Top Ki Flop: बड़े सितारों ने ठुकराई फिल्म तो विवेक ओबेराय के पास आई, मगर दर्शकों को नहीं लुभा पाई
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Top Ki Flop: बड़े सितारों ने ठुकराई फिल्म तो विवेक ओबेराय के पास आई, मगर दर्शकों को नहीं लुभा पाई

Subhash Ghai Film: एक दौर था कि जब फिल्म इंडस्ट्री का हर सितारा सुभाष घई के साथ काम करना चाहता था. परंतु 2001 में यादें फ्लॉप होने के बाद स्थितियां बदल गईं. घई ने विवेक ओबेराय को लेकर किसना बनाई और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उनके करियर की सबसे नाकाम फिल्मों में एक साबित हुई.

 

Top Ki Flop: बड़े सितारों ने ठुकराई फिल्म तो विवेक ओबेराय के पास आई, मगर दर्शकों को नहीं लुभा पाई

Vivek Oberai Film: सुभाष घई ने अपने करियर में अधिकतर हिट फिल्में दी हैं. कुछ प्रोड्यूस की तो कुछ निर्माण-निर्देशन दोनों किया. लेकिन 2005 में एक ऐसी फिल्म आई जिसके बाद लोग खुलकर कहने लगे कि अब सुभाष घई को डायरेक्शन छोड़ देना चाहिए. सिर्फ फिल्में प्रोड्यूस ही करना चाहिए. नए लोगों को मौका देने के लिए डायरेक्शन वाली कुर्सी खाली कर देनी चाहिए. यह सब हुआ उनके द्वारा लिखित, निर्देशित-निर्मित फिल्म किसना: द वारियर पोएट की रिलीज के बाद. फिल्म इतनी बड़ी डिजास्टर साबित हुई कि 25 करोड़ में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 92 लाख की कमाई कर सकी. इस फिल्म से सुभाष घई को अच्छा खासा नुकसान हुआ.

अंग्रेजों के जमाने की कहानी
किसना (2005) में विवेक ओबेराय, ईशा श्रावणी तथा एंटोनिया बनर्थ की मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म ब्रिटिश शासन काल की एक प्रेम कहानी को बयां करती है. फिल्म में 1947 का समय दिखाया गया. जब लोगों में अंग्रेजों के खिलाफ आक्रोश था. किसना (विवेक ओबेरॉय) और एक ब्रिटिश युवती कैथरीन (एंटोनिया बर्नथ) के बीच आकर्षण को लेकर तब विवाद पैदा हो जाता है, जब युवक की सगाई गांव की एक लड़की लक्ष्मी (ईशा शरवानी) से होती है. सगाई के तुरंत बाद गोरों का विरोध करने वाली भीड़ कैथरीन के घर पर धावा बोल देती है. किसना उसे बचाता और दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी लेता है. दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं लेकिन किसना अपनी संस्कृति और परंपराओं का मान रखते हुए कैथरीन को सही सलामत मंजिल तक पहुंचा कर लक्ष्मी के पास लौट आता है.

बात हजम नहीं हुई
किसना को बहुत ही खराब ओपनिंग मिली थी. पहला हफ्ता खत्म होते-होते साफ हो गया कि फिल्म का कुछ नहीं हो सकता. मल्टीप्लेक्स में तो भी फिल्म थोड़ी बहुत चली क्योंकि लोगों ने सुभाष घई की फिल्म होने की वजह से एडवांस बुकिंग करा ली थी. लेकिन सिंगल स्क्रीन थियेटर्स में फिल्म का हाल बहुत बुरा था. फिल्म फ्लॉप होने की सबसे बड़ी वजह बताई गई, फिल्म की स्टार कास्ट. विवेक ओबेराय इससे पहले एक्शन करते हुए एंग्री युवा की भूमिकाएं निभा रहे थे. कविता करने वाले युवक के रूप में वह लोगों को जमे नहीं. सुभाष घई ने भी बाद में एक इंटरव्यू में कबूल किया कि उन्होंने फिल्म पुराने जमाने की सोच को ध्यान में रखकर बनाई जिसे नए जमाने की युवा पचा नहीं पाए. सुभाष घई यह फिल्म विवेक ओबेराय से पहले शाहरुख खान, ऋतिक रोशन और अक्षय खन्ना को ऑफर की थी. परंतु तीनों ने ही इंकार कर दिया.फिल्म में अमरीश पुरी का अहम रोल था. वह फिल्म की रिलीज से कुछ दिन पहले ही यह दुनिया छोड़ गए.

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