आरोपी बाबुल ने अक्टूबर 2015 में सिलचर से उखरूल में नाबालिग लड़की को लाया और उसे उखरूल के एक स्कूल में तीसरी कक्षा में दाखिला दिलवाया, जहां वह किराए पर रहता था. पुलिस ने कहा, "मार्च 2016 से वह अब तक लड़की के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न करता रहा."
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इंफालः मणिपुर की एक विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश (Special POCSO court Judge) ने असम के एक व्यक्ति को 16 साल की सजा सुनाई. आरोपी चाचा पर पॉक्सो अधिनियम 2012 (POCSO Act, 2012) के तहत उसकी 12 वर्षीय भतीजी के यौन उत्पीड़न (sexually assaulting) के लिए 20,000 रुपये के जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. पीड़ित और दोषी दोनों करीबी रिश्तेदार हैं, जो दक्षिणी असम के सिलचर से रहने वाले हैं.
मणिपुर पुलिस के अनुसार, 39 वर्षीय अपराधी बाबुल कोल ने 2016 में अपनी नाबालिग भतीजी के साथ दुष्कर्म (Rape)किया, जहां वे पूर्वोत्तर मणिपुर के उखरूल जिले में एक साथ रह रहे थे. आरोपी बाबुल ने अक्टूबर 2015 में सिलचर से उखरूल में नाबालिग लड़की को लाया और उसे उखरूल के एक स्कूल में तीसरी कक्षा में दाखिला दिलवाया, जहां वह किराए पर रहता था. पुलिस ने कहा, "मार्च 2016 से, वह उखरूल के महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने तक लड़की के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न करता रहा." दोषी पाते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और एक जांच के बाद यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया.
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पॉक्सो की विशेष अदालत के न्यायाधीश डब्ल्यू टोनेन मीतेई ने देखा कि यह बिना किसी संदेह के साबित हो गया है कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न किया था, जिसे शिक्षा के वादे के साथ सिलचर से लाया गया था, जिसके बाद उसे पॉक्सो अधिनियम 2012 के तहत अपराधित धोषित करते हुए 16 साल की सजा सुनाई गई.