गुरुग्राम हत्याकांड: बेकसूर कंडक्टर को फंसाने के मामले में 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR
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गुरुग्राम हत्याकांड: बेकसूर कंडक्टर को फंसाने के मामले में 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR

7 साल के बच्चे की हत्या मामले में लापरवाही बरतने के चलते CBI ने गुरुग्राम पुलिस के 4 कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की है. CBI ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने जान से मारने की धमकी देकर बेकसूर कंडक्टर को फंसाया था और उसके खिलाफ झूठे सबूत भी इकट्ठा किए थे. 

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली: गुरुग्राम (Gurgaon) के भोंडसी में स्थित एक स्कूल में हुई 7 साल के बच्चे की हत्या मामले (Murder Case) में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने गुरुग्राम पुलिस (Gurgaon Police) के 4 कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने आरोप लगाया कि चारों पुलिसकर्मियों ने बच्चे की हत्या की जांच गलत तरीके से की और जल्दबाजी में स्कूल बस के कंडक्टर को गिरफ्तार कर किया.

क्या था पूरा मामला?

ये घटना 8 सिंतबर 2017 की है जब स्कूल की दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे की स्कूल के ही छात्र ने हत्या कर दी थी. बच्चे की हत्या स्कूल के वॉशरूम में की गई थी. पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो पहला शक स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार पर गया और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसकी निशानदेही पर चाकू भी बरामद किया. 

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परिजनों ने की सीबीआई जांच की मांग

लेकिन मामले की जांच को लेकर परिजन संतुष्ट नहीं थे, लिहाजा जांच CBI को सौंपी गई. सीबीआई ने 22 सिंतबर 2017 को मामले की जांच शुरू की और पाया कि इस पूरे मामले में गुरुग्राम पुलिस की तरफ से लापरवाही बरती गई है. CBI ने स्कूल की पूरी तरह से पड़ताल की, मौके का मुआयना किया. वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाए गए और स्कूल के आस-पास की जगहों के CCTV खंगाले. बकायदा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से भी घटना की जानकारी ली गई. 

एग्जाम देने से बचने के लिए की थी मासूम की हत्या

जांच में ही CBI को 16 साल के बच्चे पर शक हुआ और हिरासत में लेने के बाद बच्चे ने खुलासा किया कि उसने स्कूल के पेपर (Exam) और टीचर-पेरेंट मीटिंग (Parents Meeting) से बचने के लिए बच्चे की हत्या की थी. हत्या बकायदा प्लान बना कर की गई थी. जिसके बाद सीबीआई ने 7 नंवबर 2017 को बच्चे को हिरासत में लेकर जांच शुरू की और 5 फरवरी 2018 को मामले की चार्जशीट दाखिल की. जांच के बाद गिरफ्तार कंडेक्टर अशोक कुमार को छोड़ने की वकालत भी सीबीआई ने की.

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जान से मारने की धमकी देकर पुलिस ने कंडक्टर को फंसाया

सीबीआई ने जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन एसीपी बिरम सिंह, भोड़सी के तत्कालीन एसएचओ नरेंद्र सिंह खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर सिंह और सुरेश चंद के खिलाफ IPC की धारा 166A, 167, 330 और 506 में चार्जशीट दाखिल की है. ये चारों पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन्होनें बेकसूर अशोक कुमार को गलत तरीके से फंसाया, जान से मारने की धमकी देकर गलत बयान लिए और सबूत जुटाए.

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