Bollywood Sexism: जिन एक्टर-एक्ट्रेस की दर्शकों के दिमाग में कोई इमेज बन जाती है, उसका उन्हें फायदा मिलता है. दर्शक उन्हें खास इमेज में देखना चाहते हैं और इसलिए हॉल में जाते हैं. लेकिन कई बार यह भी होता है कि एक्टर अपनी इमेज में खुद को इतना सुरक्षित महसूस करते हैं कि उससे बाहर नहीं आना चाहते.
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Parveen Babi And Zeenat Aman: 1980 के दशक में खूब मशहूर परवीन बॉबी और जीनत अमान की गिनती आज भी फिल्म इंडस्ट्री की ग्लैमरस हीरोइनों में की जाती है. दोनों अपने समय की फैशन आइकन थीं. जिस समय हीरोइनें पर्दे पर सूट और साड़ियां पहनती थीं, दोनों पश्चिमी अंदाज के बोल्ड कपड़ों में हीरो के साथ रोमांस करती थीं. उनकी इमेज भी ऐसी हीरोइनों की थीं, जो हमेशा वेस्टर्न ड्रेसेस में नजर आती थीं. ऐसे में कम ही फिल्में ऐसी हैं, जिनमें यह दोनों ट्रेडिशनल लुक या साड़ी में दिखाई दीं. असल में दोनों अपनी बोल्ड इमेज से प्यार करती थीं. इसी से जुड़ा एक किस्सा 1982 में आई फिल्म अशांति का है. दोनों एक साथ इस फिल्म में नजर आईं थीं. फिल्म मल्टीस्टारर थी. जीनत और परवीन के साथ शबाना आजमी, राजेश खन्ना, मिथुन चक्रवर्ती, कंवलजीत, अमरीश पुरी तथा सत्येन कप्पू की फिल्म में मुख्य भूमिकाएं थी. उमेश मेहरा फिल्म के डायरेक्टर तथा प्रोड्यूसर थे.
इंस्पेक्टर की मदद करती हीरोइनें
अशांति शबाना आजमी, जीनत अमान तथा परवीन बॉबी तीनों नायिकाएं थीं. तीनों का ही अहम रोल था. फिल्म एक ऐसे पुलिस इंस्पेक्टर की कहानी थी जो एक बैंक डकैती की पड़ताल करते हुए खुद ही इस केस में संदिग्ध हो जाता है. जिसके कारण उसे जेल जाना पड़ता है. जब वह जेल से बाहर निकलता है तो उसका एक ही उद्देश्य होता है कि उन लोगों का पता लगाए जिन्होंने उसे फंसाया. फिल्म की यह तीनों नायिकाएं इस मामले में उसकी मदद करती है. इस फिल्म में एक गाना ऐसा था जिसमें तीनों हीरोइनों को महाराष्ट्रीयन लोकनृत्य लावणी पर डांस करना था. जिसके लिए उन्हें महाराष्ट्रीयन लुक वाली साड़ी पहननी थी.
लौंगी मिर्ची मैं...
शबाना आजमी को तो साड़ी पहनने से कोई ऐतराज नहीं था लेकिन जीनत अमान और परवीन बॉबी ने साड़ी पहनने से बिल्कुल इंकार कर दिया. उन्होंने डायरेक्टर उमेश मेहरा से कहा कि वह साड़ी नहीं पहनेगी. उनका कहना था कि साड़ी पहनने से उनकी वेस्टर्न इमेज खराब होगी. साथ ही साड़ी में उन्हें सहज महसूस भी नहीं होगा. उन्हें डांस करने में मुश्किल होगी. डायरेक्टर ने उन्हें समझाया कि यह गाने की डिमांड है. चूंकि गाना महाराष्ट्रीयन है तो उसके हिसाब से ही कपड़े भी पहनने पड़ेंगे. इस बारे में बहुत बहस हुई. आखिरकार जीनत अमान और परवीन बाबी को डायरेक्टर की बात माननी ही पड़ी. गाना था लौंगी मिर्ची मैं कोल्हापुर की.
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