोपड़ा ने शुरुआत में रानी मुखर्जी को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था. असल में पायल अपने सास-ससुर के बहुत नजदीक थीं.
जिंदगी में दखल
कहा जाता है कि घर में स्थिति तब जटिल हो गई जब यश चोपड़ा ने आदित्य चोपड़ा से नाराज होकर साफ कहा कि उन्हें घर में पिता की मर्जी से रहना होगा. तब मुंबई के मीडिया में यह खबरें आईं कि आदित्य तुरंत घर से निकल गए और करीब एक साल तक एक फाइव स्टार होटल में रहे. मगर बात यहीं खत्म नहीं हुई. आदित्य ने घर में साफ कर दिया कि उनकी अपनी जिंदगी है और इसमें वह किसी का दखल बर्दाश्त नहीं करेंगे. इन हालात में पैम चोपड़ा के लिए स्थिति मुश्किल हो गई क्योंकि वह अपने बेटे को बहुत चाहती थीं. अंततः उन्होंने आदित्य की मर्जी को स्वीकार करने का फैसला कर लिया.
हो गई घर वापसी
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि आखिरकार माता-पिता ने अपने बेटे के साथ चल रहे शीत युद्ध को खत्म करने का फैसला किया. वे बेटे को अपने से अलग नहीं होने देना चाहते थे. इसलिए भले ही वे रानी को अपनी बहू के रूप में सहज ढंग से स्वीकार नहीं कर पा रहे थे, तब भी उन्होंने तय किया कि बेटे की जिंदगी में दखल नहीं देंगे. इसके बाद आदित्य चोपड़ा वापस घर लौट आए. परिवार एक छत के नीचे आ गया और स्थितियां ठीक हो गईं. यह अलग बात है कि आज यश चोपड़ा और पैम चोपड़ा दोनों ही इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन आदित्य अपने माता-पिता की विरासत यशराज स्टूडियो को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं.