Shah Rukh Khan: दुनिया भर में लोग इन दिनों किसी फिल्म की गुणवत्ता जांचने के लिए रेटिंग साइटों को देखते हैं, इनमें आईएमडीबी को काफी विश्वसनीय माना जाता है. बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही पठान की आईएमडीबी रेटिंग फिलहाल 6.8/10. लेकिन क्या इस पर भरोसा किया जा सकता हैॽ
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Pathaan Box Office: शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम स्टारर पठान ने बॉक्स ऑफिस पर एक हफ्ता पूरा कर लिया है. एक हफ्ते में उसकी भारत में कमाई 300 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है. पठान की सफलता पर हालांकि कई संदेह भी सोशल मीडिया में व्यक्त किए हैं. चाहे वे इसकी एडवांस बुकिंग से जुड़े हों या कलेक्शन से. लेकिन अब दुनिया में भर में फिल्मों की रेटिंग के विश्वसनीय प्लेटफॉर्म माने जाने वाले आईएमडीबी का मामला सामने आया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमडीबी पर पठान की जो रेटिंग बताई जा रही है, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता. आईएमडीबी पर इस समय पठान की रेटिंग 6.8 है.
एक लाख से ज्यादा वोट
पोर्टल बिंज्ड की रिपोर्ट के अनुसार पठान को लेकर भले ही दर्शकों में उत्साह दिखा, फिल्म की तारीफ हुई, मगर उसकी तुलना में आईएमडीबी पर उसकी रेटिंग को बहुत अच्छी नहीं कहा सकता है. अभी तक एक लाख से ज्यादा लोगों ने इस डाटाबेस पर अपनी रेटिंग दी है, लेकिन जिस तरह से फिल्म को यहां रेट किया गया है, उससे औसत रेटिंग विश्वास के काबिल नहीं है. असल में पठान को तटस्थ रूप से बहुत कम देखा गया है. कहीं तो लोगों ने इसे बहुत ही ऊंचा समझ लिया और कहीं इसे बहुत ही नीचे के दर्जे की फिल्म जैसा रेट किया गया. असल में पठान को मिली एक लाख से ज्यादा रेटिंग में में करीब 50 फीसदी ने इसे 10/10 की रेटिंग दी है, जो कि दुर्लभ और अविश्वसनीय है. वहीं लगभग 23 फीसदी लोगों ने इसे 1/10 रेटिंग दी है. इसे भी किसी तरह सच नहीं माना जा सकता.
क्या प्रायोजित हैं रेटिंग
पठान को जिस तरह से ये रेटिंग मिली है, उससे साफ है कि यह दर्शकों का काम कम और प्रायोजित अधिक है. उल्लेखनीय है कि रिलीज से पहले ही पठान का जबर्दस्त विरोध शुरू हो गया था और इसके बायकॉट की भी मुहिम सोशल मीडिया में चली थी. इसके विरोध में शाहरुख खान और उनके फैन्स मैदान में उतर आए और हर सूरत में फिल्म को हिट बनाने का अभियान चलाया. ऐसे में पठान की ज्यादातर रेटिंग, पक्ष या विरोध में बिल्कुल ही एकतरफा है. दोनों तरफ पूरी तरह झुकी हुई रेटिंग देंखे तो यह कुल 73 फीसदी है. यानी 73 फीसदी रेटिंग या तो 0 है या फिर 10, दोनों पर ही पर विश्वास नहीं किया जा सकता. ऐसे में जब पठान की 6.8 रेटिंग आ रही है, उससे फिल्म के बारे में कोई सटीक अनुमान संभव नहीं है. फिल्म अच्छी है, औसत है या खराब, यह लोगों की अपनी-अपनी राय है. आईएमडीबी की रेटिंग में वह स्पष्ट नहीं दिख रही.
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