सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसे 6 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया था.
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नई दिल्ली: कोरोना संकट (Coronavirus) के चलते हैदराबाद एनकाउंटर (Hydrabad Encounter) मामले की जांच तय समय में पूरी नहीं हो पाएगी. पिछले साल दिसंबर में हुए इस एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसे 6 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया था. यह छह महीने की अवधि जांच समिति की पहली बैठक से शुरू होनी थी जो कि फरवरी में हुई थी.
कमेटी के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के रिटायर्ड जज जस्टिस वी एस सिरपुरकर व सदस्यों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के रिटायर्ड निदेशक डी आर कार्तिकेयन और रेखा बालडोटा हैं. बता दें कि जस्टिस सिरपुरकर की उम्र 74 साल है, कार्तिकेयन की उम्र 84 साल है और रेखा बालडोटा 65 साल की हैं. कमेटी के तीनों सदस्य सीनियर सिटिजन है, जिन्हें कोरोना संकट काल में जांच पूरी करने में काफी दिक्कतें आ रही है.
कोरोना संकट काल से पहले जांच के शुरुआती समय में जांच कमेटी को करीब 1400 लोगों के एफिडेविट मिले हैं, जिनमें करीब 1300 लोगों ने हैदराबाद एनकाउंटर को सही बताते हुए एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को फर्जी तरीके से एनकाउंटर करने के आरोपों से निर्दोष बताया है. लेकिन जांच कमेटी के लिए इन सभी एफिडेविट की सच्चाई का पता करने में काफी समय लग सकता है, जिसकी वजह से कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में तय अवधि में दाखिल नहीं कर पाएगी.
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